गुरुवार, 28 जनवरी 2021

राष्ट्रीय कला उत्सव : बालभवन जबलपुर की अनुष्का सोनी ने प्रदेश को गौरवान्वित किया

हमारे जबलपुर संस्कारधानी के लिए अत्यंत  गौरवपूर्ण क्षण 


आज दिनांक 28 जनवरी 2021 को पूर्वान्ह 11:00 बजे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय कैबिनेट मिनिस्टर महोदय डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक  द्वारा घोषित राष्ट्रीय कला उत्सव के 18 प्रतियोगिताओं के परिणामों में मध्य प्रदेश से शास्त्रीय संगीत कला संकाय में और जबलपुर की अनुष्का सोनी  आत्मजा श्रीमती कामिनी सोनी  एवं श्री  सजल सोनी ( विद्यालय डीपीएस हायर सेकेंडरी स्कूल मंडला रोड ) एवं बाल भवन जबलपुर की संगीत छात्रा ने सितार वादन प्रस्तुत करते हुए पूरे भारत में तृतीय स्थान अर्जित किया है इस प्रतियोगिता में जिला संभाग तथा राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिता की। मध्य प्रदेश से कुल 39 प्रतिभागियों ने सहभागिता की थी यह विद्यार्थी जिले स्तर से राज्य स्तर तक प्रथम आते हुए ऑनलाइन माध्यम से अंत में राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश आरसीबी नरोना एकेडमी के थिएटर से शामिल हुए अपनी प्रतिभा और प्रस्तुति के बेहतर प्रदर्शन के तहत आपको यह स्थान प्राप्त हुआ है मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग संभागीय संयुक्त संचालक जिला शिक्षा विभाग जबलपुर सहित  जिले के मुखिया श्री कर्मवीर शर्मा जी कलेक्टर जिला जबलपुर के मार्गदर्शन में यह हमने उपलब्धि अर्जित की  विगत राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी 2021 को  राज्य स्तर में प्रथम आने के परिपेक्ष में उनको सम्मानित किया गया था . आज उन्होंने पूरे भारत में तृतीय स्थान अर्जित किया है हम सब की ओर से उन्हें बधाई। इस उपलब्धि पर संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती  शशि शशि श्याम उईके जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एम एल मेहरा जिला शिक्षा अधिकारी श्री घनश्याम सोनी कोऑर्डिनेटर कला उत्सव जबलपुर श्री उपेंद्र यादव ने बालिका को बधाईयां दी है।

अनुष्का का परिचय
  डीपीएस स्कूल  जबलपुर में  कला विषय से 11वीं की छात्रा अनुष्का सोनी प्रख्यात संगीत शिक्षक श्रीमती कामिनी एवम श्री सजल सोनी जी की पुत्री हैं ।  श्री सजल सोनी स्वयं प्रतिष्ठित संगीततज्ञ एवम विभिन्न वाद्यों के वादक है लगभग 20 वर्षों से संस्कारधानी के बच्चों को संगीत का प्रशिक्षण दे रहा है । वर्तमान में अनुष्का के विशेष प्रशिक्षण के लिए संभागीय बाल भवन में संचालक श्री गिरीश  बिल्लोरे के द्वारा उनके संगीत अनुदेशक शिप्रा सुलेरे के द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनके ही मार्गदर्शन में उन्होंने राज्य स्तर पर एवं राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिता की ।

राष्ट्रीय स्तर पर संस्कारधानी जबलपुर एवं मध्य प्रदेश का नाम रोशन करने वाली छात्र को संस्कारधानी के कलाकारों द्वारा हार्दिक बधाइयां भी ज्ञापित की जा रही है

गुरुवार, 21 जनवरी 2021

बाल अपराधों के संदर्भ में आपसी तालमेल बेहद जरूरी है : श्रीमती गिरिबाला सिंह, सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण

