सोमवार, 2 जनवरी 2017

प्रगल्भ प्रतियोगिता में संभागीय बालभवन के बच्चों ने जीते सर्वाधिक पुरस्कार


         
 शासकीय केन्द्रीय ग्रंथालय व संभागीय बाल भवन के विशेष सहयोग मार्गदर्शन एवं  सोशल एक्टिविस्ट व लेखक अनुराग त्रिवेदी एहसास के संयोजन में चार विधाओं में चलने वाली प्रतियोगिता –“ प्रगल्भ प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य था  सृजनात्मक बाल प्रतिभाओं की क्षमता का संवर्धन एव कला में  मौलिकता को निखारना था जिसके लिये भिन्न भिन्न प्रयोगों का सहारा लिया गया  जैसे गायन विधा सभी प्रतिभागियों की ज़िम्मेदारी थी कि वे जबलपुर अथवा मध्यप्रदेश के  साहित्यिक मनीषियों के लिखे गीतों को चुनें ।  इस प्रयोग से   जबलपुर के  साहित्यनुरागीयों एवम  सृजनधर्मियों में   प्रतियोगिता को अनूठा निरूपित किया  मुख्य अतिथि चन्द्रशेखर ने कहा कल्पना से अधिक अच्छा कार्यक्रम हुआ है इस तरह का यह प्रयोग बच्चों की सृजनात्मक क्षमता को बढाने के साथ उनके बोद्धिक स्तर पर भी अच्छा प्रभाव डालेगी। अनूठे इस प्रयास को ऐसे ही निरंतर करते रहें और प्रयास करें कि सभी संस्कारधानी के लोग सारस्वत अनुष्ठान से जुडें और संयोजन  मे मदद करें।“ 
चित्रकला विधा के पूर्व  प्रतिभागियों को 12 मिनट की कहानी सुनाई गई । दो घंटे का समय दिया गया कि
प्रतिभागी अपने ब्रशों से मन के भावों को चित्र में उभारें। निर्णायक श्रीमती मीनल ज़रगर, राजेश त्रिवेदी अरुणकांत पांडे ।

लेखन विधा में युवा चित्रकार शुभमराज अहिरवार (बाल श्री पुरस्कार विजेता) ,   द्वारा बनाया चित्र रखा गया जिसे देखकर 70 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.  
थियेटर : इस प्रतियोगिता में प्रत्येक प्रतिभागी  रंगकर्मी को किसी ऐतिहासिक चरित्र अथवा घटना, या सामाजिक चरित्र को  5 मिनट में मंच पर सजीव करना था।  
                             
प्रतियोगिताओं में अतिथि के रूप में जबलपुर नगर की विशिष्ठ हस्तियां उपस्थित रहीं जिनमे   संगीतकार  श्रीमती तापसी नागराज, श्री मुरलीधर नागराज , श्री  सिद्दार्थ गोतम, विवेकचतुर्वेदी  वरिष्ठ चित्रकार कामता सागर, वरिष्ठ चित्रकार सुरेश श्रीवास्तव, आशुतोष असर, मनीष तिवारी,सोहन सलिलराघवेन्द्र द्विवेदी डा आस्था बिल्लोरे (जयपुर) की उपस्थिति विशेष उपलब्धि रही. 

कार्यक्रम  सफलता पूर्वक संचालन- अनुभूति द्विवेदी, प्रगति पांडेगरिमा शुक्ला, वाणी गुप्ता ने किया और दिव्या गुप्ता राहुल मिश्रा रवि विशाल पंकज गुप्ता राजेश अवतार आनंद धनजय सुमित ने किया।
                          
                   कार्यक्रम को ग्रंथालय और एवम  बालभवन से हर सम्भव सहयोग दिया ग्रंथपाल हर्षिता डेविड,  विरेन्द्र पटेल,   , तृप्ति गोखले, शिप्रा सुल्लेरे, सोमनाथ सोनी, इन्द्र पांडे, मनीषा तिवारी, दुर्गेश यादव, अमित जाट, श्रीमती  विजयलक्ष्मी अय्यर,श्रीमती मीना  सोनी मेडम,अरुण तिवारीटेकराम जी, सीता देवी और प्रवीण यादव का प्रभावी सहयोग रहा 


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