बुधवार, 2 सितंबर 2015

Madhya Pradesh CM said Initiative for upliftment of destitute girls laudable Old News

Jabalpur: Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan has said that initiative for upliftment of destitute girls in Jabalpur district is laudable. This will add a new link in the series of state government’s efforts in the interest of girls. Shri Chouhan was addressing “Indradhanush-Aao Rang Bikheren” programme at Jabalpur today. He said that the people who have come forward to take responsibility of destitute and girls doing menial jobs for survival are praiseworthy.

The Chief Minister said that through joint efforts, government and society can move forward the work to promote girls. He hoped that more people draw inspiration from people having taken responsibility of girls under Indradhanush programme as a result of which such girls’ future will become pleasant.

Shri Chouhan also referred to state government’s efforts for improving girls’ status in society. He said that it is vital to educate and promote girls. The Chief Minister said that the state government has implemented schemes for girls’ upliftment like Ladli Laxmi, Gaon Ki Beti and Mukhyamantri Kanyadan Yojana. He said that over 18 lakh girls have benefited from Ladli Laxmi Yojana alone.

Lauding Indradhanush Programme, the Chief Minister said that Jabalpur can indeed lead the state in this direction. At the outset of the programme, the Chief Minister met the 11 guardians who have come forward to take responsibility of 33 destitute girls. The Chief Minister was presented paintings drawn by child artists of Bal Bhavan.

The Chief Minister lauded IG (Crimes against women) Smt. Pragya Richa Shrivastava for this novel initiative. IG Smt. Shrivastava said that Indradhanush programme will serve as a bridge to reach out benefit of government’s welfare schemes to destitute, orphan and uneducated girls doing menial works for livelihood. She hoped that the programme will become a vehicle for creating positive mindset among people towards girls.

Minister of State for Public Health Shri Sharad Jain, MP Shri Rakesh Singh, MLAs Shri Sushil Tiwari Indu, Smt. Pratibha Singh, Smt. Nandini Marawi, Smt. L.B. Lobbo, former Ministers Shri Ajay Vishnoi and Shri Harendrajeet Singh Babbu, former MLA Shri Nishith Patel and former JDA Chairman Shri Anil Sharma were present on the occasion.
लिंक :- http://indiaeducationdiary.in/Shownews.asp?newsid=32405

मंगलवार, 1 सितंबर 2015

बालगृह के निराश्रित भाइयों को मिला बालभवन की बहनों का स्नेह


 महिला सशक्तिकरण अतंर्गत संचालित शासकीय बाल गृह, जबलपुर में श्रीमति मनीषा लुम्बा, संभागीय उपसंचालक के मार्गदर्शन एवं समाज सेवी श्री नितिन अग्रवाल के आतिथ्य में बाल गृह के बच्चों एवं बाल भवन के बच्चों द्वारा जन्मदिवस एवं  रक्षाबंधन कार्यक्रम मनाया गया । बाल भवन की बालिकाओं ने बड़े मनोयोग से  शासकीय बाल गृह, जबलपुर के निराश्रित बालकों को बाल भवन जबलपुर की छात्राओं द्वारा हस्तनिर्मित राखी बांधी गई ।
इसी दौरान आज बाल गृह के बच्चों क्रमश: ललित, आकाश कोहली, राकेश, मेहरबान एवं अमर का जन्मदिन भी मनाया गया । बच्चों के द्वारा केक काटकर बर्थडे मनाया गया । बाल भवन की छात्राओं द्वारा कार्यक्रम में बच्चों के लिए बर्थडे गीत प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल गृह के निराश्रित बच्चों के साथ रक्षाबंधन मनाकर उन्हें उनके जीवन के  रिश्तों  की कमी पूर्ण करने का एक प्रयास करते हुए उनको सामान्य बालसुलभ जीवन से जोड़ा जाना है . ।
     कार्यक्रम में बाल भवन की ओर से आस्था अग्रहरि, साध्वी विरहा, शिफाली सुहाने, श्रुति जैन, प्रिया सौंधिया, प्रांजल जैन, मनीषा तिवारी, यषी पचौरी, तान्या बडकुल, रिंकी राय, श्रेया ठाकुर, रेशम ठाकुर  श्रेया खंडेलवाल ने सुश्री शिप्रा सुल्लेरे के संगीत निर्देशन में गीत प्रस्तुत किये  । बालगृह के 8  बच्चों को भी बालभवन में गायन का  प्रशिक्षण दिया गया . उन में से 4 बच्चों नें भी गीत प्रस्तुत किये गए .  
कार्यक्रम में श्रीमति मनीषा लुम्बा, संभागीय उपसंचालक के द्वारा बच्चों को रक्षाबंधन के त्यौहार पर मार्गदर्शन स्वरूप  आर्शीवचन देते हुए राखी के  त्यौहार पर चर्चा करते हुए  शुभकामनाऐं दी गई । महिला सशक्तिकरण का प्रयास बाल गृह के निराश्रित बच्चों का बाल भवन के कलाकार छात्रों से मेल कराकर वैचारिक सांस्कृतिक एवं भावनात्मक समरसता  का विकास होगा . अभाव जनित नकारात्मक सोच की समाप्ति हो इस उद्देश्य की पूर्ती हेतु  प्रतिमाह के आखिरी सप्ताह में जन्मदिन कार्यक्रम बाल गृह में आयोजित होते रहेंगे