बाल अपराधों के संदर्भ में आपसी तालमेल बेहद जरूरी है : श्रीमती गिरिबाला सिंह, सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
जबलपुर 21 जनवरी 2021
"बाल अपराधों के परिपेक्ष में भारत में प्रभावी कानूनी व्यवस्थाएं हैं एकीकृत बाल संरक्षण अधिनियम एवं बच्चों के विरुद्ध लैंगिक अपराध जैसे कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पुलिस एवं महिला बाल विकास विभाग का आपसी एवं प्रभावी समन्वय अत्यंत आवश्यक है । इन कानूनों में दोनों विभागों को बेहद संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए। तथा से के विचार श्रीमती गिरीबाला सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री शरद भामकर ने भी दोनों कानूनों के क्रियान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
*होटल कलचुरी में आयोजित बच्चों के अधिकार एवं पुलिस की भूमिका विषय पर केंद्रित इस कार्यशाला का विषय प्रवर्तन श्री संजय अब्राहम सहायक संचालक ने किया ।*
  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के ब्रांड एंबेसडर कुमारी उन्नति तिवारी ने कार्यक्रम का संचालन किया । 
   इस अवसर  *संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती शशि श्याम उईके एवम श्री एम एल मेहरा जिला कार्यक्रम अधिकारी जबलपुर*, ने महिला बाल विकास विभाग द्वारा बाल संरक्षण अंतर्गत संचालित संस्थाओं के प्रबंधन एवं सर्वेक्षण एवं विभागीय कार्यक्रमों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई । 
आवाज संस्था के प्रतिनिधि श्री प्रशांत दुबे ने मध्य प्रदेश तथा महाकौशल क्षेत्र में चाइल्ड ट्रैफिकिंग की स्थिति प्रस्तुत करते हुए उससे बचने तथा ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों तथा उनमें स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका तथा महत्व को उदाहरण के साथ प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साउथ श्री गोपाल खांडेल ने पुलिस विभाग द्वारा उठाए गए कदमों एवं विभाग के मैदानी अमले को इन कानूनों से निरंतर प्रशिक्षित करते रहने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। 
तकनीकी सत्र में श्री प्रशांत दुबे , श्री प्रांशु जॉर्ज, सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों क्रम शहर श्रीमती स्मिता ठाकुर श्री ऋतुराज कुमरे  सरिता यादव ने विचार व्यक्त किए । कार्यशाला में महिला बाल विकास विभाग के  परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक के अलावा पुलिस विभाग के  उप निरीक्षक तथा बाल कल्याण अधिकारी उपस्थित रहे। एक दिवसीय आयोजन का आभार प्रदर्शन श्रीमती नंदनी सराफ ने किया

शनिवार, 19 दिसंबर 2020

राष्ट्रीय कला उत्सव : राष्ट्रीय स्तर पर जाएंगे बालभवन जबलपुर के 4 बच्चे

जबलपुर संस्कारधानी के 4 विद्यार्थी राष्ट्रीय कला उत्सव में चयनित
स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी एवं संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय कला उत्सव की 18 विधाओं में से जबलपुर संभाग  के 12 विधाओं में विद्यार्थी राज्य स्तर पर चयनित हुए थे ।कोविड-19 के कारण आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता में भोपाल में 17 और 18 दिसंबर को आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में उक्त चार विद्यार्थी प्रदेश में सर्वोच्च स्थान पर आए और उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होकर प्रस्तुति की पात्रता अर्जित की अब इनकी ऑनलाइन प्रस्तुति दिल्ली में होगी
भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय अंतर्गत स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता शिक्षा विभाग के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कला उत्सव के अंतिम चरण राष्ट्रीय स्तर पर जबलपुर जिले के 4 विद्यार्थी अलग-अलग विधाओं में चयनित हुए ।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण श्रीमती अंनधा देव जिला शिक्षा अधिकारी श्री घनश्याम सोनी ए डी पि सी आर एम एस ए श्री अजय दुबे, संयुक्त संचालक महिला बाल विकास श्रीमती शशिश्याम उइके, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एम एल मेहरा संचालक संभागीय बाल भवन गिरीश बिल्लौरे ने  सभी चयनित प्रतिभागियों को बधाइयां दी गई हैं जिले से लेकर राज्य स्तर तक चयन प्रक्रिया में उपेंद्र कुमार यादव कार्यक्रम समन्वयक शिक्षा विभाग श्रीमती अंजना राणा मॉडल हाई स्कूल तथा सीमा मिश्रा का सक्रिय योगदान रहा है । यह एक विशेष उल्लेख का विषय है कि चारों विद्यार्थी चार अलग-अलग विद्यालयों से हैं किंतु यह चारों संभागीय बाल भवन में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं , जिन्हैं कला प्रशिक्षक  डॉ.  रेणु पांडे, संगीत प्रशिक्षक डॉ. शिप्रा सुल्लेरे एवम श्री सोमनाथ सोनी द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। शीघ्र ही इन विद्यार्थियों को जिले स्तर पर सम्मानित किया जाएगा
राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित

1 अनुष्का सोनी, कक्षा - 11

संभागीय बाल भवन जबलपुर
विद्यालय- दिल्ली पब्लिक स्कूल मंडला रोड जबलपुर

गर्व शीतल जैन
संभागीय बालभवन जबलपुर(जॉय सीनियर सेकंडरी स्कूल)

खुशबू राय कक्षा दसवीं महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जबलपुर संभागीय बाल भवन में प्रशिक्षणथी मिट्टी की मूर्ति कला


