रविवार, 29 नवंबर 2015

“Z TV की संगीत स्पर्धा में लाडो ईशिता प्रथम रनरअप ”


मध्य-प्रदेश शासन महिला सशक्तिकरण संचालनालय के बाल विवाह रोकथाम लाडो अभियान की एम्बेस्डर, बाल-गायिका बाल-भवन जबलपुर से संगीत सीख रहीं हैं . तथा इनका गाया एलबम लाडो मेरी लाडो का लोकार्पण श्री शिवराज सिंह ने जून 2015 में किया 
भोपाल में आयोजित शास्त्रीय-संगीत के लिए CCRT छात्र-वृत्ति परीक्षा में प्रदेश से एकमात्र चयनित   इशिता है  ।
 ईशिता ने भोपाल में आयोजित बाल-श्री चयन शिविर में भी बेहद उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है । वे जबलपुर से राष्ट्रीय बालश्री अलंकरण 2015 के लिए नामांकित हैं .
आठवीं की छात्रा  ईशिता 4 साल की उम्र से संगीत सीख रही है . संगीत में फोर्थ इयर हैं
संगीत की प्रारम्भिक शिक्षा घर से तथा  बाल भवन में शिप्रा सुल्लेरे से प्राप्त की है तब वे 4 वर्ष की थीं . तथा वे श्री प्रकाश विरुलाकर जी से भी संगीत की शिक्षा ले रहीं है.
माँ श्रीमती तेजल एवं पिता श्री अंजनी विश्वकर्मा स्वयं संगीत के ज्ञाता एवं गायक हैं .
दिनांक 28 नवम्बर 2015 को भोपाल में आयोजित Z TV की संगीत स्पर्धा में लाडो ईशिता प्रथम रनरअप रहीं . दिनांक 29 नवम्बर 2015 मुख्यमंत्री जी के निवास पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी ने लाडो ब्रांड एम्बेसडर ईशिता से लाडो एलबम का गीत सुनाने की फरमाइश की एवं बेहद सराहना की. हमें गर्व है ईशिता पर .   
महिला सशक्तिकरण विभाग मध्यप्रदेश  एवं बाल-भवन जबलपुर ने ईशिता की उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएं ज्ञापित कीं हैं 

मंगलवार, 24 नवंबर 2015

बालभवन जबलपुर के लिए उपलब्धियों से भरा 2015

      
दिल्ली बाल भवन में लोकगीत – ढिमराई की प्रस्तुति  
 बालभवन जबलपुर के बच्चे  इन दिनों जो उंचाई छोने की कोशिश कर रहे हैं बेशक न केवल हमारे लिए बल्कि सम्पूर्ण महिला सशक्तिकरण, एवं सभी विभागीय अधिकारियों के लिए  एक सुखद एहसास है .  बालभवन  जबलपुर में संचालित गतिविधियों को लेकर आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव एवं भोपाल जवाहर बाल भवन की संचालक श्रीमती तृप्ति मिश्रा , सहायक संचालक श्री एम एस पवार कई अवसरों पर मुक्त-कंठ सराहना कर चुके हैं . इतना ही नहीं सहयोगी श्री आर सी मिश्रा का कहना है- " बालभवन संस्कारधानी का प्रतिनिधित्व सही मायनों में कर रहा है . " 
       संभागीय उपसंचालक श्रीमति मनीषा लुम्बा को अटूट भरोसा होता है वे अक्सर नये प्रयोगों के लिए प्रेरित करतीं हैं साथ ही अक्सर बच्चों के साथ अपना समय भी बितातीं हैं . 
                                   दिल्ली बाल भवन में छाए बाल भवन के बच्चे       
                       

राई-लोकनृत्य का अवलोकन करते हुए मान.
स्मृति इरानी जी स्काई-ब्ल्यू साडी में
 
दिल्ली में  राई-नृत्य लेकर गए बच्चों को खूब सराहा गया . यह नृत्य  तीव्र गति का नृत्य है. इसकी उत्पत्ति  मध्य-प्रदेश के सागर संभाग के पथरिया गाँव जिला  दमोह से हुई है. लोकनर्तकियों जिन्हैं बेड़नी कहा जाता है  द्वारा यह नृत्य अपने ईष्ट की आराधना हेतु प्रस्तुत किया जाता रहा है . कालान्तर में इसे जीविकोपार्जन हेतु मनोरंजन के रूप में प्रस्तुत किया जाने लगा. किन्तु इस नृत्य विधा को अन्य नृत्य की तरह प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा अपनाया जाने लगा. राज्य सरकार द्वारा भी राई-लोकनृत्य के संवर्धन के लिए प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं . इसमें टिमकी, मुख्य वाद्य का राईगीत के साथ होता है वाद्य  कला दल के साथ भेजा जा रहा है.     
            लोक-गीत :- लोकगीत – ढिमराई की प्रस्तुति ( ढिमराई) जल स्रोतों से जीविकोपार्जन करने वाली ढीमर जाति का परम्परागत गीत है. मुख्य वाद्य ढोलक की संगत दी जाती है.

