रंगकर्म के मामले में संस्कारधानी सदा से
सामर्थ्यवान एवम सक्षम रही है . बालभवन जैसी संस्थाओं को इस दिशा में काम
करते देख मैं अभिभूत हूँ. एक प्रश्न के उत्तर में श्री त्रिपाठी ने कहा :- “फिल्में आकर्षित अवश्य करतीं हैं
किंतु हम रंगकर्म को महत्वपूर्ण मानते हैं” तदाशय के विचार
प्रोफेसर श्री सत्यदेव त्रिपाठी, नाट्य-समीक्षक ने बालभवन जबलपुर में आयोजित टाक-शो में
व्यक्त किये.
विगत चार दशकों से रंगकर्म के क्षेत्र में प्रोफेसर सत्यदेव
त्रिपाठी ने बाल्यकाल में प्राप्त प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि- “गोवा यूनिवर्सिटी में पदस्थी के दौरान मैंने अपने बच्चे को पणजी के बालभवन में थियेटर का प्रशिक्षण दिलवाया
मेरा बेटा अब मुम्बई में फिल्म में काम कर रहा है ”
फिल्मों एवम समसामयिक परिस्थितियों के कारण नाटक
में काफी बदलाव आए हैं. बच्चे भी नाटक की ओर आकृष्ट हुए हैं. किंतु करियर एवम
स्कूली शिक्षा के अत्यधिक दबाव बच्चों को समय का अभाव देखा जा रहा है.
हिंदी फिल्म समीक्षक एवम विश्लेशक श्री प्रहलाद
अग्रवाल ने बच्चोंसे बातचीत करते हुए उनको बाल सुलभ अवस्था में रहकर आगे सदा सीखते
रहने की सलाह दी. कार्यक्रम का शुभारँभ सरस्वती पूजन एवम बच्चों द्वारा प्रस्तुत
सरस्वती वंदना से हुआ. सम्भागीय बालभवन जबलपुर
के बारे में विस्तार से संचालक द्वारा अतिथियों को जानकारी दी गई .
इस अवसर पर लाडो की ब्राड एम्बेसडर इशिता विश्वकर्मा ने माँ नयन सोनी एवं आयुष रजक
के साथ शुभम जैन का लिखा लाडो गीत प्रस्तुत किया .
कार्यक्रम में कु. मनु कौशल ,तबला, श्रेया खंडेलवाल, अभिनय , प्रवीन उद्दे गायन , विशेष श्रेणी नेत्र दिव्यांग , आकाश कोहली पेंटिंग , विशेष श्रेणी, [बालग्रह] , सृष्टि गुप्ता संवाद-लेखन, अभय सौंधिया मूर्तिकला. कुमारी माया पटेल कविता-लेखन, विशेष-श्रेणी नेत्र दिव्यांग, कुमारी अपूर्वा गुप्ता विज्ञान-माडल सौम्य नागवंशी विज्ञान माडल विशेष श्रेणी, अस्थि दिव्यांग को 5-5 हज़ार रुपये की राशि उपहार स्वरूप प्रदान की गई . बालभवन
की ओर से अतिथियों को कुमारी तान्या बडकुल एवम बालश्री
विजेता शुभमराजअहिरवार द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स भेंट की गई . कार्यक्रम में श्री नितिन अग्रवाल
एवम श्री उपाध्याय जी विशेश रूप से
उपस्थित रहे .
श्रीमति रेणु पाण्डे, सुश्री शिप्रासुल्लेरे ,श्री इंद्र पाण्डेय ,श्री देवंद्र यादव श्रीमति विजय लक्ष्मी अय्यर,श्री अमित जाट, श्री सोमनाथ सोनी , श्री टेकराम डेहरिया के
अतिरिक्त मुस्कान सोनी , कुमारी मनीषा तिवारी , श्री शुभम जैन का सहयोग उल्लेखनीय रहा