सोमवार, 10 नवंबर 2014

Sejal Tapa : BalBhavan

NAME:-KU. SEJAL TAPA
FATHER’s NAME:-MR. SUNIL KUMAR TAPA
MOTHER’S NAME: - MRS. SUNITA TAPA
D.O.B:- 07-08-2001, AGE:-13
ADRESS:-NEAR GAHOI DHARAMSHALA,
 BARSAIYAN KA BADA, KATNI (M.P.)
MOBILE:-09630802456 / 09893129787
SCHOOL:- SYNA INTERNATIONAL SCHOOL, JHINJHARI , KATNI-JBP
HOBBIES:- TABLA, ART & CRAFT .ETC

ACHIEVEMENTS:- 

1.      Kolkata ON 25-12-2013 TO 01-01-2014. 6TH ALL INDIAN CLASSICAL MUSIC, DANCE, FOLK DANCE, DRAMA COMPETITION & 3RD INTERNATIONAL FESTIVAL & SECURE - CHAIRMAN’S AWARD IN TABLA.
2.      CUTTACK ON 20-01-2014 TO 31-01-2014. ALL INDIA MULTI-LINGUAL CHILDREN’S / YOUTH/ WOMEN’S PLAY/DANCER & MUSIC COMPETITION-2014 & SECURE -1ST POSITION IN TABLA.

3.      MALAYSIA ON 19-08-2014 TO 20-08-2014.INDIAN CULTURAL CENTER, HIGH COMMISSION OF INDIA , KUALA LAMPUR , MALAYSIA & SECURE-FUTURE TALENT SAMMAN AWARD WITH CERTIFICATE & CURRENCY.

रविवार, 9 नवंबर 2014

बाल दिवस 2014 के पूर्व बाल-भवन में में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन


बाल दिवस के पूर्व बाल भवन परिसर में निम्नानुसार प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही शिक्षा विभाग के सहयोग से जिले स्तर पर मंडला, डिंडोरी, कटनी, सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, जबलपुर, छिंदवाड़ा जिलों में मतदाता जागरूकता अभियान के तहत नि:बंध लेखन, भाषण, वाद-विवाद, चित्रकला प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु सूचना जारी की गई है.  
क्र
प्रतियोगिता
तिथि
समय
1
चित्रकला प्रतियोगिता एकल
10/11/14
02:30
2
हस्तकला
11/11/14
02:30
3
इनडोर गेम्स - कैरम शतरंज
10/11/14
02:30
4
मूर्तिकला
12/11/14
02:30
5
आउटडोर गेम्स – डाज़बाल, व्हालीबाल

12/11/14
03:30
6
म्यूज़िकल-चेयर
12/11/14
02:30
दिनांक 14 नवम्बर को बालदिवस के मौके पर  एक दिवसीय कार्यक्रम शहीद स्मारक प्रेक्षागार में अपरान्ह 02:00 से आयोजित है. कार्यक्रम में बाल कलाकारों द्वारा निर्मित चित्रों, कलात्मक सामग्रियां, बाल-कविताओं के पोस्टर्स, महापुरुषों की मूर्तियों (बस्ट) का अनावरण, बच्चों द्वारा संयुक्तरूप से बनाई गई पेंटिंग “शक्तिरूपा” का अनावरण भी किया जावेगा.
बालभवन के बाल कलाकारों द्वारा सामाजिक मूल्यों पर केंद्रित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, मतदाता जागरूकता अभियान पर केंद्रित नाटिका, एवम आकर्षक नृत्य, वाद्यवादन, भी प्रस्तुत किये जावेंगे. बालभवन की ओर से  बच्चों को सस्नेह आमंत्रित किया गया है.