                                   // कला-दल  में शामिल कलाकार //
क्रम
नाम
विधा
आयु वर्ष में

01
मास्टर आयुष रजक
गायन
12 वर्ष
02
मा. नयन सोनी
गायन
14 वर्ष
03
मा. हर्ष सौंधिया
गायन
12 वर्ष
04
मा. राघव शरण राज
टिमकी वादक
15 वर्ष
05
मा. सूर्यभान सिंह ठाकुर
ढोलक वादक
 09  वर्ष
                                           लोक-नृत्य / परिसंवाद
06
कु. मनु कौशल
नृत्य एवं परिसंवाद
15  वर्ष
07
कु. समृद्धि असाटी
नृत्य एवं अभिनय
13  वर्ष
08
कु. शिफाली सुहाने
नृत्य
12  वर्ष
09
कु. आस्था अग्रहरी
नृत्य
11  वर्ष
10
कु. मिनी दयाल 
नृत्य
15  वर्ष

 राई नृत्य का निर्देशन  प्रशिक्षक श्री इन्द्र पांडे ने किया तथा गायन हेतु सुश्री शिप्रा सुल्लेरे , श्री सोमनाथ सोनी  एवं सेमिनार र्श्रीमती रेणु पांडे, एवं  श्री देवेन्द्र यादव का मार्गदर्शन रहा है । 

सोमवार, 16 नवंबर 2015

“ईशिता सी सी आर टी स्कारशिप के लिए चयनित”

     लाडो अभियान की एम्बेस्डर, बाल-गायिका बाल-भवन जबलपुर  को भोपाल में आयोजित शास्त्रीय-संगीत के लिए छात्र-वृत्ति परीक्षा में जबलपुर में  स्थान अर्जित किया है, साथ ही उनका चयन इस छात्रवृत्ति के लिए किया गया है  । ईशिता ने भोपाल में आयोजित बाल-श्री चयन शिविर में भी बेहद उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है ।
              लाडो अभियान एम्बेस्डर उपलब्धियों पर संभागीय उप संचालक श्रीमती मनीषा लुम्बा ने ईशिता विश्वकर्मा को बधाई देते हुए बालभवन जबलपुर की सक्रियता की सराहना की ।
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समाचार पत्रों में 
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The Hitvad 16 नवम्बर 15

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       पीपुल्स समाचार 16 नवम्बर 15


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राजएक्सप्रेस 16 नवम्बर 15


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रविवार, 15 नवंबर 2015

“नई-दिल्ली में छाई : बुन्देली-राई”



नई दिल्ली के बाल भवन में राष्ट्रीय बाल असेंबली के दूसरे दिन विभिन्न प्रदेशों के लोकनृत्यों की प्रस्तुति का दिन था . जिसमें हर प्रदेश से आए बच्चों ने अपने अपने प्रदेश के प्रतिनिधि लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी गई . उक्त प्रस्तुतियों में जबलपुर बालभवन ने श्री इंद्र पाण्डेय के निर्देशन में बुंदेलखंड के लोकप्रिय राई नृत्य का प्रदर्शन किया . अपनी तीव्र ताललय के कारण इस नृत्य को बेहद प्रशंसनीय बताते हुए बालभवन के जबलपुर के प्रयासों की सफल बताया नयन सोनी, आयुष रजक हर्ष सौंधिया के स्वरों को संगीत से संवारा मनु कौशल, अमन बेन, राघव ने
जबकि प्रभावी नृत्य की प्रस्तुति समृध्दि असाटी, शैफाली सुहाने , मिनी दयाल,  आस्था अग्रहरी एवं मनु कौशल ने दी .
(स्रोत :- दिल्ली से सुश्री शिप्रा सुल्लेरे एवं श्री देवेन्द्र यादव )

शनिवार, 14 नवंबर 2015

बाल भवन जबलपुर की कुमारी मनु कौशल ने किया श्रीमती स्मृति इरानी के साथ दीप प्रज्जवल

