पोट्रेट्स : बाल नाटिका
पोट्रेट्स निर्देशक :- श्री संजय गर्ग , सहयोग कुमारी मनीषा तिवारी संगीत :- डा शिप्रा सुल्लेरे सहयोग :- कु. मुस्कान सोनी, साक्षी लेखक :- गिरीश बिल्लोरे एवं कु. वैशाली बरसैंया प्रापर्टी :- लाईट इफैक्ट्स :- गायन :- प्रस्तुति :- संभागीय बालभवन जबलपुर मध्यप्रदेश अक्सर उसे किसी न किसी को अपमानित करते अथवा किसी की चुगली करते देखना लोंगों का अभ्यास सा बन गया था . सुबह दोपहर शाम निंदा और चुगलियाँ करना उसके जीवन का मौलिक उद्देश्य था . कई लोगों ने कई बार सोचा कि उसे नसीहत दी जावे पर इस प्रकार का काम करने का लोग जोखिम इस वज़ह से नहीं उठाना चाहते क्योंकि वे जानते हैं कि अति के दुःखद परिणामों का आना निश्चित ही होता है . :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: मैं अनुज हूँ एक आर्टिस्ट मेरी उम्र पर मत जाना मेरे अनुभव से सीख ले सको तो सीख लेना........ आप क्या जानें मेरी अपनी इस छोटी से उम्र ने वो कुछ मुझे सिखाया है जो सौ साल जीने वालों को हासिल नहीं होता ...