4 कु सखी जैन (,नेत्र दिव्यांग)
संगीत (वादन) लोकसंगीत
संभागीय बालभवन जबलपुर (महारानी लक्ष्मी बाई हायर सेकण्डरी स्कूल)
  

मंगलवार, 17 नवंबर 2020

व्यक्ति चर्चा : मलय दासगुप्ता

रोज रोज कुछ ना कुछ नया मौजूद होता है ब्रह्मांड में । रोज कोई एक नया व्यक्ति मिलता है रोज कोई एक नया ख्याल आता है। 
    श्री मलय दासगुप्ता से मिलने की कोई खास वजह नहीं है । सार्वजनिक जीवन में कौन कब किस से मिलता है उसे याद रखना भी बड़ा मुश्किल होता है । यह तो मुलाकात है बहुत कम हुई है पर एक दूसरे को पहचाने नहीं कोई कमी नहीं रह गई है। सामान्यतः हर किसी पर कलम चलाने की भी इच्छा नहीं होती.... ! यह एक स्वाभाविक एक स्वाभाविक मनोवृत्ति है ।  मलय जी मुझसे आयु में बड़े हैं समझ और चिंतन में भी। अंग्रेजी हिंदी बांग्ला जिनकी मातृभाषा है के बेहतरीन जानकार है। अध्ययन तो इतना है मानो उनके ब्रेन की हार्ड डिस्क में लाखों किताबों जमा हो। ऐसा अंदाज कब लगाया जा सकता है जबकि बातचीत के दौरान रेफरेंसेस अर्थात अर्थात् संदर्भ तुरंत ही निकलते हैं। दासगुप्ता साहब से बात करने का आनंद ही कुछ और है। एक बेहतरीन कम्युनिकेटर हैं। किसी वैचारिक गुच्छे से उनका कोई लेना-देना नहीं। कविता और सृजन से उनका गहरा नाता है । व्यक्ति चर्चा की इस क्रम में आज उनके बारे में कुछ जानकारी प्रस्तुत है
परिचय
नाम:- मलय दासगुप्ता "मलय"
पिता का नाम:- स्व. उपेन्द्र कुमार दासगुप्ता
जन्म तिथि व स्थान:- २९ अगस्त १९५२, जबलपुर म. प्र.
सेवानिवृत सीनियर एडिटर डिफेंस अकाउंट्स डिपार्टमेंट (मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस) अकाउंट्स ऑफिस व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ।
बचपन से ही हिन्दी, बांग्ला, अंग्रेज़ी पठन पाठन में अभिरुचि।
तीनो भाषाओं की कविताओं में अतीव अनुराग।
माडल हाई स्कूल जबलपुर "सम्प्रति लज्जा शंकर झा" में शालेय शिक्षण १९६३ से १९६९।
तात्कालिक भाषण, वादविवाद व काव्य पाठ विधाओं में विशेष आग्रह, अंतर्शाले प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी। हस्तलिखित वार्षिक शालेय पत्रिका लेखन में विशेष योगदान। संपादकीय विषय वस्तु लेखन में निज अभिप्राय की अभिव्यक्ति देना विशेषता थी।
१९७२ में शासकीय विज्ञान कॉलेज जबलपुर से बीएससी डिग्री। तदनतर १९९२ में एम. ए. हिंदी व १९९८ में L.L.B रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ।
१९८४-८५ से १९९६ तक आकाशवाणी जबलपुर द्वारा आयोजित कविता पाठ व कविगोष्ठी में आमंत्रित।
शिर्डी सांई भजन और राधा कृष्ण कीर्तन - भक्ति गीत मिलाकर १०० से अधिक गीतों की रचना, २००७ में स्वरचित सीडी "प्रेम के रंग अनेक" का विमोचन प्रख्यात संगीत गुरु निर्देशक गायिका  डॉ शिप्रा सुल्लेरे द्वारा कंपोजिंग व गायन ।
२०१७ जबलपुर नर्मदा महोत्सव में स्वरचित जबलपुर नगर परिचय गीत का पद्मश्री डॉ सोमा घोष द्वारा गायन।
अध्यात्मिक विषयवस्तुओं में सदैव गहन अभिरुचि रही आयी है।
"नर्मदा परिक्रमा" पर परिभ्रमण दृष्टिकोण से नैसर्गिक सौंदर्य व तीर्थाटन अन्तर्गत अध्यात्म व पर्यटन के समन्वित स्वरूप पर अनुभूति परख लेखन।
रामकृष्ण कथामृत अन्तर्गत अनेक दृष्टांत पर मौलिक चिंतन व लेखन।
भगवद गीता के जीवन संदर्भित कथनों पर मौलिक टिप्पणी व आलेख।
नर्मदा पर बांग्ला पुस्तक "तपो भूमि नर्मदा" के २ खंडो का हिंदी में अनुवाद ।
६९ वर्ष की वयः संधि में कविता, आध्यात्म लेखन व चिंतन, भजन और गीत लेखन ही दिनश्चर्या है।
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ईष अनुभूति