शनिवार, 8 नवंबर 2014

पहले टाक शो में मायानगरी के कैमरामैन श्री शैलेन्द्र त्रिवेदी

 बाल-भवन, जबलपुर  में आयोजित प्रथम टाक शो में  श्री संतोष राजपूत , मुंबई से पधारे श्री शैलेंद्र त्रिवेदी 
साथ में संचालक, एवं बालभवन परिवार  
"दृश्य के संवहन के लिए कैमरा काफी नहीं कैमरे से दृश्यों  को निहारती आँखें अगर किसी कलाकार की न होतीं तो परदे वाला कलाकार , कलाकार न होता सकता . न ही हिन्दी फिल्मों के जनक  दादा साहब फाल्के अपने सपनों को साकार कर पाते. दादा साहब फाल्के की परिकल्पना अवाक फिल्म हरिश्चंद्र के रूप में सामने आई 3 मई, 1913 को . जबकि 21 अप्रेल 1913 में इस फिल्म का संभ्रांत शहरियों के बीच रिलीज़ हो ही चुका था .  तब से अब तक सिनेमा में अदभुत परिवर्तन आए. अवाक से सवाक, सवाक से डाक्युमेंट्री, शार्ट फिल्मस, विज्ञापन फिल्म, टीवी सोप , रियलिटी शोज़,  फिल्म रील से लेकर डिज़िटाइज़ेशन तक सब कुछ में असाधारण परिवर्तन. किन्तु कैमरे के पीछे वाले व्यक्ति के विज़न में कोई बदलाव नहीं आया . वो आज भी वो शूट करना चाहता है जिसे अच्छा कहा जाए. यानी कथा, स्क्रिप्ट , को किस एंगल से कितना सजहरूप से शूट करना है कि एक ओर कलाकार की कला का नैसर्गिक खुलासा हो वहीं दर्शक की अपेक्षाओं पर खरा उतारा जाए. "- विचार थे रीयलिटी शोज के कैमरामैन श्री शैलेन्द्र  त्रिवेदी के वे बालभवन जबलपुर द्वारा आयोजित टाक-शो (दिनांक 7 नवम्बर 2014 )  में बालभवन जबलपुर के बच्चों से बात कर रहे थे .   
व्हीकल-फैक्ट्री कर्मी श्री आनंदस्वरुप की धर्मपत्नी श्रीमती कुमुद देवी की गोद में 14 जून 1970 को जन्मे बच्चे शैलेन्द्र त्रिवेदी  बचपन से ही प्रतिभा शाली हैं. वर्ष 1990 से वे जी आई ऍफ़ युवा  नाट्य संस्था से जुडे साथ ही साथ  शैलेंद्र का जुडाव विवेचना से भी रहा . 
रंगकर्मी  राजेश पांडे  ने किलकारी के ज़रिये   बच्चों को लेकर संस्कारधानी जबलपुर में पहली बार  बाल नाट्य  शिविर का आयोजन किया  था. जिसमें  श्री शैलेंद्र का योगदान  उल्लेखनीय रहा . 
शैलेंद्र जी को सिनेमेटोग्राफी की सफलता का रहस्य उनका थियेटर से जुड़ा होना ही था. 
सारा भाई वर्सेस साराभाई , ये शादी नहीं हो सकती, बसेरा, वाह वाह क्या बात है जैसे शो के अलावा सारेगा मा पा, डी आई डी, अंत्याक्षरी जैसे कार्यक्रमों के आप तक लाने की ज़वाब देही भी  शैलेंद्र पर ही है .  
    ( टाक शो में बच्चों द्वारा किये गए सवालों पर मायानगरी के कैमरामैन श्री शैलेन्द्र  त्रिवेदी. के जवाब पर आधारित रिपोर्ट  ) 

शुक्रवार, 7 नवंबर 2014

बालभवन जबलपुर में प्रतियोगिताओं के लिए कैलेण्डर जारी

बाल दिवस 2014 के पूर्व बाल-भवन में में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
बाल दिवस के पूर्व बाल भवन परिसर में निम्नानुसार प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है
क्र
प्रतियोगिता
तिथि
समय
आयोजन स्थल
प्रभारी
1
चित्रकला प्रतियोगिता एकल
10/11/14
02:30
बालभवन परिसर
श्रीमती रेणु पांडे
2
हस्तकला
11/11/14
02:30
बालभवन परिसर
श्रीमती रेणु पांडे
3
इनडोर गेम्स - कैरम शतरंज
10/11/14
02:30
बालभवन परिसर
श्री देवेंद्र यादव
4
मूर्तिकला
12/11/14
02:30
बालभवन परिसर
श्रीमती रेणु पांडे
5
आउटडोर गेम्स – डाज़बाल, व्हालीबाल  
12/11/14
03:30
बालभवन परिसर
श्री देवेंद्र यादव
6
संगीत-कुर्सी
10/11/14
02:30
बालभवन परिसर
श्री देवेंद्र यादव
                नोट
विजेता प्रतिभागियों को 14 नवम्बर 2014 को पुरस्कृत किया जावेगा

