स्वप्न-पाखियों ने भरी उड़ान .... : मनीषा तिवारी
प्रतिभाओँ को पहचानना निखारना फिर उसे विस्तार देना एक जटिल प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया को भली प्रकार समझने के लिये धैर्य के महत्व का अनदेखा करना अनुचित है. बाल भवन मेँ इस सूत्र को आत्मसात किया है. परिणाम स्वरूप हम सीधे अपने प्रशिक्षणार्थियोँ से हम स्वयँ को सीधे व्यक्तिगत रूप से जुडे पा रहे हैँ . सेजल तपा के बाद मनीषा तिवारी एक और तबला वादिका से आज़ आपका परिचय करा रहा हूँ. मनीषा के घर में टेबल ( मेज ) पर थपकियां देकर गीत को ताल देतीं किन्तु बिना तालीम के संगीत साधना एक सपना ही होता है.अपने सपने को आकार देने मनीषा तिवारी ने 2007 बालभवन की ओर कदम बढाया । फिर शुरू हुई मनीषा तिवारी की प्रतिभा के निखारने की प्रक्रिया. सोमनाथ सोनी जी [ अनुदेशक ताल-वाद्य ] के साथ ही शिप्रा सुल्लेरे के प्रशिक्षकीय दायित्व में प्रशिक्षण आज भी जारी है । मनीषा का संकल्प ये है कि वो तबला वादन में अपना नाम रोशन कर संस्कारधानी एवं माता श्रीमती सुशीला तिवारी एवं पिता श...