कोशिश की कितनी ही बार
आलोकित करू तेरी प्रेम रश्मि हृदय में बार बार
ऐसा हुआ नहीं अब तक संभव हो न सका हे नाथ 
तुम्हारा आसन मेरे जीवन में वही जहा गहन अंधकार
उस लता सा अस्तित्व मेरा 
सूख गया जिसका मूल
प्रस्फुटन को कलिया आतुर 
पर खिलता नहीं फूल
मेरे जीवन में महिमा तेरी 
न हो सकी साकार
कदाचित इसे ही तो कहते है 
वेदना का निर्मम उपहार
प्रेम सजल नयन नहीं
खिलता नहीं पुण्य प्रताप
प्रपंच प्लावन बहे जीवन धारा 
रह गया शोक संताप
वैभव मंडित तथापि नीरस 
कैसा ऐश्वर्य विहीन परिधान !
अंतहीन चाहत के रहते
मेरी यही तो पहचान
उत्सव कभी हुआ नहीं जीवन
न आया मधुमास 
ना ही नवीन का आगमन
या आनंद संतृप्त अश्रुपात
कौन करता आश्वस्त "मलय" तथापि
करने भगीरथ प्रयास
बहेगी जीवन में प्रेम भागीरथी कभी
लेकर ईष अनुराग लेकर ईष अनुराग
कोशिश की कितनी ही बार
आलोकित करू तेरी प्रेम रश्मि हृदय में बार बार
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स्मृति शेष
गोधूलि की डूबती सांझ में सुरमई जब रंग भरे
आए थे तुम प्रियें जब अस्तगामी की लाली ढले

संशय था मन में कुछ कहने को पर कह ना सके
देखा था मैंने सलज्ज् संकोच की लाली तुम्हारे अरविंद मुख पे

रुके नहीं चले गए थे, जाते जाते देखा था अर्थपूर्ण चितवन से  
सौम्य आग्रह मर्मस्पर्शी वेदना थी मृदु दृष्टि निकच्छेप में

गोधूलि की डूबती सांझ में सुरमई जब रंग भरे
जब भी देखता हूं उड़ते शुभ्र विहंग दल, शरतीर सा नभनीेल तले

उठती है टीस "मलय" वेदना विगलित अंतर्मन घिरे 
बोलते नयन कंपित अधर छुब्ध लालिमा मुख कमल

मुखरित ना हो सका था प्रेम अंततः वियोग गहन छणों में
साक्षी स्वरूप थे दर दीवार मेरे साथ संताप संतृप्त म पल पल में 

आए थे तुम प्रिय जब अस्तगामी की लाली ढले
गोधूलि की डूबती सांझ में सुरमई जब रंग भरे
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दिन ललित बसंत के

मन मधुप मधुर सुर तान जगे
रंग लाल गुलाल पलाश लगे
सरसो फूले अवनी पीत भए
प्रिय प्राण सखे
दिन ललित बसंती अान लगे
मन डोल गयों मधु रंग के संग
तन बन गयो नवरंग के अंग
चहुं अोर बहे महके सुरभि
मादक महुए संग बाजे मृदंग
कासे कहूं प्रिय प्राण सखॆ
दिन ललित बसंती आन लगे
नवनीत लगे कोपल तरुवर
नवतरंग में जागे है सरोवर
जीवंत लगे आशा की लहर
हुए प्राणवंत अब आठो प्रहर
कह ना सकूं अब प्राण सखे
दिन ललित बसंती आन लगे
उदास पवन "मलय" टीस लगे
जब कूक कोयलिया हूंक उठे
अनुराग रंग खग मृग और वृंद
अभिराम रूप धरे सृष्टि अनंत
प्रिय प्राणवंत हे प्रियंवदे
दिन ललित बसंती आन लगे
दिन ललित बसंती आन लगे
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कुछ आसान नहीं रह गया

