बुधवार, 26 अगस्त 2015

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कामकाजी महिलाओं के लिए वसती गृह का शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महिलाओं का सशक्तीकरण राज्य सरकार का मिशन है। महिला सशक्तीकरण के मामले में मध्यप्रदेश को देश का आदर्श राज्य बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही महिलाओं के स्व-सहायता समूहों का सम्मेलन बुलाया जायेगा। श्री चौहान आज यहाँ कामकाजी महिलाओं के रहवास के लिये 6 करोड़ की लागत से बनने वाले महिला वसति गृह के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। वसति गृह में दूर अँचल से आने वाली कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित एवं सुविधाजनक आश्रय उपलब्ध हो सकेगा।
श्री चौहान ने बहनों को रक्षा-बंधन की बधाई देते हुए भाइयों से अपील की कि वे रक्षा-बंधन के अवसर को विशेष बनाते हुए बहनों को बीमा योजनाओं का लाभ दिलवाकर सुरक्षा बंधन का उपहार दें। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिये स्व-प्रेरणा से प्रयास करें।

श्री चौहान ने कामकाजी महिलाओं के लिये महिला वसति गृह को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आवश्यकता पर और भी महिला वसति गृह बनाये जायेंगे। महिला पंचायत में की गई घोषणाओं को जल्द ही पूरा करने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये प्रदेश में सबसे ज्यादा काम हुए हैं। स्थानीय निकाय में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था जबकि 56 प्रतिशत पद पर महिलाएँ चुनकर आयीं और शासन-प्रशासन की बागडोर सँभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक शासन के सूत्र महिलाओं के हाथ में नहीं आयेंगे तब तक सशक्तीकरण की प्रक्रिया अधूरी रहेगी। उन्होंने पुलिस बल में 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिये आरक्षित करने का प्रस्ताव जल्द ही प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिये।
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एजेण्डे में महिला सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है। उन्होंने बताया कि भोपाल के बाद अब इसी तरह के वसति गृह इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में भी बनाये जायेंगे। उन्होंने हाल ही में शासकीय महिलाओं को चाइल्ड केयर अवकाश देने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि माताओं-बहनों के लिये मुख्यमंत्री की तरफ से कीमती उपहार है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिये सामुदायिक नेतृत्व का कार्यक्रम भी जल्द शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिये उठाये गये कदमों और अनूठी योजनाओं के मामले में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से आगे है।
आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने कहा कि महिला वसति गृह बहनों के लिये राखी का उपहार है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में महिलाएँ आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास के साथ आगे बढ़ रहीं हैं। इस अवसर पर मध्यप्रदेश में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये किये जा रहे प्रयासों और चलाई जा रही योजनाओं पर आधारित लघु फिल्म भी दिखायी गयी। मुख्यमंत्री ने परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री का अभिनंदन
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा शासकीय महिला कर्मियों को बच्चों की देखभाल के लिये 730 दिवस का चाइल्ड केयर अवकाश देने के फैसले का स्वागत करते हुए शासकीय महिला कर्मियों ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन और आभार व्यक्त किया।
योगदान को मिला पुरस्कार और सम्मान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला-बाल विकास कल्याण के लिये चलायी जा रही योजनाओं और अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देने और उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया। राजगढ़ के श्री जितेन्द्र सिंह सिसोदिया द्वारा 55 बाल-विवाह की सूचना देकर बाल-विवाह रुकवाने पर उन्हें रक्षा-सूत्र सम्मान दिया गया। राजगढ़ जिले के रामपुरिया, सीहोर के जहाँगीरापुरा, रायसेन के वार्ड क्रमांक-18 और छतरपुर जिले के खजुराहो के शौर्या दल को बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने, स्वच्छ भारत अभियान चलाने और 10 वर्षीय बालिका को मानव तस्करी से बचाने पर प्रशंसा-पत्र दिये गये। राजगढ़ की संगीता नागर, विदिशा की रानी रघुवंशी को लाडो अभियान में बाल-विवाह रोकने तथा इसके प्रति लोगों में जन-जागृति लाने के प्रयासों पर प्रशंसा-पत्र दिये गये।
मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना में टीकमगढ़ की श्रीमती रामकली कुशवाह, विदिशा की सुश्री लता यादव को एस.ए.टी.आई. विदिशा से ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण लेने, भोपाल की कु. मंजू भट्ट और कु. पूजा प्रसाद को महिला पॉलीटेक्निक से फैशन डिजायनिंग का प्रशिक्षण लेने का प्रमाण-पत्र दिया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा और बड़ी संख्या में शौर्या दल की सदस्य एवं विभिन्न जिलों से आईं महिलाएँ उपस्थित थीं।

