14 नवंबर 2014 लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
14 नवंबर 2014 लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 15 नवंबर 2014

वरिष्ट कलाकार श्री राजेंद्र कामले किलकारी में

 दशावतार पेंटिंग में खो गये मुख्य अतिथि श्री  राजेंद्र कामले जी .. ऐनक  के पीछे वाली आंखें स्थिर थीं.. अवाक भी हुए कुछ पल फ़िर बोले बच्चे कभी अमौलिक नहीं होते  वे असली होते हैं और उनके रंग भी....... वाह क्या बात है !! 

बाल दिवस बच्चों का दिन मस्ती मज़ा और एक दूसरे से भोलेपन से मिलने वाला दिन पूरे एक हफ़्ते की गई मेहनत के रिज़ल्ट वाला दिन ठीक दो बज़े शहीद स्मारक भवन में आ गए हमारे प्रथम सत्र यानी प्रदर्शनी एवम मूर्ति के अनावरणकर्ता  मुख्यअतिथि श्री राजेंद्र कामले जी. गैलरी में सजी चित्र प्रदर्शनी का प्रवेशद्वार फ़ीता काटकर खोला     
दशावतार पेंटिंग में खो गये मुख्य अतिथि श्री  राजेंद्र कामले जी .. चस्मे के पीछे वाली आंखें स्थिर थीं.. अवाक भी हुए कुछ पल फ़िर बोले बच्चे कभी अमौलिक नहीं होते  वे असली होते हैं और उनके रंग भी....... वाह क्या बात है !! 

 चाहा नेहरू की प्रतिमा का अनावरण किया 
कैप्शन जोड़ें
 महान पुरुषों की चर्चा करते हुए नेहरूजी की प्रतिमा में अच्कन पर चस्पा लाल ग़ुलाब को अपलक निहारते बोले- "वाह, बच्चे ही किसी भी रंग के सटीक अनुप्रयोग को पूरी दृढ़ता से उपयोग में लाने  का सामर्थ्य रखते हैं "


 मुख्यअतिथि श्री कामले ने स्वच्छतारत  गांधी जी के  चित्र पर हस्ताक्षर करके "स्वच्छभारत" आंदोलन के प्रति समर्थ व्यक्त किया.  

बच्चों द्वारा रानी दुर्गावति संग्रहालय में  जाकर प्रतिमाओं का हूबहू चित्रांकन किया गया जिससे प्रभावित होकर  श्री कामले ने बालकलाकार को  प्रतिभा सम्पन्न कलाकार बनने की भविष्यवाणी की. उन्हौने कहा -"कमर्शियल आर्ट के दौर में पोट्रेट , लाइव एवम स्पोट पेंटिंग को नेपथ्य में लाया गया है पर बच्चों ने आज भी मौलिकता को बरकरार रखा है मुझे आज़ विश्वास हो चला है.  "  


टाक-शो में खूब पूछा बच्चों ने 
               
 प्रदर्शनी के उदघाटन अवलोकन के बाद मुख्य अतिथि श्री राजेंद्र कामले जी को  टाक-शो के लिये कु. लक्षिता शुक्ला , कल्याणी नेमा एवं मास्टर स्वमेव सूर्यवंशी ने मंचासीन कराया और बौछार कर दी सवालों की. 
आप ने सिर्फ़ पेंटिंग क्यों सीखी...? 


आप पेंटिंग कब करते हैं....?
आप किससे प्रभावित हैं....?
आपको, आपके मम्मी-पापा ने पेंटिंग के लिये डांट डपट तो नहीं की..?
    जैसे ही श्री कामले ने कहा नहीं... कभी नहीं तो .. अक्षिता झट बोल पड़ी- मेरी मम्मी को समझा दीजिये..  
_________________________________________________________________


दिनांक  बाल दिवस 14. नवम्बर 2014 को जबलपुर के  शहीद स्मारक भवन परिसर में “चित्रकला एवं  कला प्रदर्शनी”  का आयोजन मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र कामले की उपस्थिति में किया गया . जिसे में प्रशिक्षणरत बच्चों  कु. लक्षिता शुक्ला कल्याणी नेमा एवं मास्टर स्वमेव सूर्यवंशी ने संचालित किया . प्रवेश द्वार पर ही बच्चों ने  गुलदस्ता भैंट कर  मुख्य अतिथि श्री कामले का स्वागत किया गया .
 मुख्यअतिथि श्री कामले ने स्वच्छतारत  गांधी जी के  चित्र पर हस्ताक्षर करके "स्वच्छ भारत आंदोलन" के प्रति समर्थन व्यक्त किया
अतिथि द्वारा बाल-भवन के प्रशिक्षणार्थी  द्वारा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. जवाहरलाल नेहरू की मूर्ति को अनावृत किया.  नेहरूजी की प्रतिमा में अचकन पर उकेरे लाल ग़ुलाब को अपलक देखते हुए अतिथि ने कहा कि -"वाह, ऐसा प्रयोग मुझे कभी देखने नही मिला अक्सर बस्ट में केवल आधार कलर का ही प्रयोग होता है. पर इस प्रतिमा में लगा ग़ुलाब अनूठा प्रयोग है.  बच्चे ही किसी भी अनुप्रयोग को पूरी दृढ़ता से करने एवं उस पर ध्यान आकृष्ट कराने का सामर्थ्य रख सकते हैं "
कु. लक्षिता शुक्ला, कल्याणी नेमा
एवं मास्टर स्वमेव सूर्यवंशी 
प्रदर्शनी का अवलोकन पूरे धैर्य से करते हुए श्री राजेंद्र कामले ने प्रत्येक पेंटिग पर अपनी टिप्पणी दी. तथा बाल कलाकारों को शाबासी देते हुए अनुदेशिका श्रीमति रेणु पांडे की भूरि-भूरि प्रशंसा की. प्रदर्शनी में 2007 से 2014 तक बच्चों द्वारा बनाए परंपरागत, लोकभित्ति चित्रांकन, लोकेशन पेंटिंग, प्राकृतिक चित्रांकन को शामिल किया गया था  

