दिनाँक 26.11.14 को बालभवन पहुँचे वरिष्ठ पत्रकार एवम
नवभारत जबलपुर के सँपादक श्री चैतन्य भट्ट ने व्यक्तित्व विकास कार्यशाला मेँ पहुँचकर
प्रशिक्षण मेँ शामिल बच्चोँ से बातचीत की तथा व्यक्तित्व विकास को बच्चोँ के सम्पूर्ण
विकास का ज़रूरी हिस्सा मानते हुए कहा कि- “शैक्षिकोत्तर गतिविधियोँ को रुचिकर एवम आवाश्यकता
के अनूकूल बनाके बालभवन जबलपुर ने उत्कृष्ट प्रयोग किया है. बहुधा अनेक प्रतिभाएँ केवल
इस कारण पीछे रह जातीँ हैँ क्योँकि उनका एपीरियेँस प्रभावशाली नहीँ होता अथवा वे आगे
चलकर प्रभावशाली सँप्रेषणीयता मेँ सफला नहीँ हो पाते . सम्पूर्ण रूप से विकसित व्यक्तित्व
किसी भी परिस्थिति मेँ प्रखर एवम मुखर होता है. सँभागीय बालभवन जबलपुर इस हेतु बधाई
का पात्र है. ”
बुधवार, 26 नवंबर 2014
बालभवन मेँ व्यक्तित्व विकास कार्यशाला
मंगलवार, 25 नवंबर 2014
स्वप्न-पाखियों ने भरी उड़ान .... : मनीषा तिवारी
सेजल तपा के बाद मनीषा तिवारी एक और
तबला वादिका से आज़ आपका परिचय करा रहा हूँ. मनीषा के घर में टेबल ( मेज ) पर थपकियां देकर गीत को ताल देतीं किन्तु बिना तालीम के संगीत साधना एक सपना ही होता है.अपने सपने को आकार देने मनीषा तिवारी ने 2007 बालभवन की ओर कदम बढाया । फिर शुरू हुई मनीषा तिवारी की प्रतिभा के निखारने की प्रक्रिया. सोमनाथ सोनी जी [ अनुदेशक ताल-वाद्य ] के साथ ही शिप्रा सुल्लेरे के प्रशिक्षकीय दायित्व में प्रशिक्षण आज भी जारी है । मनीषा का संकल्प ये है कि वो तबला वादन में अपना नाम रोशन कर संस्कारधानी एवं माता श्रीमती सुशीला तिवारी एवं पिता श्री जी. पी. तिवारी के यश को बढ़ाएं ।
मनीषा अपने बाल भवन में अपने आने से अब तक को कुछ यूं बयाँ किया
न सुर का था ज्ञान -
थे मन में गुनगुनाने के अरमान !
जब मिला बाल भवन का साथ -
तो स्वप्न-पाखियों ने भरी उड़ान !!
प्रबंधक के रूप में मैंने संस्था के निरीक्षण के दौरान मैंने पाया मनीषा की तबले पर थिरकती अंगुलियां और ताल उगाती थपकियां वाकई कल की बड़ी नामचीन प्रतिभा की आमद की आहट सी लगी । तबला वादन, घुड़सवारी, चैस यानी शतरंज, बॉक्सिंग से पुरुषों के एकाधिकार को समाप्त करने बेटियों की तैयारीयाँ नि:संदेह स्वागतेय है.
अपने हर उपलब्धि को बालभवन जोड़ने वाली बेटी मनीषा के मन में कविताऐं भी अंकुरित हो रहीं हैं … पर विषय अभी बाल-भवन ही शायद मनीषा के मन पर बालभवन अमिट रूप से अंकित है । यूं तो मन था कि मनीषा की कविता टाइप करूँ पर आप उसकी सुन्दर हस्तलिपि न देख पाते अतएव ज़रूरी था कि कविता मनीषा की हस्तलिपि में हूँ बहू पेश की जावे ।
मनीषा को बाल भवन की और से असीम स्नेह … यशस्वी भव:
मनीषा अपने बाल भवन में अपने आने से अब तक को कुछ यूं बयाँ किया
न सुर का था ज्ञान -
थे मन में गुनगुनाने के अरमान !
