नई दिल्ली के बाल भवन में राष्ट्रीय बाल असेंबली के दूसरे दिन
विभिन्न प्रदेशों के लोकनृत्यों की प्रस्तुति का दिन था . जिसमें हर प्रदेश से आए
बच्चों ने अपने अपने प्रदेश के प्रतिनिधि लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी गई . उक्त
प्रस्तुतियों में जबलपुर बालभवन ने श्री इंद्र पाण्डेय के निर्देशन में बुंदेलखंड
के लोकप्रिय राई नृत्य का प्रदर्शन किया . अपनी तीव्र ताललय के कारण इस नृत्य को
बेहद प्रशंसनीय बताते हुए बालभवन के जबलपुर के प्रयासों की सफल बताया नयन सोनी, आयुष रजक हर्ष सौंधिया के स्वरों को संगीत से संवारा मनु
कौशल, अमन बेन, राघव ने
जबकि प्रभावी नृत्य की प्रस्तुति समृध्दि असाटी, शैफाली सुहाने , मिनी दयाल, आस्था अग्रहरी एवं मनु कौशल ने दी .रविवार, 15 नवंबर 2015
शनिवार, 14 नवंबर 2015
बाल भवन जबलपुर की कुमारी मनु कौशल ने किया श्रीमती स्मृति इरानी के साथ दीप प्रज्जवल
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी
के
की कुमारी मनु कौशल साथ दीप प्रज्जवल में सम्मिलित बाल भवन जबलपुर |
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी
ने आज नई दिल्ली के बाल भवन में राष्ट्रीय बाल असेंबली का उदघाटन करते हुए कहा कि
बच्चे हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक है । श्रीमती ईरानी ने घोषणा कि अगले
वर्ष 26 जनवरी को
भारतीय सैनिकों के लिए सीमा दर्शन नामक एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।
श्रीमती ईरानी ने बाल भवन के अधिकारियों से पुरस्कार प्राप्त कलाकारों के लिए सीमा
दर्शन की व्यवस्था करने की अपील की, जहां वे सैनिकों और
रक्षाबलों के प्रदर्शन को देख सकेंगे ।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 15 अगस्त, 2014 को की गयी घोषणा के एक वर्ष के भीतर की अवधि में विद्यालयों में छात्रों और छात्राओं के लिए पृथक प्रसाधनों का निर्माण के 100 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी सरकारी विद्यालयों, विद्यालय शिक्षकों और हितधारकों के द्वारा किए गए समन्वित प्रयासों की भी सराहना की। मंत्री महोदया ने यह भी घोषणा कि इस वर्ष दिसंबर में एक राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक उत्सव ‘कला उत्सव’ का आयोजन किया जाएगा जहां देशभर के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों के समूह अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे । इस कार्यक्रम के विजेता को 5 लाख रूपये के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा । उन्होंने बाल भवन के कलाकारों से भी इस कार्यक्रम में पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लेने का आह्वान किया ।
‘मेरा गांव, मेरी शान’ शीर्षक का परिचय देते हुए उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्रों से
अपने गांव, कस्बे अथवा शहर के नाम के साथ अपना परिचय और अपने
जन्म स्थान के प्रति गर्व का भाव रखने का भी आह्वान किया।
“मेरा
गांव मेरा गौरव” विषय पर दिनांक 14 नवंबर
से 20 नवंबर 2015 तक सप्ताह भर का बाल असेम्बली पर एकता शिविर कार्यक्रम का शुभारंम्भ आज से राष्ट्रीय बाल
भवन नई-दिल्ली । इस कार्यक्रम संभागीय बाल भवन
जबलपुर का दल लगातार ग्रामीण विकास पर अपनी वैचारिक उपस्थिति के साथ ग्रामीण विकास
के अनछुए पहलुओं के साथ गांव तथा संस्कृति को सृजनात्मक रूप से दर्शाने के
लिए तत्पर है . दल में नयन सोनी, आयुष रजक, समृध्दि असाटी, मनु कौशल, अमन बेन, राघव, शैफाली सुहाने , मिनी दयाल, आस्था अग्रहरी, हर्ष सौंधिया
शामिल हैं.