भ्रष्टाचार की मखमली पायदान पर 
ईमान का हर कदम अब थक गया है
यारों ! इक ज़िन्दगी जी लेना अब आसान नहीं रह गया है ।
यहां हवा का रुख देख बात करने लगे है लोग
तमाशबीनों की भीड़ से इन्कलाब की उम्मीद 
आसान नहीं रह गया है
लोकतंत्र की चौपाल पर लगती है राजतंत्र की पंचायत
कानून के लंबे हाथ, वे हाथ नहीं आते जो रसूखदार और खास
किनके भरोसे महफूज़ है आम जनता की जिंदगानी
कहना आसान नहीं रह गया है
वादों में होती है लब्जों की कवायद
दिखाए जाते है उम्मीद के सब्जबाग
अब कौन बहा लाएगा कल्याण की भागीरथी
कहना आसान नहीं रह गया है।
यूं तो तालीम की हर किताब से 
निकलती है सदाचार की गंगा
हकीकत की तपती रेत पर
कहा तक बह पाएगी कहना आसान नहीं रह गया है।
फूल है खुशबू वही
भौरों की गुनगुनाहट वही
पर बोझिल हवाओं में "मलय"
मौसम का फिर खुशनुमा होना
अब आसान नहीं रह गया है।
 भ्रष्टाचार की मखमली पायदान पर 
ईमान का हर कदम अब थक गया हैl
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प्रेम असीम
लड़ाई हर हाल में बुरी नहीं होती, हर हाल में सुकून भी भली नहीं होती
वह इश्क़ परवान चढ़ता ही नहीं, तकरार की जहां गुंजाइश नहीं होती
प्रेम में झंझट कहीं छुपी सी है रहती, शिकवे शिकायत में खूब खिलती महकती
मासूम है इतना रूठने पर दिल ए नादान 
अश्क आंखों में लबों पर हसी दे जाती 
प्रेम में गहराई अनंत 
प्रेम का आकाश दिगंत
आलम तन्हाई की होती है लहरों के नीचे
क्योंकि परमार्थ के सागर में स्वारथ की जड़े नहीं होती
जो उड़ा आसमान लिए इश्क़ परवाज़ 
छोड़ ख्वाइशों की दुनिया के थोथे अरमान
अब कदम पड़ते है फलक पर या "मलय"
दयारे - इश्क़ में दूर दूर तक ज़मी नहीं मिलती
लड़ाई हर हाल में बुरी नहीं होती, हर हाल में सुकून भी भली नहीं होती
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अनुपम तुम आए थे
अनुपम तुम आए थे आज प्राची आलोक में
अरुण वर्ण पारिजात पुष्प लिए हाथों में
निद्रित शहर नीरव पथ पथिक ना थे
अकेले ही चले गए थे स्वर्णिम रश्मि रथ में
रुकते थमते चलते देखते थे मेरे वातायन को
कदाचित देखा था तुमने करुण सजल नैनों से
अनुपम तुम आए थे आज प्राची आलोक में
अरुण वर्ण पारिजात पुष्प लिए हाथों में
सपने सुरभित हो उठे थे अनाहूत सुगंध से
गूंज उठी थी घर दीवार मुक्त्तक छंद आनंद से
धूल धूसरित निशब्द स्तब्ध मेरी वीणा 
बज उठी थी आज अनाहत के आघात से
कितनी ही बार सोचा मैंने उठ जाऊ त्वरित
सारे अवसाद त्याग दौड़ जाऊ देखू तुम्हे
पर यह हो ना सका कुंठा या आत्मग्लानि परिहास
मिल ना सका तुमसे पात्रता ना थी मेरी
अंततः रिक्त आभास 
अनुपम तथापि तुम आए थे आज प्राची आलोक में
अरुण वर्ण पारिजात पुष्प लिए हाथों में
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नयन बरस के सावन आये

हेरित रही श्याम पुंज घटा घिरे 
नील गगन पर छाए
सजल सघन अनजन के बहते
कमल नयन भर आये
अरुण अधर सूख कम्पित भये
करुण वेदना झांके
नीरव वियोग के मूक वे प्रतिपल
कह गए नैना के धारे
स्तब्ध है सावन विदा के पलछिन
विरह कालिमा छाये
हेरित रही श्याम
कह गए थे पिया मेघ के संग संग
बरसन लेकर आये
एक वारी करे तृप्त धरा  को
एक जियरा आग लगाए
बिरह तपन कह देक्ज न पाए
असउण बहे जियरा जलाये
झरझर झरते बिजुरी दमकते
विरहिणी को आस जगाए
विलाप नयन मलय अब पथरा गए
नयन बरस के सावन आये ।
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पूर्ण धर्मयुद्ध की अभिलाषा में