जबलपुर नगर के प्रतिष्ठित कलाकार श्री राजेंद्र कामले ने समारोह से विदा लेते समय सहायक संचालक से  अपनी आत्मीयता दर्शाते हुए कहा मैं स्वयं बालभवन आकर बच्चों के साथ सीखूंगा भी सिखाऊंगा भी ....  

गुरुवार, 13 नवंबर 2014

बालभवन जबलपुर का बाल दिवस समारोह 2014 होगा रंगबिरंगा

किलकारी                                                                                             बाल दिवस 14. नवम्बर 2014
·          चित्रकला एवं  कला प्रदर्शनी
·          स्थान :- शहीद स्मारक परिसर
·          मुख्य अतिथि :- श्री राजेन्द्र कामले
·          अध्यक्षता      :- श्री विजय शंकर पांडे
                      अतिरिक्त उपमहाधिवक्ता   
·         कार्यक्रम संचालक – कु. लक्षिता शुक्ला , कल्याणी नेमा एवं मास्टर स्वमेव सूर्यवंशी
1
अतिथि आगमन
अपरान्ह 1:55
2
दीप-प्रज्जवलन, उदघाटन, एवं प्रदर्शनी अवलोकन 
अपरान्ह 02:00
3
स्वागत एवं बाल भवन के बच्चों के साथ एड. विजयशंकर पाण्डे ( अति. उपमहाधिवक्ता )  श्री राजेन्द्र कामले से संवाद
कम्पीयर :-  कु. लक्षिता शुक्ला , कल्याणी नेमा एवं   
                   मास्टर स्वमेव सूर्यवंशी
अपरान्ह 02:15 से अपरान्ह 02:50
अपरान्ह 02:50
4
आभार प्रदर्शन  : श्रीमती रेनू पांडे
5
अपरान्ह 02 50 से 03 : 55 मुक्त समय
अतिथि आगमन सरस्वति पूजन  कार्यक्रम 
1
·         अतिथि आगमन
अपरान्ह  03 : 55
2
·         अतिथियों को मंचासीन कराना
अपरान्ह  04 : 00
3
·         द्वीप -प्रज्ज़वलन
अपरान्ह  04 :05
4
·         अतिथि सत्कार
अपरान्ह  04 :10
5
·         शक्तिरूपा” बाल कलाकारों द्वारा निर्मित पेंटिंग का अनावरण मान. अतिथियों द्वारा  
बाल कलाकार
·         तान्या बड़कुल
·         शुभमराज अहिरवार
·         खुशबू सौंधिया
·         रिंकी राय
·         आर्यन गुप्ता
·         अभय सौंधिया
·         स्वीटी साहू
मार्गदर्शन :- श्रीमति रेणु पांडे

अभिव्यक्ति :-
·         स्वागत एवं प्रतिवेदनात्मक अभिव्यक्ति, प्रभारी अधिकारी, बालभवन,
·         श्रीमति शालिनी तिवारी, उपसंचालक, महिला सशक्तिकरण, जबलपुर संभाग
·         श्री एच. के. शर्मा, संभा० संयुक्त संचालक, आई.सी.डी.एस. जबलपुर संभाग,
·         श्रीमती सुनयना पटैरिया
·         श्रीमती गीता शरत तिवारी
·         अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा बाल्मीकी
·         मुख्यअतिथि श्रीमती रीना गुज़राल
·         आभार श्री पियूष खरे