बुधवार, 5 नवंबर 2014

ढोली अविरल करेंगे :- ढमन कड्डन.. कड्डन... कड्डन



 यूं तो मास्टर अविरल  की उम्र छै: बरस की पिछले महीने ही हुई है पर इन लिटिल-मास्टर साहबान में  सिद्धहस्त  ढोली बनने के सारे गुण मौजूद हैं वो भी तीन बरस की उम्र से . अविरल की माताजी श्रीमती रिंकी के अनुसार -"पाँव तो पालने में ही नज़र आ चुके थे. अवी ने एक बरस की उम्र से  दौनों हाथों से टेबल बरतन को बजा बजा के बताने की कोशिश की कि उसके साथ एक कलाकार भी जन्मा है माँ ..! " 
व्हीकल-फैक्ट्री में कार्यरत श्री मनीष को माँ ने अपने पुत्र के अंतस के कलाकार के बारे में बताया तो वे भी प्रभावित हुए. संकट इस बात का था कि क्या किया जाए. समय बीतते बीतते अविरल का अन्य बच्चों की तरह  स्कूल जाना प्रारम्भ हुआ . परंतु ताल ने अवि से नाता बनाए रखा. अखबारों के ज़रिये जब पता चला कि बालभवन में  “किलकारी 2014” के लिए आडिशन हो रहा है तो अवि के दादाजी और माँ रिंकी को राह मिल गई घरेलू कामकाज के साथ तालमेल बैठाकर वे मास्टर अविरल को लेकर आ गए  बालभवन . बालभवन की सदस्यता के साथ अब रोज़ अविरल बालभवन आते हैं.   वीरेन्द्र सिद्धराव और इंद्र पांडेय इनकी प्रतिभा को मांजने में जुट गए हैं. बालभवन इस बार बालदिवस 2014  किलकारी के रूप में शहीद-स्मारक भवन में आयोजित कर रहा है ... प्रशिक्षक मानते हैं कि – “अविरल की  प्रस्तुति धमाकेदार होगी 

मंगलवार, 4 नवंबर 2014

क्या-क्या सीखना है ?

1. चित्रकला
2. मूर्तिकला
3. मार्डन आर्ट
4. हस्तकला
5. संगीत
6. आधुनिक संगीत
7. नृत्य
8. नाटक
9. आधुनिक अभिनय कला
10. विज्ञान
11. सिलाई-कढ़ाई
12. गृह विज्ञान
13. खेल
14. कम्प्यूटर एनीमेशन एवं ग्राफिक्स
15. पुस्तकालय

रविवार, 2 नवंबर 2014

बालभवन जबलपुर की हर प्रस्तुति शानदार रही : मध्यप्रदेश स्थापना दिवस

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 समाचार स्रोत : पी आर ओ जबलपुर
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मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की शाम संस्कारधानीवासी अविस्मरणीय सांस्कृतिक संध्या के साक्षी बने। एक के बाद एक शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों को जैसे मंत्रमुग्ध कर दिया। विभिन्न प्रस्तुतियोंमें स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपने कला कौशल से लोगों को अभिभूत कर दिया।
मानस भवन में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शहर की विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के बच्चों ने पूरे उत्साह से अपनी कला का प्रदर्शन किया और मौजूद लोगों पर गहरी छाप छोड़ी । नवज्योति नशामुक्ति केंद्र अवधपुरी की प्रस्तुति में शराब और अन्य नशों केदुष्परिणामों को बड़ी खूबी से चित्रित किया गया और सभी प्रकार के नशों से दूर रहने की नसीहत दी गई ।
एम.डी. बंगाली कन्या शाला की नन्हीं छात्राओं ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। वंशिका पांडे के एकल नृत्य“गणपति वंदना” को भी सराहना मिली।
                श्रीम् कत्थक पीठ की छात्राओं द्वारा दी गई प्रस्तुति शिव ताण्डव में शिव के विभिन्न रूपों कानृत्य के माध्यम  से चित्रण किया गया था ।  एक बेहतरीन प्रस्तुति के रूप में इसे काफी सराहना मिली और प्रस्तुति के दौरान भी दर्शकों ने करतल ध्वनि से बच्चों का उत्साह बढ़ाया । सेंट एलायशियस स्कूल कीछात्राओं ने घूमर नृत्य प्रस्तुत किया । इसमें छात्राओं ने अपने सिर पर घघरी रखी हुई थी, जिसमें अग्निप्रज्ज्वलित थी। नृत्य के दौरान छात्राओं ने नृत्य की गति मंद और तीव्र करते हुए गजब का संतुलनदिखाया। यह संभवत: कार्यक्रम की सर्वाधिक प्रशंसित प्रस्तुति थी जिसे दर्शकों की ओर से जोरदार तालियोंका प्रतिसाद मिला। नेत्रहीन कन्या विद्यालय की छात्राओं ने दिलचस्प कव्वाली पेश की ।
अपर कलेक्टर जबलपुर  श्री छोटेसिंह बाल-भवन के बच्चों की प्रस्तुतियों से प्रभावित होकर प्रभारी अधिकारी,  बालभवन गिरीश बिल्लोरे को बाल भवन के सुदृढ़ीकरण, एवम सभी मुद्दों पर भरपूर सहयोग करने की इच्छा जताई.समारोह में जिला शिक्षा समन्वयक श्री पाठक, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री अखिलेश मिश्र की उपस्थिति उल्लेखनीय रही है.  

