बालभवन जबलपुर के लिए उपलब्धियों से भरा 2015
बालभवन जबलपुर के बच्चे इन दिनों जो उंचाई छोने की कोशिश कर रहे हैं बेशक न केवल हमारे लिए बल्कि सम्पूर्ण महिला सशक्तिकरण, एवं सभी विभागीय अधिकारियों के लिए एक सुखद एहसास है . बालभवन जबलपुर में संचालित गतिविधियों को लेकर आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव एवं भोपाल जवाहर बाल भवन की संचालक श्रीमती तृप्ति मिश्रा , सहायक संचालक श्री एम एस पवार कई अवसरों पर मुक्त-कंठ सराहना कर चुके हैं . इतना ही नहीं सहयोगी श्री आर सी मिश्रा का कहना है- " बालभवन संस्कारधानी का प्रतिनिधित्व सही मायनों में कर रहा है . "

दिल्ली बाल भवन में छाए बाल भवन के बच्चे
राई-लोकनृत्य का अवलोकन करते हुए मान. स्मृति इरानी जी स्काई-ब्ल्यू साडी में |
लोक-गीत :- लोकगीत – ढिमराई की प्रस्तुति ( ढिमराई) जल स्रोतों
से जीविकोपार्जन करने वाली ढीमर जाति का परम्परागत गीत है. मुख्य वाद्य ढोलक की
संगत दी जाती है.
// कला-दल में
शामिल कलाकार //
क्रम
|
नाम
|
विधा
|
आयु वर्ष में
|
01
|
मास्टर आयुष रजक
|
गायन
|
12 वर्ष
|
02
|
मा. नयन सोनी
|
गायन
|
14 वर्ष
|
03
|
मा. हर्ष सौंधिया
|
गायन
|
12 वर्ष
|
04
|
मा. राघव शरण राज
|
टिमकी वादक
|
15 वर्ष
|
05
|
मा. सूर्यभान सिंह ठाकुर
|
ढोलक वादक
|
09 वर्ष
|
लोक-नृत्य / परिसंवाद
|
|||
06
|
कु. मनु कौशल
|
नृत्य एवं परिसंवाद
|
15 वर्ष
|
07
|
कु. समृद्धि असाटी
|
नृत्य एवं अभिनय
|
13 वर्ष
|
08
|
कु. शिफाली सुहाने
|
नृत्य
|
12 वर्ष
|
09
|
कु. आस्था अग्रहरी
|
नृत्य
|
11 वर्ष
|
10
|
कु. मिनी दयाल
|
नृत्य
|
15 वर्ष
|
राई नृत्य का निर्देशन प्रशिक्षक श्री इन्द्र पांडे ने किया तथा गायन
हेतु सुश्री शिप्रा सुल्लेरे , श्री सोमनाथ
सोनी एवं सेमिनार र्श्रीमती रेणु पांडे, एवं श्री देवेन्द्र यादव का
मार्गदर्शन रहा है ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thanking you For Visit