अपरान्ह  04 :15
6
सांस्कृतिक कार्यक्रम  04:55
1
·         सरस्वति वंदना नृत्य
बाल कलाकार :-
नृत्य :- समृद्धि असाठी, नम्रता राव, शिफ़ाली सुहाने, स्मृति सराफ़, प्रियंका सोनी, साध्वी बिरहा,
स्वर :- आयुष रजक, प्रिया सौंधिया, श्रेया ठाकुर, शुचिस्मिता गुहा, प्रिंस पंजाबी, अब्दुल रहमान अंसारी,
नृत्य निर्देशक :- वीरेंद्र सिद्धराऊ,
संगीत :- क्षिप्रा सुल्लेरे, सोमनाथ सोनी  
2
·         बाल-भवन गीत
संगीत :- क्षिप्रा सुल्लेरे संगतकार  मनीषा तिवारी,
स्वर :-  आकर्ष जैन, सजल सोनी, मृगांक उपाध्याय, शैवलीन द्विवेदी, स्नेहा गुप्ता, पलक राय, याशिका घोलपरे, सौम्या  चौरसिया, प्रियांशी रैकवार, ग्रेसी सुहाने, श्रेयांश मल्लाह
3
·         समूह नृत्य
बालिका-सशक्तिकरण पर केंद्रित “गीतों के कोलाज ” पर आधारित
बाल कलाकार :-
नृत्य आस्था अग्रहरि, परिधि जैन, संचिता श्रीवास्तव, सौम्या दुबे, शैवी सिंह, हर्षिता गुप्ता, वंशिका मिश्रा, आर्या पांडे, रिषिका बाबरिया, जिग्यासा सोनी,
4
·         चित्र-संगीत
पेंटिंग     :- शुभम राज, तान्या बड़कुल,
हस्तकला :- अभय सौंधिया
मूर्तिकला :- अंकुर विश्वकर्मा
5
·         सात दिवसीय नाट्य-प्रशिक्षण कार्यशाला में तैयार कराया गया  मतदाता जागरूकता अभियान पर केंद्रित नाटक “भेड़िया-तंत्र” नाटक, निर्देशक :- श्री संतोष राजपूत,
मनीषा तिवारी, शालिनी अहिरवार, सागर सोनी, सोनू  बेन, आयुष रज़क, स्वमेव सूर्यवंशी, हर्ष सौंधिया , विशेष शर्मा, कल्याणी नेमा, दिव्यांश सोनी, नयन सोनी, पलक राय, सजल सोनी, अपूर्वा गुप्ता, अनन्या गुप्ता,  
6
·         एकल नृत्य
कु. गुंजन  पांडे
7
·         योग प्रदर्शन
निर्देशक :- श्री देवेंद्र यादव
राहुल सिंह, ललित पटेल, शुभम उईके, अनुराग गौतम, विनायक अहिरवार, अभिषेक सिंह, राज अग्रहरि, देवेंद्र मिश्रा, आयुष एवम अमृत कोतवाल.
8
·         शिव-तांडव नृत्य
·         निर्देशन सुश्री अंकिता गिनारा,
संचिता श्रीवास्तव, बल्लभ आवारे,
9
·         समूह गीत
संगीत रचना – क्षिप्रा सुल्लेरे, संगत सोमनाथ सोनी,  
आयुष रजक, प्रिंस साहू, नयन सोनी, अब्दुल रहमान अंसारी, समर्थ अग्रहरि, शुचिस्मिता गुहा, निशा थाकुर, प्रिया सौंधिया, श्रेया ठाकुर, शिवा नामदेव, प्रिंस पंजाबी, विनय सराठे, गीत शुक्ला, सुचि हुकुम, अंजली रैकवार
10
·         वाद्य वादन
निर्देशक :- सोमनाथ सोनी
·         ढोल :- अविरल विश्वकर्मा,
·         ढोलक :- अमन बेन
·         तबला :- मनीषा तिवारी
·         ड्रम :- सूर्यभान सिंह ठाकुर,
·         ट्रिपकिट :- विशेष शर्मा, सोनू बेन
11
·         एकल गायन
·         श्रृद्धा बिल्लोरे
12
·         तबला वादन
·         सेजल तपा
13
·         फ़्यूज़न गीत
संयोजना - क्षिप्रा सुल्लेरे, सोमनाथ सोनी,  
प्रिया सौंधिया, श्रेया ठाकुर, शिवा नामदेव, शुचिस्मिता गुहा, आयुष रजक, शिवा नामदेव,  
14
·         एकल गीत
संगीत रचना :- क्षिप्रा सुल्लेरे  संगत सोमनाथ सोनी,  
प्रिया सौंधिया
15
·         समूह नृत्य
बाबुल-प्यारे…. मुझे क्या बेचेगा रुपैया..
(मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर कोरियोग्राफ़र वीरेंद्र सिद्धराव की सर्वाधिक प्रसंशित समूह नृत्य )
समृद्धि असाठी, नम्रता राव, शिफ़ाली सुहाने, स्मृति सराफ़, प्रियंका सोनी, भूमि,
16
आभार :-  सुश्री क्षिप्रा सुल्लेरे

Featured Post

पुरस्कार पाकर लाड़ली-लक्ष्मियों के खिले चेहरे

संभागीय बाल भवन जबलपुर में लाडली लक्ष्मी सप्ताह अंतर्गत आयोजित विभिन्न गतिविधियों लाडली लक्ष्मी हितग्राही बालिकाओं द्वारा बढ़ चढ...