अपर कलेक्टर जबलपुर  श्री छोटेसिंह
सरस्वती वंदना 
 बाल भवन जबलपुर के बच्चों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । बाल भवन कीछात्राओं ने अपनी प्रस्तुति “अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो” के माध्यम से माता-पिता के लिए बेटी की भावनाओं को कामयाबी से प्रकट किया । बालभवन की नन्हीं नृत्यांगनाओं ने अपने नृत्य-कौशल से दर्शकों को चकित करदिया । पूरी प्रस्तुति के दौरान नृत्य की ताल के साथ दर्शकों की तालियां भी बजती रहीं।
म.प्र. स्थापना दिवस दिनांक 01 नवम्बर 2014
 के अवसर पर बाल भवन की प्रस्तुतियां
1.   सरस्वती वन्दना –  स्वर:- श्रेया ठाकुर, प्रिया सौंधिया , आयुष रजक, नयन सोनी, अब्दुल अंसारी , संगीत रचना :- सुश्री क्षिप्रा सुल्लेरे , तबला :  श्री सोमनाथ सोनी, कु. अंजली लोधी   
1.   नेत्रहीन बालिकाओ द्वारा समूहगीत:-  अबके जनम मोहे बिटिया ही कीजो  / स्वर :- भावना विश्वकर्मा, अंजली विश्वकर्मा, मोना दास, गुणित मंजारेवार, नीलम चौधरी, कीर्ती चौधरी,

2.   समूह-नृत्य :- इस समूह नृत्य  की रचना सत्यमेव जयते के गीत “मुझे क्या बेचेगा रुपैया ” पर श्री इंद्र पांडे श्री वीरेन्द्र सिद्धराव द्वारा कोरियोग्राफ किया गया. जिसे बाल कलाकार भूमि सुहाने, स्मृति सराफ, परिधि जैन, आस्था अग्रहरी, समृद्धि असाठी, शिफाली सुहाने, प्रियंका सोनी, संचिता श्रीवास्तव, नम्रता राव, ने प्रस्तुत किया .   
सफ़लता पूर्वक प्रस्तुतियां होने के बाद
बाल भवन एवम जि. स. अधि. कार्यालय
का कार्यदल 
                लक्ष्मीनारायण यादव विद्यालय के छात्रों ने मस्ती भरा छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य प्रस्तुत कियाजिसे सराहना मिली। होम साइंस कालेजकी छात्राओं द्वारा होली गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया। चौधरी मदर केयर की छात्राओं ने समूह-नृत्य लावणी पेश किया। एम.एल.बी. स्कूल की छात्राओं ने कालिदास रचित संस्कृत नाटिका पर श्रेष्ठ नृत्यप्रस्तुति दी। कुमारी सुहासिनी व सिमरन के एकल नृत्यों ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा। खालसा स्कूल केछात्रों ने लोकनृत्य ढिमरयाई प्रस्तुत किया। आर.एस. बेला सिंह स्कूल की बालिकाओं ने बेहतरीन नृत्यप्रस्तुति दी। इसी प्रकार एल.एन. यादव विद्यालय के बच्चों ने अहीर नृत्य के प्रस्तुतीकरण के दौरान कठिनतम आकृतियों का निर्माण कर दर्शकों को चकित कर दिया। नृत्य प्रस्तुतियों के अलावा रामकृष्णमिशन, चौधरी मदर केयर तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं के बच्चों ने भी नाट¬ प्रस्तुतियों के माध्यम सेसमाज की विभिन्न विरूपताओं को चित्रित करने में सफलता हासिल की।

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