उन्होंने बच्चों के द्वारा की गयी गायन, नृत्य और अन्य
प्रस्तुतियों की भी सराहना की । इस अवसर पर विद्यालय शिक्षा और साक्षरता, सचिव डॉ.एस.सी. खुनटिया, संयुक्त सचिव श्री जे.आलम,
राष्ट्रीय बाल भवन की निदेशक डॉ. उषा कुमारी एम.सी. और देश के
विभिन्न बाल भवनों से आए बच्चों के अलावा , शिक्षक और
माता-पिता उपस्थित थे ।
मंगलवार, 10 नवंबर 2015
राष्ट्रीय बाल भवन दिल्ली हेतु 14 नवंबर से 20 नवंबर तक बाल भवन जबलपुर के कलाकार आमंत्रित
बालभवन जबलपुर जबलपुर, 10 नवम्बर 2015 |
प्रति वर्ष की तरह
राष्ट्रीय बाल भवन “मेरा गांव मेरा गौरव” विषय पर दिनांक 14 नवंबर से 20 नवंबर 2015 तक सप्ताह भर का बाल असेम्बली पर एकता शिविर कार्यक्रम का आयोजन करने
जा रहा है । इस कार्यक्रम मेरा गांव मेरा गौरव के उददे्श्य को ध्यान में रखते
हुए संभागीय बाल भवन जबलपुर गांव तथा संस्कृति को सृजनात्मक रूप से दर्शाने म0प्र0 की लोककला ,लोकसंस्कृति को ,,राई लोकनृत्य व लोकगीत की प्रस्तुति को राष्टृीय बाल भवन नई दिल्ली में प्रस्तुत करेगें।
उक्त लोक नृत्य व लोकगीत म0प्र0 के बुन्देलखण्ड क्षेत्र की लोकसंस्कृति पर आधारित है ।
संभागीय बाल भवन जबलपुर के संचालक के अनुसार उपसंचालक श्रीमति मनीषा लुम्बा के मार्गदर्शन व दिशा
निर्देशन में 10 बाल कलाकारों का दल 12 नवंबर को नई दिल्ली राष्ट्रीय बाल भवन
के लिए रवाना होगें जिसका नेतृत्व सुश्री शिप्रा सुल्लेरे एवं श्री देवेन्द्र यादव
करेंगें ।
बुन्देली राई लोकनृत्य व बुन्देली लोकगीत-ढिमरयाई का निर्देशन
- इन्द्र पांडे,
संगीत संयोजन -सुश्री
शिप्रा सुल्लेरे (संगीत अनुदेशिका ) द्वारा किया गया है। बाल कलाकार- गायक मंडली में
नयन सोनी,
आयुष रजक, समृध्दि असाटी, मनु कौशल,
अमन बेन, राघव एवं लोकनृत्य
कलाकार - मनु कौशल,
शैफाली सुहाने , मिनी दयाल, समृध्दि असाटी,
आस्था अग्रहरी, हर्ष सौंधिया आदि
अपनी प्रस्तुति देंगे ।
शनिवार, 7 नवंबर 2015
शिवमंगल सिंह सुमन की कविताएँ गूंजी बाल भवन में
संभागीय बालभवन जबलपुर में स्वर्गीय श्री
शिवमंगल सिंह सुमन जन्म शताब्दी के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों के क्रम में
दिनांक 7 नवंबर 2015 को स्वर्गीय श्री शिवमंगल
सिंह “सुमन” की कविताओं का पठन किया । जिसमें बाल भवन सहित 08 विद्यालयों के
छात्र-छात्राओं न भाग लिया । जिसमें प्रथम स्थान पर कुमारी शुभांगी यादव,
द्वितीय कु॰ दीपाली ठाकुर,
एवं मास्टर शरणजीत कौर,
तथा तृतीय स्थान पर मास्टर गगन दीप सिंह,
एवं मास्टर एजाज रहे । इस अवसर पर
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री मोहन “शशि”
ने कहा कि – “हिन्दी-साहित्यिक गतिविधियों” के सतत आयोजनों से बच्चो में साहित्य के प्रति
सकारात्मक रुझान को प्रश्रय मिलता है ।
कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथियों द्वारा सरस्वती
पूजन एवम अतिथि-सत्कार के साथ हुआ । श्रीमती साधना उपाध्याय ने त्रिवेणी-परिषद की ओर से कार्यक्रम की उपादेयता
एवं महत्व पर प्रकाश डाला । साहित्यकार एवं संचालक बाल भवन गिरीश बिल्लोरे ने
बच्चों के सम्पूर्ण विकास में सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए
सकारात्मक वातावरण निर्माण के प्रयासों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया । बाल-भवन
की बालिका कुमारी श्रेया खंडेलवाल,
कुमारी पलक गुप्ता संचालन में आयोजित
कार्यक्रम में डा॰ श्रीमती मुकुल तिवारी,
श्रीमती रत्ना ओझा,
डा॰ सुश्री आशा रिछारिया,
श्रीमती पूनम शर्मा,
डा॰ आभा दुबे,
सुश्री मनीषा गौतम,