जब मिला बाल भवन का साथ -
तो स्वप्न-पाखियों ने भरी उड़ान !!
प्रबंधक के रूप में मैंने संस्था के निरीक्षण के दौरान मैंने पाया मनीषा की तबले पर थिरकती अंगुलियां और ताल उगाती थपकियां वाकई कल की बड़ी नामचीन प्रतिभा की आमद की आहट सी लगी । तबला वादन, घुड़सवारी, चैस यानी शतरंज, बॉक्सिंग से पुरुषों के एकाधिकार को समाप्त करने बेटियों की तैयारीयाँ नि:संदेह स्वागतेय है.
अपने हर उपलब्धि को बालभवन जोड़ने वाली बेटी मनीषा के मन में कविताऐं भी अंकुरित हो रहीं हैं … पर विषय अभी बाल-भवन ही शायद मनीषा के मन पर बालभवन अमिट रूप से अंकित है । यूं तो मन था कि मनीषा की कविता टाइप करूँ पर आप उसकी सुन्दर हस्तलिपि न देख पाते अतएव ज़रूरी था कि कविता मनीषा की हस्तलिपि में हूँ बहू पेश की जावे ।
मनीषा को बाल भवन की और से असीम स्नेह … यशस्वी भव:
बुधवार, 19 नवंबर 2014
“बालभवन-कप” व्हालीबाल टूर्नामेंट दिसंबर में
बाल भवन कप वालीबाल टूर्नामेंट |
12 से 16 वर्ष आयु वर्ग के किशोर बालकों
के लिये “बालभवन-कप” व्हालीबाल टूर्नामेंट दिसंबर के अंतिम सप्ताह में बाल-भवन परिसर
में प्रस्तावित है . संस्था प्रमुख अपने विद्यालय / संस्थान से ऐसे खिलाड़ियों की टीम हेतु प्रविष्ठी भेज सकते हैं जिनकी उम्र 31.12.2014 तक न्यूनतम 12 वर्ष से कम तथा अधिकतम 16 वर्ष से
अधिक न हो. संस्था प्रमुख अपनी सहमति के साथ ऐसी सूची भेजेंगे जिसमें खिलाड़ी का सम्पूर्ण
व्यक्तिगत विवरण अंकित हो.
स्वतंत्र खिलाड़ी एवम संस्थागत खिलाड़ियों की व्यक्तिगत जानकारी हेतु प्रारूप निम्नानुसार उपलब्ध है
“बालभवन-कप” व्हालीबाल टूर्नामेंट
क्र.
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खिलाड़ी का नाम
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जन्म तिथि
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पता
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फ़ोन नम्बर
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श्रेणी
स्कूल टीम/ स्वतंत्र खिलाड़ी
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हस्ताक्षर
संस्था प्रमुख की मुहर
नोट :-
1.
टूर्नामेंट की तिथि में बदलाव, स्थगन का अधिकार संचालक को होगा.
2.
स्वतंत्र खिलाड़ी के चयन के लिये चयनकर्ताओं का निर्णय अंतिम होगा
3.
टीम के लिये किसी भी प्रकार के शुल्क की आवश्यकता नहीं है
4.
तीन से अधिक टीम के भाग लेने पर टूर्नामेंट लीग प्रणाली से होगा ।
5.
विस्तृत जानकारी के लिये अनुदेशक श्री देवेंद्र यादव से 9425388971
अथवा बाल भवन के फ़ोन नम्बर 0761- 2401584 पर संपर्क किया जा सकता है.
सोमवार, 17 नवंबर 2014
एक उजली सुबह बिटिया प्रिया की बाट जोह रही है..