रविवार, 9 अगस्त 2015

सुप्रसिद्ध सरोद वादक देबस्मिता बालभवन जबलपुर में


देबस्मिता जी के ट्विटस बच्चों के लिए 
सिटी भास्कर ने 5 अगस्त 2015 के अंक में
छापी प्रमुखता से खबर    
हितवाद भी पीछे न था 
देबस्मिता मशहूर सरोद वादक दिनांक 5 अगस्त 2015 को  स्पिकमैके, जबलपुर चैप्टर के साथ   बालभवन के लिए किये गए साझा संकल्प के तहत बालभवन के बच्चों से मिलीं . बच्चों से मिलकर देबस्मिता का उत्साह बढ़ गया . बालभवन के बच्चों को ज़रुरत भी है ऐसे  कलाकारों से मिलने की जो ये बताएं कि उनकी कला साधना कैसे निखरी . ?
मुझसे उनकी मुलाक़ात ट्वीटर पर हुई उन्हौने कहा प्रभावित हैं वे हमारे नन्हे कला साधकों से
हम आभारी हैं  स्पिकमैके, जबलपुर चैप्टर के


youtube पर सुनिए देबस्मिता जी का सरोद वादन 

सोमवार, 13 जुलाई 2015

कविता : बालभवन


बड़े रौनक भरे होते हैं मासूमों के चेहरे -
वो जब गीत गाते हैं या फिर ब्रश चलाते हैं
***************
चहल-कदमी, शरारत शोरगुल से भरा आँगन
नृत्यशाला में मस्ती भरा वो झूमता बचपन
कुछेक मिट्टी सने करबद्ध नमस्ते करते हैं मुझको –
कोई कहता है – नहीं आया ! वो बुखार है उसको ।
वो आते हैं लुभा लेते हैं मुसकुराते हैं –
जनम दिन पर साथ वो टॉफी के आते हैं ....
बड़े रौनक भरे होते हैं मासूमों के चेहरे -
वो जब गीत गाते हैं या फिर ब्रश चलाते हैं
***************
अंकित काँपता था सुना जब यहाँ आया
किसी को था पसंद पर किसी को न था वो भाया
उसके कांपते हाथों ने प्रतिमाएँ गढ़ीं थी –
कुछेक जर्जर मिलीं कुछ ले गया वो जो उसने गढ़ीं थीं
दिव्यचक्षु कुछ बालिकाएँ   सुर  साधने  आतीं –
ये भी कह जातीं हैं कैसे ! हम जीत पाते हैं ...
बड़े रौनक भरे होते हैं मासूमों के चेहरे -
वो जब गीत गाते हैं या फिर ब्रश चलाते हैं
***************
  


बुधवार, 1 जुलाई 2015

लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवर्तित स्वरूप ई लाडली हेतु संभाग स्तरीय प्रचार कार्यक्रम प्रारम्भ

एक जून 2015 से प्रारंभ ई-लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रचार प्रसार के लिए संभागीय उप संचालक महिला सशक्तिकरण श्रीमती मनीषा लुंबा  द्वारा आगामी तीन माह तक चलने वाले सघन प्रचारात्मक कार्यक्रम का शुभारंभ संभागीय बाल भवन जबलपुर में किया ।  कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों एवं आदिवासी बाहुल्य जिलों में योजना के नए एवं आंशिक रूप से परिवर्तित स्वरूप को जन जन तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को तत्परता बरतने के निर्देश दिये ।
1.     कियोस्क से भी आवेदन दे सकेंगे अभिभावक  :-  “परिवर्तित योजना सहज सरल हो गई है कोई भी अभिभावक खण्ड स्तरीय सशक्तिकरण अधिकारी / बाल विकास परियोजना अधिकारी क कार्यालय में सीधे अथवा लोक सेवा केंद्र से / आन-लाइन आवेदन कर सकते हैं ।”
2.     मिलेगा एक मात्र प्रमाण पत्र :- “परिवर्तित स्वरूप को व्यापक प्रचार प्रसार हेतु लगातार संभाग भर में विविध कार्यक्रम किए जा रहे हैं,  ई-लाड़ली के अंतर्गत अब पोष्ट-आफिस से एन एस सी जारी नहीं होंगी । अब ई-लाड़ली के तहत पूर्व से  जारी की गईं  एन एस सी को बाल विकास परियोजना अधिकारी / खण्ड स्तरीय महिला सशक्तिकरण के कार्यालयों में जमा करना होगा । ताकि लाड़ली लक्ष्मी प्रमाण पत्र जारी किया जावेगा ।‘’ 
प्रचार अभियान शुरुआत हेतु आयोजित कार्यक्रम में  समृद्धि असाटी , श्रेया ठाकुर, प्रिया सौंधिया, अमृता असाटी,ने बालिका जीवन पर केन्द्रित कोलाज गीत की प्रस्तुति सुश्री शिप्रा सुल्लेरे  के निर्देशन में किया गया ।
इस अवसर पर श्रीमती अजय जैन, सहायक-संचालक, संचालक संभागीय बालभवन की उपस्थिती उल्लेखनीय है । कार्यक्रम के आयोजन में श्री शरद बोरकर,श्री  नीलेश कश्यप,  श्री पीयूष खरे श्री इन्द्र पांडे, श्री सोमनाथ सोनी, श्री श्रीमती रेणु पाण्डे, की सहभागिता उल्लेखनीय रही ।