श्री दीपक तिवारी सुश्री शिप्रा सुल्लेरे,
श्रीमती रेणु पांडे श्री देवेन्द्र यादव,
श्रीमति मीना सोनी श्री अमित जाट,
श्री टेकराम डेहरिया की उपस्थिती एवं भूमिका उल्लेखनीय रही ।
इस अवसर पर स्वर्गीय श्री शिवमंगल
सिंह सुमन जी के गीतों का गायन भी श्री शरद नामदेव के संगीत निर्देशन में बच्चों
द्वारा किया गया ।
गुरुवार, 29 अक्तूबर 2015
“राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान चयन शिविर में बाल भवन जबलपुर का 25 सदस्यीय दल
जबलपुर / राष्ट्रीय बाल भवन नयी दिल्ली (मानव संससाधन विकास मंत्रालय भारत
सरकार) द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान आयोजित किया जाता है। इसी क्रम
में संभागीय बाल भवन जबलपुर में संभागीय स्तर पर आयोजित अभिनय नृत्य, गायन, वादन एवं चित्रकला मूर्तिकला, हस्तकला के साथ ही वैज्ञानिक
नवीनीकरण सृजनात्मक लेखन आदि की प्रतियोगिता में बाल कलाकारों का 25 सदस्यीय दल दिनांक 30.10.2015 को भोपाल जवाहर बाल भवन में
आयोजित राज्य स्तरीय बाल श्री सम्मान प्रतियोगिता में सम्मलित होने रवाना हो रहा है । दल में बाल कलाकार कु. आस्था गुप्ता, यशी पचौरी, अभय सोंधिया, सुनीता केवट, मनु कौशल, इशिता विश्वकर्मा, लक्षिता शुक्ला, श्रेया खंडेलवाल, नीति शर्मा, सचिन जायसवाल, श्रेया ठाकुर ,सृष्ठी गुप्ता अपूर्वा गुप्ता, पूर्वा शर्मा, ब्योम गर्ग , अक्षया जैन, आकाश कोहली, प्रवीण उददे, माया पटेल, सोम्य नागवंशी शामिल हैं .
संभागीय बाल भवन के संभागीय उपसंचालक श्रीमति मनीषा लुम्बा ने
बताया कि राष्ट्रीय बाल-भवन से प्राप्त नवीन निर्देशानुसार इस वर्ष जबलपुर संभाग
के सभी जिलों से बाल-प्रतिभाएं राष्ट्रीय बाल-श्री सम्मान हेतु भोपाल में आयोजित
द्विदिवसीय चयन शिविर में शामिल हो रहे हैं .
गिरीश बिल्लोरे के अनुसार शिविर में शामिल होने
वाले बच्चों में सामान्य श्रेणी के अलावा नि:शक्त एवं अनाथ बच्चों को भी चयनित
किया गया है . अनुदेशिका शिप्रा सुल्लेरे, , श्रीमति रेनु पांडे एवं खेल अनुदेशक श्री
देवेंद्र यादव के संयुक्त संयोजन व
नेतृत्व में रवाना होंगे ।
शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015
समझो भारत समझो : अपूर्वा गुप्ता की मुहिम
बालभवन जबलपुर की #अपूर्वा के अपने सपने हैं अपनी सोच है मौलिक चिंतन है तलाश की
जिद्द है उसमें . मुझे नहीं मालूम कि क्या
क्या और कितना सोचना चाहिए बच्चों को पर हाँ इतना ज़रूर जानता हूँ कि अपूर्वा की
तरह थोड़ा थोड़ा न केवल बच्चों को वरन मुझे भी सोचना ही होगा . अपूर्वा ने
बच्चों के साथ मिलकर आज दो अक्टूबर 2015 को एक प्लान बनाया . अपना प्लान पूरा होता
देख माँ और चाचा की मदद से अपूर्वा घर के नज़दीक वाले यादव कॉलोनी चौक पर साथियों के साथ जा
पहुँची .. भीड़ आती जाती रही कुछ देखते कुछ न देखते
अपने गंतव्य को आ-जा रहे थे . सबको छोटी छोटी दफ्तियों पर लिखे सन्देश देने बेताब बच्चों को देख कुछ लोगों का मन अधिक भावविभोर हो गया तो कुछ की नज़र में सामान्य सा दृश्य था मेरे दृष्टिकोण से नन्हे हाथों से चाँद-सितारे छोने की कोशिश जो सर्वदा सफल ही होती है .
अपूर्वा के साथ अनन्या, स्नेहा अयेशा, अपूर्व, अंशुल, सारांश, अभिषेक के दिमाग में जो भी कुछ जारी है ... जारी रखना होगा .. देश को इन्हीं नन्ही-मुन्नी कोशिशों से संबल मिलेगा . आइये इन सुनहरी नवकिरणों की सराहना करें उनके कहे को समझ कर . पालीथीन के प्रयोग को रोक कर बिना हैलमेट घर से न निकलने की शपथ लेकर हम इन बच्चों को प्रोत्साहित करें कल इन्हीं का है ये बच्चे सुनहरे कल के भारत का आभाषी बिम्ब हैं .