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी के 
                साथ दीप प्रज्जवल में सम्मिलित बाल भवन जबलपुर 
की कुमारी मनु कौशल  
 केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने आज नई दिल्ली के बाल भवन में राष्ट्रीय बाल असेंबली का उदघाटन  करते हुए कहा कि बच्चे हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक है । श्रीमती ईरानी ने घोषणा कि अगले वर्ष 26 जनवरी को भारतीय सैनिकों के लिए सीमा दर्शन नामक एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। श्रीमती ईरानी ने बाल भवन के अधिकारियों से पुरस्कार प्राप्त कलाकारों के लिए सीमा दर्शन की व्यवस्था करने की अपील की, जहां वे सैनिकों और रक्षाबलों के प्रदर्शन को देख सकेंगे ।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 15 अगस्त, 2014 को की गयी घोषणा के एक वर्ष के भीतर की अवधि में विद्यालयों में छात्रों और छात्राओं के लिए पृथक प्रसाधनों का निर्माण के 100 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी सरकारी विद्यालयों, विद्यालय शिक्षकों और हितधारकों के द्वारा किए गए समन्वित प्रयासों की भी सराहना की। मंत्री महोदया ने यह भी घोषणा कि इस वर्ष दिसंबर में एक राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक उत्सव कला उत्सवका आयोजन किया जाएगा जहां देशभर के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों के समूह अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे । इस कार्यक्रम के विजेता को 5 लाख रूपये के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा । उन्होंने बाल भवन के कलाकारों से भी इस कार्यक्रम में पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लेने का आह्वान किया । 
मेरा गांव, मेरी शानशीर्षक का परिचय देते हुए उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्रों से अपने गांव, कस्बे अथवा शहर के नाम के साथ अपना परिचय और अपने जन्म स्थान के प्रति गर्व का भाव रखने का भी आह्वान किया। 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुभारंभ किए गए डिजिटल इंडियाकार्यक्रम पर अपने विचार व्यक्त करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ई-पुस्तक को तैयार किया जाना चाहिए जिसमें बच्चों के प्रदर्शन को संरक्षित किया जा सके और इसे राष्ट्रीय बाल भवन की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके । 
मेरा गांव मेरा गौरव विषय पर दिनांक  14 नवंबर से 20 नवंबर 2015 तक सप्ताह भर का   बाल असेम्बली पर एकता शिविर कार्यक्रम का शुभारंम्भ आज से राष्ट्रीय बाल भवन नई-दिल्ली । इस कार्यक्रम  संभागीय बाल भवन जबलपुर का दल लगातार ग्रामीण विकास पर अपनी वैचारिक उपस्थिति के साथ ग्रामीण विकास के अनछुए पहलुओं के साथ  गांव तथा संस्कृति को सृजनात्मक रूप से दर्शाने के लिए तत्पर है . दल में  नयन सोनी, आयुष रजक, समृध्दि असाटी, मनु कौशल, अमन बेन, राघव,   शैफाली सुहाने , मिनी दयाल,  आस्था अग्रहरी, हर्ष सौंधिया शामिल हैं.

उन्होंने बच्चों के द्वारा की गयी गायन, नृत्य और अन्य प्रस्तुतियों की भी सराहना की । इस अवसर पर विद्यालय शिक्षा और साक्षरता, सचिव डॉ.एस.सी. खुनटिया, संयुक्त सचिव श्री जे.आलम, राष्ट्रीय बाल भवन की निदेशक डॉ. उषा कुमारी एम.सी. और देश के विभिन्न बाल भवनों से आए बच्चों के अलावा , शिक्षक और माता-पिता उपस्थित थे ।
फोटो :- पी आई बी भारत सरकार एवं सुश्री शिप्रा सुल्लेरे एवं देवेन्द्र यादव नई दिल्ली 

मंगलवार, 10 नवंबर 2015

राष्ट्रीय बाल भवन दिल्ली हेतु 14 नवंबर से 20 नवंबर तक बाल भवन जबलपुर के कलाकार आमंत्रित