कार्यक्रंम बाल गृह के अधीक्षक श्री विजय सिंह ठाकुर एवं बाल भवन के संचालक श्री गिरीष बिल्लौरे के निर्देशन में संपादित हुआ । जबकि कार्यकारी साथियों के रूप में श्री अनिल गांधी, श्री पियूष करे , श्री देवेन्द्र यादव, श्री इंद्र पांडे का योगदान प्रमुख रहा है .  

बुधवार, 26 अगस्त 2015

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कामकाजी महिलाओं के लिए वसती गृह का शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महिलाओं का सशक्तीकरण राज्य सरकार का मिशन है। महिला सशक्तीकरण के मामले में मध्यप्रदेश को देश का आदर्श राज्य बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही महिलाओं के स्व-सहायता समूहों का सम्मेलन बुलाया जायेगा। श्री चौहान आज यहाँ कामकाजी महिलाओं के रहवास के लिये 6 करोड़ की लागत से बनने वाले महिला वसति गृह के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। वसति गृह में दूर अँचल से आने वाली कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित एवं सुविधाजनक आश्रय उपलब्ध हो सकेगा।
श्री चौहान ने बहनों को रक्षा-बंधन की बधाई देते हुए भाइयों से अपील की कि वे रक्षा-बंधन के अवसर को विशेष बनाते हुए बहनों को बीमा योजनाओं का लाभ दिलवाकर सुरक्षा बंधन का उपहार दें। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिये स्व-प्रेरणा से प्रयास करें।