यहां प्रतिदिन एक कुरूछेत्र से गुजरना होता है
नित महाभारत सी द्वंद में रहना पड़ता है
सत्य की निष्ठा पर आशंकित रहते हुए 
किसी अप्रत्याशित का पूर्वाभास हो जाता है
काल चक्र यूहीं घूमता रहता है
अघटनविघटन के नित इतिहास रचता है
न्याय अन्याय सत्य असत्य एक ही तुला के दो दंड है
अब अस्तित्व का श्रेय बलवती होने पर जाता है
सर्वधर्म समभाव के असीम संभावना के रहते
रूढ़ीवादिता का शिकार होना पड़ता है।
परिधिगत उदारवादिता की परिपाटी में
संकीर्णता चरमोत्कर्ष का आभास देता है
तभी तो आज कई कर्ण तिरस्कृत हो जाते है
होते है दिशाहीन सारथी विहीन अर्जुन
अंगीकार से वंचित रह जाते कई भीष्म
मान्यता से परे रह जाते कई द्रोण यहां।
यह कैसा अधर्म था धर्म युद्ध में
क्या एक ही असत्य चिर अजेय सर्व सत्य में
कदाचित आज भी प्रायश्चितरत है "मलय"
धर्मराज के उद्देश्य में आव्हान में
तभी तो होती है पुनरावृत्ति महाभारत की
पुनः पुनः एक अंतहीन कड़ी में
पूर्ण धर्मयुद्ध की अपरिमित प्रत्याशा में
अपरिमित प्रत्याशा में
यहां प्रतिदिन एक कुरूछेत्र से गुजरना होता है
नित महाभारत सी द्वंद में रहना पड़ता है
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में सीढ़ी हूं

मैं सीढ़ी हूं ----------
युग युगान्तर से सिर्फ एक सीढ़ी
सुन्दर परिमार्जित शब्दों में कही सफलता का सोपान हूं
कहीं क्रमवर्धक ज्ञान मंजिरी शब्दजाल में गुंफित मेरे अस्तित्व व कृतित्व अनेक परिचय से विभूषित किया इस सभ्यता ने
निर्लिप्त नेत्रों से अनवरत देखा है मैंने
सभ्यता के समसामयिक उतार चढ़ाव को
रखा है मैंने अपने मर्मस्थल में
इतिहास दर इतिहास की परतों में
दंभ ध्वनित पदशचापो की बर्बरता को
साक्षी स्वरूप मेरे अक्षत-क्षत जब कभी
उन परतों को विदीर्ण कर उनमुक्त हुए
उन्हें वेष्टित किया गया मखमली आवरण के अन्तराल में
मेरे अंतर का चीत्कार हाहाकार प्रतिगुंजित होती रही इस अवगुंठन में
क्षुब्ध हूं तथापि आश्वस्त हूं "मलय"
अंतर्मन की निशब्द विजय दुंदुभी के प्रति
अभी भी गुंजित होता है दर्पचूर पदस्थलित
"हुमायूं" का आर्तनाद
मुझसे होकर गिरते गुजरते एक एक पदशचाप में ।
में सीढ़ी हूं युग युगांतर से सिर्फ एक सीढ़ी ---------
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फासले कश्मकश के

फासले हमारे बीच रहे
कुछ नजदीकियां चाहिए
करीब आने के लिए
कुछ दूरियां भी तो चाहिए
रिश्तों में ताजगी रहे
गर्मजोशी रहे जब भी मिले मिलते रहे
नज़रों की पहल कुछ ऐसी
आज तक कश्मकश में रहे
इन आँखों की कशिश कुछ ऐसी
वो छवि कभी ओझल ना हुई
सांझ की झुरमुट में देखा था
काजरारी नैना दो झुकी
आबो हवा वक़्त की ऐसी
वह फिजा पहेली सी लगी
नैनन की देखी आज तक
हृदय कभी भूला ही नहीं
तिष्नगी दिल की "मलय"
अनहद सी गूंजती रह गई
कमसिन प्रेम की मासूम कड़ी
कसक बन के रह गई, कसक बन के रह गई
फासले हमारे बीच रहे
कुछ नजदीकियां चाहिए ।
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सावन आयो

सावन आयो पुलकित तन मन 
पवन मधुर बहे सुरभित उपवन
सावन आयो -----
रिमझिम बरसे नीर बहाए
पिया मिलन की आस जगाए 
कोयलिया की कूक है लागे
चिर विरह की अगन लगाए
चिर विरह की ------
श्याम मेघ जब घिर घिर आए
गिरी श्रृंग के रूप में छाए
बिजुरी चमके कुछ ऐसे जैसे
चंद्रचूड़ संग मेनका डोले
चंद्रचूड़ संग ------
रिक्त हृदय करे अति अभिलाषा
"मलय" आज कहे नहीं है दुराशा
पावस के हर पल रुत गाएं
पावन है आशा अभिलाषा
सावन आयो पुलकित तन मन
********

