शनिवार, 23 जुलाई 2016

सीमित साधनों में असीमित कोशिश कर रहा है बालभवन : श्री सुशील शुक्ला



आज सम्पन्न रचनात्मक  लेखन में कविता, कहानी, गद्य, नाट्य-सम्वाद, तथा वादन में – तबला, हारमोनियम, सितार, गिटार, सिंथेसाइज़र, बांसुरी, ढोल, मृदंग, सेक्सोफोन, की प्रस्तुतियां . दी गईं        

संस्कारधानी के बच्चों को बच्चों के लिये देश के लिये स्थापित  प्रतिष्ठित बालश्री सम्मान अर्जन के लिये बच्चों   को प्रोत्साहित  करना गौरव की बात है. बालभवन जैसी  संस्था अपने सीमित साधनों  में असीमित कोशिश में कार्य कर रही है. मैं व्यक्तिगत रूप से बेहद प्रभावित हूँ . तदाशय  के  विचार   श्री सुशील शुक्ला सदस्य जिला योजना समिति ने बालभवन में आयोजित राष्ट्रीय बालश्री 2016 चयन हेतु प्रक्रिया के उदघाटन सत्र में व्यक्त किये.

प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी संचालक बालभवन ने दी जबकि अतिथियों का स्वागत श्री मति विजयलक्षमी अय्यर एवम श्रीमति मीना सोनी ने किया .  इस अवसर पर नेत्र दिव्यांग बालिकाओं  अंजली लोधी एवम भावना विश्वकर्मा ने प्रस्तुत की . कार्यक्रम के संयोजन में श्रीअमित जाट की भूमिका महत्वपूर्ण रही . लेखन के   निर्णायक के रूप में श्री  अनुराग त्रिवेदी, कुमारी प्रगति पांडे,  वादन निर्णायक के रूप में श्री शरद नामदेव, श्री विनोद  कायंदे उपस्थित रहे.
कार्यक्रम में श्रीमति रेणु पाण्डे, सुश्री शिप्रा सुल्लेरे,श्री सोमनाथ सोनी, नृत्य-गुरु श्री इंद्र पांडे, श्री देवेन्द्र यादव  के अतिरिक्त कुमारी महिमा गुप्ता  श्री शुभम जैन का सहयोग उल्लेखनीय रहा   . 

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