श्री चौहान ने कामकाजी महिलाओं के लिये महिला वसति गृह को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आवश्यकता पर और भी महिला वसति गृह बनाये जायेंगे। महिला पंचायत में की गई घोषणाओं को जल्द ही पूरा करने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये प्रदेश में सबसे ज्यादा काम हुए हैं। स्थानीय निकाय में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था जबकि 56 प्रतिशत पद पर महिलाएँ चुनकर आयीं और शासन-प्रशासन की बागडोर सँभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक शासन के सूत्र महिलाओं के हाथ में नहीं आयेंगे तब तक सशक्तीकरण की प्रक्रिया अधूरी रहेगी। उन्होंने पुलिस बल में 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिये आरक्षित करने का प्रस्ताव जल्द ही प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिये।
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एजेण्डे में महिला सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है। उन्होंने बताया कि भोपाल के बाद अब इसी तरह के वसति गृह इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में भी बनाये जायेंगे। उन्होंने हाल ही में शासकीय महिलाओं को चाइल्ड केयर अवकाश देने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि माताओं-बहनों के लिये मुख्यमंत्री की तरफ से कीमती उपहार है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिये सामुदायिक नेतृत्व का कार्यक्रम भी जल्द शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिये उठाये गये कदमों और अनूठी योजनाओं के मामले में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से आगे है।
आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने कहा कि महिला वसति गृह बहनों के लिये राखी का उपहार है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में महिलाएँ आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास के साथ आगे बढ़ रहीं हैं। इस अवसर पर मध्यप्रदेश में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये किये जा रहे प्रयासों और चलाई जा रही योजनाओं पर आधारित लघु फिल्म भी दिखायी गयी। मुख्यमंत्री ने परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री का अभिनंदन
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा शासकीय महिला कर्मियों को बच्चों की देखभाल के लिये 730 दिवस का चाइल्ड केयर अवकाश देने के फैसले का स्वागत करते हुए शासकीय महिला कर्मियों ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन और आभार व्यक्त किया।
योगदान को मिला पुरस्कार और सम्मान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला-बाल विकास कल्याण के लिये चलायी जा रही योजनाओं और अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देने और उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया। राजगढ़ के श्री जितेन्द्र सिंह सिसोदिया द्वारा 55 बाल-विवाह की सूचना देकर बाल-विवाह रुकवाने पर उन्हें रक्षा-सूत्र सम्मान दिया गया। राजगढ़ जिले के रामपुरिया, सीहोर के जहाँगीरापुरा, रायसेन के वार्ड क्रमांक-18 और छतरपुर जिले के खजुराहो के शौर्या दल को बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने, स्वच्छ भारत अभियान चलाने और 10 वर्षीय बालिका को मानव तस्करी से बचाने पर प्रशंसा-पत्र दिये गये। राजगढ़ की संगीता नागर, विदिशा की रानी रघुवंशी को लाडो अभियान में बाल-विवाह रोकने तथा इसके प्रति लोगों में जन-जागृति लाने के प्रयासों पर प्रशंसा-पत्र दिये गये।
मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण योजना में टीकमगढ़ की श्रीमती रामकली कुशवाह, विदिशा की सुश्री लता यादव को एस.ए.टी.आई. विदिशा से ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण लेने, भोपाल की कु. मंजू भट्ट और कु. पूजा प्रसाद को महिला पॉलीटेक्निक से फैशन डिजायनिंग का प्रशिक्षण लेने का प्रमाण-पत्र दिया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा और बड़ी संख्या में शौर्या दल की सदस्य एवं विभिन्न जिलों से आईं महिलाएँ उपस्थित थीं।

रविवार, 9 अगस्त 2015

सुप्रसिद्ध सरोद वादक देबस्मिता बालभवन जबलपुर में


देबस्मिता जी के ट्विटस बच्चों के लिए 
सिटी भास्कर ने 5 अगस्त 2015 के अंक में
छापी प्रमुखता से खबर    
हितवाद भी पीछे न था 
देबस्मिता मशहूर सरोद वादक दिनांक 5 अगस्त 2015 को  स्पिकमैके, जबलपुर चैप्टर के साथ   बालभवन के लिए किये गए साझा संकल्प के तहत बालभवन के बच्चों से मिलीं . बच्चों से मिलकर देबस्मिता का उत्साह बढ़ गया . बालभवन के बच्चों को ज़रुरत भी है ऐसे  कलाकारों से मिलने की जो ये बताएं कि उनकी कला साधना कैसे निखरी . ?
मुझसे उनकी मुलाक़ात ट्वीटर पर हुई उन्हौने कहा प्रभावित हैं वे हमारे नन्हे कला साधकों से
हम आभारी हैं  स्पिकमैके, जबलपुर चैप्टर के