शनिवार, 14 नवंबर 2020

Bal Bhavan Jabalpur : Report by Smt. Simran Singh

शुभ दीपावली सभी बच्चों को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आइए जानते हैं जबलपुर शहर के बाल भवन के बारे में क्रिएटिव स्कूल है और यहां पर जो शिक्षक गण आते हैं वह भी बड़े क्रिएटिव हैं हर रोज कुछ नया बच्चों को सीखने को मिलता है चाहे बाद गेम्स कि वह म्यूजिक की हो डांस की हो या फिर साहित्य और ड्रामा की ही क्यों ना खास बात यह है कि इस क्रिएटिव स्कूल से बच्चे ब्रांड बन कर निकल रहे हैं चाहे बात इशिता विश्वकर्मा के लिए लीजिए या फिर रत्निका श्रीवास्तव के लिए लीजिए जैसे इशिता विश्वकर्मा ने लिटिल चैंप्स के साथ ज़ी सारेगामापा में बेहतर प्रदर्शन किया और साथ ही अवार्ड अपने नाम किया ठीक वैसे ही वर्तमान में रत्निका  तारे जमीन पर म्यूजिकल शो में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं और बात उन्नति करें  तो बहुत उम्दा कलाकार और श्रेया खंडेलवाल अपने आप में बेमिसाल तो सारे कलाकार जो हैं वह कहीं ना कहीं अपने आप में बेहतर हैं और इसका पूरा श्रेय जाता है बाल भवन की पूरी टीम को गिरीश  जी शिप्राजी रेनू मैडम सोनी जी गेम्स के टीचर और साथ ही वक्त वक्त पर अहम भूमिका निभाने वाले कई विशेषज्ञ दीपमाला रावत जी यह सभी ऐसे स्तंभ है जो बच्चों को कला में माहिर बना रहे हैं जैसा कि आप सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले समय में बच्चों के एजुकेशन में बहुत बदलाव करने वाले हैं और उसमें पढ़ाई के साथ-साथ इंटरटेनमेंट को भी शामिल किया गया है और कहीं ना कहीं यह बाल भवन आने वाले समय में उन सभी बच्चों के लिए यह क्रिएटिव स्कूल के रूप में और अच्छे से उभर कर सामने आएगा उम्मीद है कि इस स्कूल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ महिला बाल विकास विभाग संस्कृति मंत्रालय अपना सहयोग प्रदान करेगा और साथ ही साथ जनप्रतिनिधि भी अपना सहयोग देंगे तो आने वाले समय में यह स्मार्ट बाल भवन बनकर लोगों के बीच में एक उम्दा क्रिएटिव स्कूल  बन सकेगा आज बाल भवन की  इस फिल्म को आप भी देखें रेवा टीवी डिजिटल मीडिया की एक पहल और साथ ही हमारी पूरी टीम के द्वारा यह उपहार हमारे कैमरामैन रॉबिन भाई और अखिलेश जी का धन्यवाद साथ ही कमल जी और अभिषेक का धन्यवाद जिन्होंने इसमें अपना योगदान दिया सभी बाल भवन के बच्चों को शुभकामनाएं और यह उपहार हमारी तरफ से आप सभी के लिए  इसे देखिए और साथ ही रेवा टीवी डिजिटल मीडिया को सब्सक्राइब करें लाइक शेयर #NarendraModi #smrati irani #RBharat #republictv #ShivrajSinghChouhan #sanskratimantralaya #reva #Commissioner #collector jbp #jansamparkmadhyapradesh #jansampark jbp #balbhawan jbp #WCD #Deepmala

मंगलवार, 9 जून 2020

On line Registration open : मध्यप्रदेश राज्य बालश्री कला प्रतियोगिता 2020



कार्यालय संचालक संभागीय बालभवन जबलपुर
383 जवाहर वार्ड मेन रोड गढ़ाफाटक जबलपुर, मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश राज्य बालश्री कला प्रतियोगिता 2020