सामान्य चर्चा
में एक बार संगीत अनुदेशिका क्षिप्रा सुल्लेरे बताया था कि – “सामान्य मध्यम एवं निम्नआयवर्ग” वाले परिवारों
के बच्चे अपनी प्रतिभा को निखारने आते हैं. इस क्रम में लगभग सोलह वर्षीय प्रिया
सौंधिया की साधना सराहनीय है. गढ़ाफाटक इलाके
में निवासरत सौंधिया परिवार संयुक्त परिवार है. इसी संयुक्त परिवार में रहने वाली प्रिया अपने माता
पिता की द्वितीय बेटी हैं. जो 2009 से बालभवन में आ रहीं है. परिवार में कला का संबध मात्र श्री प्रकाशचन्द्र सौंधिया के व्यावसायिक रूप से पेंटिंग की वज़ह से है . वे मध्यम आय वर्ग से हैं तथा पेशे से मूर्तियों में पेंटिंग करते हैं. माँ श्रीमती अनिता गृहणी है. प्रिया पिता के की तरह कला के
प्रति समर्पित है . परंतु प्रिया केवल मूर्तिकला से ही नहीं वरन चित्रकला,
क्राफ्ट , गीत-संगीत, एवं नृत्य में रूचि रखतीं हैं . किन्तु सुश्री
क्षिप्रा एवं अतिथि अनुदेशक का मानना है कि-
प्रिया की आवाज लोक संगीत के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है अत: उसे हमने सलाह डी गई थी
की वह लोकसंगीत सीखे. छै बरस होगे अब प्रिया सुगम, शास्त्रीय एवं लोग गीत गायन में
पारंगत हैं. अब प्रिया राजा मानसिंह तोमर
संगीत वि.वि. से शास्त्रीय संगीत की द्वितीय वर्ष की छात्रा भी हैं ... बालभवन की ओर से प्रिया को हार्दिक शुभकामनाएं.. एक उजली सुबह
बिटिया प्रिया की बाट जोह रही है..
रविवार, 16 नवंबर 2014
शक्तिरूपा पेंटिंग लोकार्पित
बालभवन जबलपुर के बाल कलाकार
तान्या बड़कुल , रेशम ठाकुर, शुभमराज
अहिरवार , एवं रिंकी
राय ने मध्य-प्रदेश स्थापना दिवस के पूर्व अनुदेशिका श्रीमति रेणु पांडे के
मार्गदर्शन में एक पेंटिंग बनाई गई जिसमें प्रदेश की महिलाओं की स्थिति को “शक्तिरूपा” के रूप में प्रदर्शित किया गया है.यह
पेंटिंग अवसाद एवं दबाव के दुष्चक्र से मुक्त होती प्रदेश की तस्वीर है. जो
आत्मनिर्भरता के लिये शिक्षा एवं बेहतर स्वास्थ्य परिस्थितियों के चलते “गौरवी” का स्वरूप ले चुकी है. पेंटिंग का अनावरण बाल
दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश बाल आयोग की सदस्या मान. श्रीमति रीना गुज़राल, म. प्र. सफ़ाई कर्मचारी आयोग की सदस्या मान. श्रीमति सुमित्रा बाल्मीकी,
उप अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री विजयशंकर पांडेय द्वारा किया गया .
शनिवार, 15 नवंबर 2014
वरिष्ट कलाकार श्री राजेंद्र कामले किलकारी में
दशावतार पेंटिंग में खो गये मुख्य अतिथि श्री राजेंद्र कामले जी .. ऐनक के पीछे वाली आंखें स्थिर थीं.. अवाक भी हुए कुछ पल फ़िर बोले बच्चे कभी अमौलिक नहीं होते वे असली होते हैं और उनके रंग भी....... वाह क्या बात है !! |
दशावतार पेंटिंग में खो गये मुख्य अतिथि श्री राजेंद्र कामले जी .. चस्मे के पीछे वाली आंखें स्थिर थीं.. अवाक भी हुए कुछ पल फ़िर बोले बच्चे कभी अमौलिक नहीं होते वे असली होते हैं और उनके रंग भी....... वाह क्या बात है !!