अपूर्वा के साथ अनन्या, स्नेहा अयेशा, अपूर्व, अंशुल, सारांश, अभिषेक के दिमाग में जो भी कुछ जारी है ... जारी रखना होगा .. देश को इन्हीं नन्ही-मुन्नी कोशिशों से संबल मिलेगा . आइये इन सुनहरी नवकिरणों की सराहना करें उनके कहे को समझ कर . पालीथीन के प्रयोग को रोक कर बिना हैलमेट घर से न निकलने की शपथ लेकर हम इन बच्चों को प्रोत्साहित करें कल इन्हीं का है ये बच्चे सुनहरे कल के भारत का आभाषी बिम्ब हैं .
बुधवार, 30 सितंबर 2015
बालभवन में कराते प्रशिक्षण हेतु प्रवेश प्रारम्भ
विगत सत्र में संभागीय
बाल भवन जबलपुर द्वारा निर्भया दिवस दिनांक 16 दिसंबर 2014 से
प्रारम्भ मार्शल आर्ट प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन 31 दिसंबर 2014को बाल भवन परिसर में श्रीमती प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव, आईपीएस, आईजी-महिला सेल,जबलपुर
के मुख्यआतिथ्य में सम्पन्न हुआ था ।
इस कार्यशाला में 65 बालक बालिकाओं ने प्रशिक्षण-प्राप्त किया गया था
प्रशिक्षक श्री नरेन्द्र गुप्ता एवं श्री सपन धर गुप्ता को शाल-श्रीफल से श्रीमती प्रज्ञा
रिचा श्रीवास्तव, आईपीएस, आईजी-महिला
सेल,जबलपुर द्वारा सम्मानित किया गया । इस मौके पर अपने
उद्बोधन में श्रीमती प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव ने बच्चों की भूरि भूरि प्रशंसा करते
हुए कहा कि जो बच्चों ने मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण प्राप्त किया हैं वो किसी भी
स्थिति में जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है खासकर तब और आवश्यक है जब कि
सामाजिक परिस्थितियाँ सामान्य नहीं हैं । किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि किसी
अन्य व्यक्ति खासकर बालिकाओं, बच्चों , महिलाओं , के विरुद्ध हिंसक हो । बच्चे
देश का भविष्य हैं हमारी कोशिशें ये होनी चाहिए कि हम खुद बेहतर तरीके से
जिएं और समूचे समाज को सुख से जीनें दें । बाल भवन के इस प्रयास से मैं बेहद
उत्साहित हूँ । मेरा सुझाव है कि प्रशिक्षण निरंतर जारी रहे इस हेतु जो भी सहयोग
अपेक्षित हो उसके लिए सदैव तत्पर हूँ ।
श्रीमती प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव, आईपीएस, आईजी-महिला सेल,जबलपुर की सलाह पर सत्र जारी रखा गया जिसमें 25 बच्चों ने नाम दर्ज कराए किन्तु अंतत: मात्र 20 बच्चे निरंतरता रख सके .
किन्तु अंतत: 20 बच्चों की निरंतरता
को देखते हुए इस वर्ष कुल 20 बालक बालिकाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है . गत
वर्ष की उपलब्धि ये है कि 3 बच्चे ओरेंज-बैल्ट हासिल करने में सफल भी रहे . इस
वर्ष 5 अक्टूबर से 31 मार्च 16 तक चलने वाले शिविर को अधिक गुणवत्ता-पूर्ण एवं
उनकी नियमितता बनाए रखने के लिए नियमों में परिवर्तन किया जाकर मात्र 20 बच्चों को
प्रशिक्षित करना प्रस्तावित है .
संभागीय बालभवन जबलपुर
में दिनांक 30 सितंबर 15 से 15 अक्टूबर 2015 तक कराते प्रशिक्षण हेतु प्रवेश
प्रक्रिया नियत की गई है । प्रशिक्षण में 6 से 16 वर्ष के बालक एवं 6 से 18 वर्ष
की बालिकाएँ प्रवेश प्राप्त कर सकेंगी । बाल भवन में पंजीयन शुल्क रुपए 60/-
(सिर्फ एकबार देय ) के अतिरिक्त कोई शुल्क देय नही होगा । इस
नि:शुल्क प्रशिक्षण हेतु कुल 20 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित करना
सुनिश्चित किया गया है । अभिभावकों से अनुरोधा है कि वे अपने बच्चे के साथ दिनांक
दिनांक 30 सितंबर 15 से 15 अक्तूबर 2015
तक दोपहर 3 बजे से 4 बजे तक श्री नरेंद्र गुप्ता मानसेवी प्रशिक्षक कराते , संभागीय बालभवन, गढ़ाफाटक, जबलपुर से संपर्क कर सकते हैं
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