सार्वजनिक सूचना

संचालक महिला बाल विकास मध्यप्रदेश भोपाल निर्देशानुसार  संचालक महोदय जवाहर बाल भवन द्वारा प्रेषित विषय अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य बालश्री कला प्रतियोगिता 2020
प्रतियोगिता संबंधी विवरण निम्नानुसार है
जवाहर बाल भवन द्वारा लॉकडाउन के इस दौर में भी बच्चों की सृजनात्मक कला के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जा रही है। बच्चों को विभिन्न कलाओं में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है इसमें गायन वाद अभिनय सृजनात्मक लेखन, चित्रकला मूर्तिकला हस्तकला माईम मोनोलॉग  आदि शामिल है ।
“ऑनलाइन आवेदन हेतु प्रक्रिया के लिए”
बाल भवन द्वारा बच्चों के सृजनात्मक कला के विकास के लिए ऑनालाइन राज्य बालश्री प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। 20 जून 2020 तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में 5 से 10 वर्ष तथा सीनियर वर्ग में 11 से 16 वर्ष तक के बच्चे भाग ले सकते है, 16+ आयुवर्ग की बालिकाओं को केवल पाक-कला के लिए प्रवेश लिया जा सकता है ।  
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए एवं बालभवनो  में पंजीयन करा कर  वार्षिक सदस्यता हेतु  www.jawaharbalbhawanbhopal.com के माध्यम से पंजीयन कराया जा सकतें है । पंजीयन के पूर्व वेबसाइट में दर्शित विवरण अनुसार 60/- पंजीयन शुल्क देना होगा
इसके अतिरिक्त 89595032502 9425011719 तथा 9669333020 मोबाइल नम्बर पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
जबलपुर एवं शहडोल जिलों के प्रतिभागी  प्रतियोगिता में सम्मिलित लेखन के अन्तर्गत हस्तलिखित रचना तथा चित्रकला, हस्तकला एवं मूर्तिकला प्रतियोगिता के अन्तर्गत निर्मित कलाकृतियों को लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात संभागीय बालभवन जबलपुर में भेजें. अथवा  भोपाल संभाग के बच्चे जवाहर बाल भवन, भोपाल में अपनी सुविधानुसार जमा करा सकते हैं।
     नृत्य, गायन, वादन एवं अभिनय के कुछ चयनित प्रतिभागियों की प्रस्तुतियाँ लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात आवश्यकतानुसार जवाहर बाल भवन, भोपाल में कराई जायेगी। नृत्य, गायान, वादन, अभिनय की वीडियो तथा हस्तकला, चित्रकला, मूर्तिकला की कलाकृति की फोटो एवं लेखन के अन्तर्गत लिखी रचनाओं की स्केनकॉपी 20 जून 2020 को सायं 6 बजे तक jawaharbhavanbpl@gmail.com पर ई-मेल पर भी भेजी जा सकतीं हैं  
सभी प्रतियोगिताओं में जूनियर एवं सीनियर वर्ग में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिये चयनित प्रतियोगिताओं को पृथक-पृथक पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। प्रतियोगिता विवरण और नियम की विस्तृत जानकारी बालभवन की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
 उपरोक्त विज्ञप्त सूचना अनुसार कृपया संस्थागत पंजीयन कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने की कृपा कीजिए। प्रत्येक संस्था अधीक्षक प्रभारी अधिकारी अपने संस्थान के बच्चों का पंजीयन कराकर आवश्यक पंजीयन शुल्क रु 60  ड्राफ्ट के रूप में अथवा ऑनलाइन भी भेज सकते हैं पंजीयन शुल्क अनिवार्य है .
                अन्य  किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए बालभवन जबलपुर के मेल आई डी balbhavanjbp@gmail.com या वाट्सएप नम्बर 7999380094 पर सन्देश  भेज सकतें  हैं


गिरीश बिल्लोरे
सहायक संचालक
संभागीय बाल भवन जबलपुर


गुरुवार, 4 जून 2020

Before World Environment Day

( Photo By  Umashankar Mishra creative photographer 2017 )
This photo published in 58 country and leading newspaper in India the hitvad published photograph front page all the newspapers papers balbhavan Jabalpur also thankful Press Trust of India

From the corridor of memory.
     It was the usual snack time, when my dad came back from the office. I surved him a cup of tea and snacks. I saw a sudden change in his facial expressions, he was feeling little low. I asked "Papa! What's the matter? Why are you so upset today? Is everything going good in the office? My father took a deep breath and said "Beta! Tomorrow is world environment day and today is the day when each and every student prepare something for the world environment day. I remember the previous years, when all the students used to come into my office filled with their eargerness to show their art to me. Dr. Renu Panday their art teacher used to send alot of painting, posters, sketches and skulptures made by kids with the message to save environment. Do you know beta, even the kids who are learning music come with their music teacher Dr. Shipra Sullere and used to pre perform group songs and I remember there was one song which I used to love alot "Akkad bakkad banbe bo ped lagao poore 100." which was very beautifully written and the kids used to sing it with so much innocence and with their playfullness. I even remember kids used to bring me wonderful articles with their own new ways to protect our mother earth. I have a memory of a photographer Mr. Umashankar Mishr, who came to my office and seeked my permission to take pictures of the kids and their teachers involved in the preparations happening in BalBhavan." My father then picked up his phone and showed me number of pictures clicked by Mr. Umashankar Mishr. Meanwhile, he told me about this specific photograph which was released by press trust of India to the entire world with the caption @Balbhavan Jabalpur, which was published in all the leading newspapers of 58 countries. It was also published in many leading newspapers in India and it was the front page of the "The Hitvad". For my father the preparation has been the day filled with mixed feelings of anxiety
and excitement but, because of Covid-19 the day was full of silence and dullness, which made him feel sad. I wish that god and nature soon come into their cool and calm state and the entire earth is filled with laughter again.
Shraddha Billore




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