youtube पर सुनिए देबस्मिता जी का सरोद वादन 

सोमवार, 13 जुलाई 2015

कविता : बालभवन


बड़े रौनक भरे होते हैं मासूमों के चेहरे -
वो जब गीत गाते हैं या फिर ब्रश चलाते हैं
***************
चहल-कदमी, शरारत शोरगुल से भरा आँगन
नृत्यशाला में मस्ती भरा वो झूमता बचपन
कुछेक मिट्टी सने करबद्ध नमस्ते करते हैं मुझको –
कोई कहता है – नहीं आया ! वो बुखार है उसको ।
वो आते हैं लुभा लेते हैं मुसकुराते हैं –
जनम दिन पर साथ वो टॉफी के आते हैं ....
बड़े रौनक भरे होते हैं मासूमों के चेहरे -
वो जब गीत गाते हैं या फिर ब्रश चलाते हैं
***************
अंकित काँपता था सुना जब यहाँ आया
किसी को था पसंद पर किसी को न था वो भाया
उसके कांपते हाथों ने प्रतिमाएँ गढ़ीं थी –
कुछेक जर्जर मिलीं कुछ ले गया वो जो उसने गढ़ीं थीं
दिव्यचक्षु कुछ बालिकाएँ   सुर  साधने  आतीं –
ये भी कह जातीं हैं कैसे ! हम जीत पाते हैं ...
बड़े रौनक भरे होते हैं मासूमों के चेहरे -
वो जब गीत गाते हैं या फिर ब्रश चलाते हैं
***************
  


बुधवार, 1 जुलाई 2015

लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवर्तित स्वरूप ई लाडली हेतु संभाग स्तरीय प्रचार कार्यक्रम प्रारम्भ

एक जून 2015 से प्रारंभ ई-लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रचार प्रसार के लिए संभागीय उप संचालक महिला सशक्तिकरण श्रीमती मनीषा लुंबा  द्वारा आगामी तीन माह तक चलने वाले सघन प्रचारात्मक कार्यक्रम का शुभारंभ संभागीय बाल भवन जबलपुर में किया ।  कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों एवं आदिवासी बाहुल्य जिलों में योजना के नए एवं आंशिक रूप से परिवर्तित स्वरूप को जन जन तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को तत्परता बरतने के निर्देश दिये ।
1.     कियोस्क से भी आवेदन दे सकेंगे अभिभावक  :-  “परिवर्तित योजना सहज सरल हो गई है कोई भी अभिभावक खण्ड स्तरीय सशक्तिकरण अधिकारी / बाल विकास परियोजना अधिकारी क कार्यालय में सीधे अथवा लोक सेवा केंद्र से / आन-लाइन आवेदन कर सकते हैं ।”
2.     मिलेगा एक मात्र प्रमाण पत्र :- “परिवर्तित स्वरूप को व्यापक प्रचार प्रसार हेतु लगातार संभाग भर में विविध कार्यक्रम किए जा रहे हैं,  ई-लाड़ली के अंतर्गत अब पोष्ट-आफिस से एन एस सी जारी नहीं होंगी । अब ई-लाड़ली के तहत पूर्व से  जारी की गईं  एन एस सी को बाल विकास परियोजना अधिकारी / खण्ड स्तरीय महिला सशक्तिकरण के कार्यालयों में जमा करना होगा । ताकि लाड़ली लक्ष्मी प्रमाण पत्र जारी किया जावेगा ।‘’ 
प्रचार अभियान शुरुआत हेतु आयोजित कार्यक्रम में  समृद्धि असाटी , श्रेया ठाकुर, प्रिया सौंधिया, अमृता असाटी,ने बालिका जीवन पर केन्द्रित कोलाज गीत की प्रस्तुति सुश्री शिप्रा सुल्लेरे  के निर्देशन में किया गया ।
इस अवसर पर श्रीमती अजय जैन, सहायक-संचालक, संचालक संभागीय बालभवन की उपस्थिती उल्लेखनीय है । कार्यक्रम के आयोजन में श्री शरद बोरकर,श्री  नीलेश कश्यप,  श्री पीयूष खरे श्री इन्द्र पांडे, श्री सोमनाथ सोनी, श्री श्रीमती रेणु पाण्डे, की सहभागिता उल्लेखनीय रही ।

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