चाहा नेहरू की प्रतिमा का अनावरण किया
कैप्शन जोड़ें |
मुख्यअतिथि श्री कामले ने स्वच्छतारत गांधी जी के चित्र पर हस्ताक्षर करके "स्वच्छभारत" आंदोलन के प्रति समर्थ व्यक्त किया.
बच्चों द्वारा रानी दुर्गावति संग्रहालय में जाकर प्रतिमाओं का हूबहू चित्रांकन किया गया जिससे प्रभावित होकर श्री कामले ने बालकलाकार को प्रतिभा सम्पन्न कलाकार बनने की भविष्यवाणी की. उन्हौने कहा -"कमर्शियल आर्ट के दौर में पोट्रेट , लाइव एवम स्पोट पेंटिंग को नेपथ्य में लाया गया है पर बच्चों ने आज भी मौलिकता को बरकरार रखा है मुझे आज़ विश्वास हो चला है. "
टाक-शो में खूब पूछा बच्चों ने
प्रदर्शनी के उदघाटन अवलोकन के बाद मुख्य अतिथि श्री राजेंद्र कामले जी को टाक-शो के लिये कु. लक्षिता शुक्ला , कल्याणी नेमा एवं मास्टर स्वमेव सूर्यवंशी ने मंचासीन कराया और बौछार कर दी सवालों की.
आप ने सिर्फ़ पेंटिंग क्यों सीखी...?
आप पेंटिंग कब करते हैं....?
आप किससे प्रभावित हैं....?
आपको, आपके मम्मी-पापा ने पेंटिंग के लिये डांट डपट तो नहीं की..?
जैसे ही श्री कामले ने कहा नहीं... कभी नहीं तो .. अक्षिता झट बोल पड़ी- मेरी मम्मी को समझा दीजिये..
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दिनांक बाल दिवस 14. नवम्बर 2014 को जबलपुर के शहीद स्मारक भवन परिसर में “चित्रकला एवं कला प्रदर्शनी” का आयोजन मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र कामले की उपस्थिति में किया गया . जिसे में प्रशिक्षणरत बच्चों कु. लक्षिता शुक्ला कल्याणी
नेमा एवं मास्टर स्वमेव सूर्यवंशी ने संचालित किया . प्रवेश द्वार पर ही बच्चों ने
गुलदस्ता भैंट कर मुख्य अतिथि श्री कामले का स्वागत किया गया .
मुख्यअतिथि श्री कामले ने स्वच्छतारत गांधी जी के चित्र पर हस्ताक्षर करके "स्वच्छ भारत
आंदोलन" के प्रति समर्थन व्यक्त किया
अतिथि द्वारा बाल-भवन के प्रशिक्षणार्थी द्वारा भारत के
प्रथम प्रधानमंत्री स्व. जवाहरलाल नेहरू की मूर्ति को अनावृत किया. नेहरूजी की प्रतिमा
में अचकन पर उकेरे लाल ग़ुलाब को अपलक देखते हुए अतिथि ने कहा कि -"वाह, ऐसा प्रयोग
मुझे कभी देखने नही मिला अक्सर बस्ट में केवल आधार कलर का ही प्रयोग होता है. पर इस
प्रतिमा में लगा ग़ुलाब अनूठा प्रयोग है. बच्चे
ही किसी भी अनुप्रयोग को पूरी दृढ़ता से करने एवं उस पर ध्यान आकृष्ट कराने का सामर्थ्य
रख सकते हैं "
कु. लक्षिता शुक्ला, कल्याणी नेमा एवं मास्टर स्वमेव सूर्यवंशी |
जबलपुर नगर के प्रतिष्ठित कलाकार श्री राजेंद्र कामले ने समारोह से विदा लेते समय सहायक संचालक से अपनी आत्मीयता दर्शाते हुए कहा मैं स्वयं बालभवन आकर बच्चों के साथ सीखूंगा भी सिखाऊंगा भी .... |
शुक्रवार, 14 नवंबर 2014
स्वच्छता अभियान पर केंद्रित कार्यक्रम आंगनवाड़ी केंद्रों पर प्रारंभ
जिला कार्यक्रम अधिकारी दमोह श्री अनिल जैन दमोह नें किशोरी बालिकाओंं को संदेश वाहक बनाया |
आयुक्त बाल विकास सेवाएं मध्य-प्रदेश द्वारा ज़ारी निर्देशानुसार बाल स्वच्छता कार्यक्रम 2014 के अंतर्गत
जिले के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बाल दिवस पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया
गया जा रहा है . इस क्रम में बाल विकास सेवा विभाग के सभी जिलों में निरंतर कार्य किया जाकर स्वच्छता अभियान पर केंद्रित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.