बालभवन जबलपुर
जबलपुर, 10 नवम्बर 2015
प्रति वर्ष की तरह राष्ट्रीय बाल भवन “मेरा गांव मेरा गौरव विषय पर दिनांक  14 नवंबर से 20 नवंबर 2015 तक सप्ताह भर का   बाल असेम्बली पर एकता शिविर कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है । इस कार्यक्रम मेरा गांव मेरा गौरव के उददे्श्य को ध्यान में रखते हुए संभागीय बाल भवन जबलपुर गांव तथा संस्कृति को सृजनात्मक रूप से दर्शाने  म0प्र0 की लोककला ,लोकसंस्कृति को ,,राई लोकनृत्य व लोकगीत की  प्रस्तुति को  राष्टृीय बाल भवन नई दिल्ली में प्रस्तुत करेगें। उक्त लोक नृत्य व लोकगीत म0प्र0 के बुन्देलखण्ड क्षेत्र की लोकसंस्कृति पर आधारित है ।
        संभागीय बाल भवन  जबलपुर के संचालक के अनुसार  उपसंचालक श्रीमति मनीषा लुम्बा के मार्गदर्शन व दिशा निर्देशन में  10 बाल कलाकारों  का दल 12 नवंबर को  नई दिल्ली राष्ट्रीय बाल भवन के लिए रवाना होगें जिसका नेतृत्व सुश्री शिप्रा सुल्लेरे एवं श्री देवेन्द्र यादव करेंगें ।
        बुन्देली  राई लोकनृत्य व बुन्देली लोकगीत-ढिमरयाई का निर्देशन - इन्द्र पांडे, संगीत  संयोजन -सुश्री शिप्रा सुल्लेरे (संगीत अनुदेशिका ) द्वारा किया गया है। बाल कलाकार- गायक मंडली में नयन सोनी, आयुष रजक, समृध्दि असाटी, मनु कौशल, अमन बेन, राघव  एवं  लोकनृत्य कलाकार - मनु कौशल, शैफाली सुहाने , मिनी दयाल, समृध्दि असाटी, आस्था अग्रहरी, हर्ष सौंधिया आदि अपनी प्रस्तुति देंगे ।

        

शनिवार, 7 नवंबर 2015

शिवमंगल सिंह सुमन की कविताएँ गूंजी बाल भवन में

संभागीय बालभवन जबलपुर में  स्वर्गीय श्री  शिवमंगल सिंह सुमन जन्म शताब्दी के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों के क्रम में दिनांक 7 नवंबर 2015 को स्वर्गीय श्री  शिवमंगल सिंह “सुमन” की कविताओं का पठन किया । जिसमें बाल भवन सहित 08 विद्यालयों के छात्र-छात्राओं न भाग लिया । जिसमें प्रथम स्थान पर कुमारी शुभांगी यादव, द्वितीय कु॰ दीपाली ठाकुर, एवं मास्टर शरणजीत कौर, तथा तृतीय स्थान पर मास्टर गगन दीप सिंह, एवं मास्टर एजाज रहे ।  इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री मोहन “शशि”  ने कहा कि – “हिन्दी-साहित्यिक गतिविधियों”  के सतत आयोजनों से बच्चो में साहित्य के प्रति सकारात्मक रुझान को प्रश्रय  मिलता है । कार्यक्रम का  प्रारम्भ अतिथियों द्वारा सरस्वती पूजन एवम अतिथि-सत्कार के साथ हुआ । श्रीमती साधना उपाध्याय ने  त्रिवेणी-परिषद की ओर से कार्यक्रम की उपादेयता एवं महत्व पर प्रकाश डाला । साहित्यकार एवं संचालक बाल भवन गिरीश बिल्लोरे ने बच्चों के सम्पूर्ण विकास में सांस्कृतिक एवं साहित्यिक  गतिविधियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सकारात्मक वातावरण निर्माण के प्रयासों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया । बाल-भवन की बालिका कुमारी श्रेया खंडेलवाल, कुमारी पलक  गुप्ता संचालन में आयोजित कार्यक्रम में डा॰ श्रीमती  मुकुल तिवारी, श्रीमती रत्ना ओझा, डा॰ सुश्री आशा रिछारिया, श्रीमती पूनम शर्मा, डा॰ आभा दुबे, सुश्री मनीषा गौतम, श्री दीपक तिवारी सुश्री शिप्रा सुल्लेरे, श्रीमती रेणु पांडे श्री देवेन्द्र यादव, श्रीमति मीना सोनी  श्री अमित जाट, श्री टेकराम डेहरिया की उपस्थिती एवं भूमिका उल्लेखनीय रही ।

            इस अवसर पर स्वर्गीय श्री  शिवमंगल सिंह सुमन जी के गीतों का गायन भी श्री शरद नामदेव के संगीत निर्देशन में बच्चों द्वारा किया गया ।  

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