बुधवार, 24 जून 2015

ठाओ बारहा को जावे है जित रानी को चौरा

“ठाओ बारहा को जावे है जित रानी को चौरा ”
बाल भवन में रानी दुर्गावती बलिदान दिवस पर लोकरंग प्रस्तुति सम्पन्न ।



         जबलपुर/ वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर म.प्र. शासन के महिला सशक्तिकरएा संचालनालय द्वारा संचालित संभागीय बाल भवन गढ़ाफाटक जबलपुर   मुख्य अतिथि सहित्यकार, कवि श्री मोहन शशि जी साथ ही बाल भवन के संचालक गिरीश बिल्लोरे, आसुरिड संस्था से श्रीमती शिखा पाण्डेय.  व निदान संस्थान से श्री मनीष व्यास एवं श्रीमती अर्चना जोशी की उपस्थिती में रानी दुर्गावती बलिदान दिवस पर भावनात्मक स्मरण किया गया ।
          इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा : इस अवसर बच्चों को वीरांगना के आत्मोत्सर्ग की कहानी अवगत कराते हुए कहा कि- वीरांगना का आत्मोत्सर्ग हमें आज़ादी की कीमत से परिचित कराता है । कवि स्वर्गीय पूरणचंद्र श्रीवास्तव की पंक्तियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि – बलिदानी वीरांगना की समाधि पर जाने मात्र से मन भावातिरेक से भर जाता है । हमें सदा देश के लिए आत्मोत्सर्ग के लिए भी तत्पर रहना चाहिए ।
         बाल कलाकार कु. नीति शर्मा के मंच संचालन में बाल भवन के कलाकारों ने वीरांगना रानी दुर्गावती पर आधारित लोक गीतो को संगीत अनुदेशक सुश्री शिप्रा सुल्लेरे के निर्देशन में लोकनृत्य पंथी,करमा,बधाई,राई की प्रस्तुति लोकनृत्य कार्यशाला प्रशिक्षक श्री इन्द्र पाण्डेय व कु. अंकिता गिनारा के निर्देशन में की गई। साथ ही बाल भवन के चित्रकला छात्रों ने वीरांगना रानी दुर्गावती के चित्र प्रदर्शित किये। इस अवसर पर प्रतिभागीयों को मुख्य अतिथी श्री शशि ने पुरुस्कृत किया।

         कार्यक्रम में लोकगीतों को सार्थक रजक, सजल सोनी, करन द्विवेदी, हर्ष सोंधिया, देवकुमार, राम कोरी, और लोकनृत्यों में कु.वंशिका दुबे, आयुषि तिवारी, शिवानी विश्वकर्मा प्रियंका सानी, मिनी दयाल, प्रतीक्षा सोनी, अंजली रैकवार, हर्षिता गुप्ता, परिधि जैन, आशी जैन, आदि बाल कलाकारों ने प्रस्तुतिंया दी है । कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन श्री पीयूष खरे ने किया ।

मंगलवार, 23 जून 2015

वीरांगना रानी दुर्गावती स्मृति दिवस पर बालभवन का स्मृति आयोजन

          


           बालभवन जबलपुर द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती स्मृति दिवस पर निदान सोशल एवं मेडिकल वेलफ़ेयर सोसायटी जबलपुर एवं आसुरिड जबलपुर के सौजन्य से स्मृति आयोजन 24 जून 2015 को अपरान्ह 3:00 बजे से संभागीय बालभवन जबलपुर  साहित्यकार गीतकार श्रीयुत मोहन “शशि” के मुख्य आतिथ्य में श्री संतोष गोडबोले अध्यक्ष, ग्राहक-पंचायत की अध्यक्षता में  बालभवन जबलपुर में  आयोजित है ।
          इस अवसर पर सुश्री शिप्रा सुल्लेरे के संगीत निर्देशन में भावांजलि  लोकसंगीत एवं श्री इन्द्र पाण्डे के निर्देशन में  लोक नृत्यों से वीरांगना को श्रद्धांजलि अर्पित की जावेगी ।


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