मंगलवार, 24 नवंबर 2015

बालभवन जबलपुर के लिए उपलब्धियों से भरा 2015

      
दिल्ली बाल भवन में लोकगीत – ढिमराई की प्रस्तुति  
 बालभवन जबलपुर के बच्चे  इन दिनों जो उंचाई छोने की कोशिश कर रहे हैं बेशक न केवल हमारे लिए बल्कि सम्पूर्ण महिला सशक्तिकरण, एवं सभी विभागीय अधिकारियों के लिए  एक सुखद एहसास है .  बालभवन  जबलपुर में संचालित गतिविधियों को लेकर आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव एवं भोपाल जवाहर बाल भवन की संचालक श्रीमती तृप्ति मिश्रा , सहायक संचालक श्री एम एस पवार कई अवसरों पर मुक्त-कंठ सराहना कर चुके हैं . इतना ही नहीं सहयोगी श्री आर सी मिश्रा का कहना है- " बालभवन संस्कारधानी का प्रतिनिधित्व सही मायनों में कर रहा है . " 
       संभागीय उपसंचालक श्रीमति मनीषा लुम्बा को अटूट भरोसा होता है वे अक्सर नये प्रयोगों के लिए प्रेरित करतीं हैं साथ ही अक्सर बच्चों के साथ अपना समय भी बितातीं हैं . 
                                   दिल्ली बाल भवन में छाए बाल भवन के बच्चे       
                       

राई-लोकनृत्य का अवलोकन करते हुए मान.
स्मृति इरानी जी स्काई-ब्ल्यू साडी में
 
दिल्ली में  राई-नृत्य लेकर गए बच्चों को खूब सराहा गया . यह नृत्य  तीव्र गति का नृत्य है. इसकी उत्पत्ति  मध्य-प्रदेश के सागर संभाग के पथरिया गाँव जिला  दमोह से हुई है. लोकनर्तकियों जिन्हैं बेड़नी कहा जाता है  द्वारा यह नृत्य अपने ईष्ट की आराधना हेतु प्रस्तुत किया जाता रहा है . कालान्तर में इसे जीविकोपार्जन हेतु मनोरंजन के रूप में प्रस्तुत किया जाने लगा. किन्तु इस नृत्य विधा को अन्य नृत्य की तरह प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा अपनाया जाने लगा. राज्य सरकार द्वारा भी राई-लोकनृत्य के संवर्धन के लिए प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं . इसमें टिमकी, मुख्य वाद्य का राईगीत के साथ होता है वाद्य  कला दल के साथ भेजा जा रहा है.     
            लोक-गीत :- लोकगीत – ढिमराई की प्रस्तुति ( ढिमराई) जल स्रोतों से जीविकोपार्जन करने वाली ढीमर जाति का परम्परागत गीत है. मुख्य वाद्य ढोलक की संगत दी जाती है.

                                   // कला-दल  में शामिल कलाकार //
क्रम
नाम
विधा
आयु वर्ष में

01
मास्टर आयुष रजक
गायन
12 वर्ष
02
मा. नयन सोनी
गायन
14 वर्ष
03
मा. हर्ष सौंधिया
गायन
12 वर्ष
04
मा. राघव शरण राज
टिमकी वादक
15 वर्ष
05
मा. सूर्यभान सिंह ठाकुर
ढोलक वादक
 09  वर्ष
                                           लोक-नृत्य / परिसंवाद
06
कु. मनु कौशल
नृत्य एवं परिसंवाद
15  वर्ष
07
कु. समृद्धि असाटी
नृत्य एवं अभिनय
13  वर्ष
08
कु. शिफाली सुहाने
नृत्य
12  वर्ष
09
कु. आस्था अग्रहरी
नृत्य
11  वर्ष
10
कु. मिनी दयाल 
नृत्य
15  वर्ष

 राई नृत्य का निर्देशन  प्रशिक्षक श्री इन्द्र पांडे ने किया तथा गायन हेतु सुश्री शिप्रा सुल्लेरे , श्री सोमनाथ सोनी  एवं सेमिनार र्श्रीमती रेणु पांडे, एवं  श्री देवेन्द्र यादव का मार्गदर्शन रहा है । 

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