डिंडोरी जिले की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमति कल्पना तिवारी रिछारिया ने बताया कि - "जिले में स्वच्छता के परिपेक्ष्य में बच्चों के बीच किया जाने वाला कार्य अन्य जिलों की अपेक्षा ज़रा हट कर है. उनका मानना है कि डिंडोरी जिला दुरूह मार्गों आदिवासी बाहुल्य जनसंख्या के साथ साथ सबसे कम घनत्व वाली आबादी वाला है अत: हमने सबसे पहले सबसे दूर के गावों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखकर कार्ययोजना तैयार की है. जहां हम बच्चों के साथ साथ महिलाओं के बीच पहुंचकर स्वच्छता के संदेश व्यक्तिश: पहुंचाने के उद्देश्य से स्थानीय बोली भाषा में संदेश दे रहे हैं . इतना ही नहीं हम सभी विभागों का सहयोग ले रहे हैं. साथ ही सम्भागीय बालभवन के सौजन्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम के ज़रिये स्वच्छता के संदेश प्रसारित करेंगें "
श्रीमति कल्पना तिवारी रिछारिया ने अमरपुर ब्लाक के सक्का में उपस्थिति स्वच्छता की स्तिथि का जायज़ा लिया |
दमोह जिले में बाल कल्याण परिषद भोपाल द्वारा प्रेषित थीम बेटी की मुस्कान देश की शान विषय पर
कलेक्टर श्री स्वतंत्र कुमार सिंह के मार्गदर्शन में स्थानीय जसवंतलाल प्रहलादभाई बीड़ीवाला
शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिला कार्यक्रम
अधिकारी आईसीडीएस अनिल जैन द्वारा राज्यपाल श्री रामनरेश यादव के संदेश का एवं विद्यालय
की प्राचार्य श्रीमती शमा बेग द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
के संदेश का वाचन विद्यालय की छात्राओं एवं स्टाफ की उपस्थिति में किया गया। जिला कार्यक्रम
अधिकारी आईसीडीएस द्वारा आंगनबाड़ी चलो अभियान एवं बाल स्वच्छता अभियान 01 से 19 नवंबर
14 को आयोजित गतिविधियों की जानकारी देते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जाने
वाली विभागीय सेवाओं की जानकारी प्रदान की गई साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र पर किशोरी बालिकाओं
के कौशल उन्नयन एवं विकास हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण के द्वारा बालिकाओं को आत्मनिर्भर
बनने की गतिविधि से अवगत कराया गया एवं देश की बेटी की मुस्कान से ही देश की शान से
विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। विद्यालय में आयोजित बाल पखवाड़ा कार्यक्रम में
विजयी छात्राओं को विद्यालय प्राचार्य एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पुरस्कार प्रदान किये गए ।
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