मंगलवार, 17 अप्रैल 2018

बालभवन को अधिक सुविधा संपन्न बनाया जावेगा : पंडित सुशील शुक्ला


संभागीय बालभवन की नवगठित सलाहकार एवम समिति की प्रथम बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए समिति अध्यक्ष श्री सुशील शुक्ला ने कहा - विगत 3 वर्षों में बालभवन जबलपुर में सतत सांस्कृतिक साहित्यिक एवम सृजनात्मक गतिविधियों से अपना स्थान बनाया है वो अपने आप में उल्लेखनीय है । बच्चों में खासकर मध्यम एवम निम्न आय वर्ग के बच्चों के लिए यह केंद्र एक आदर्श प्रशिक्षण केंद्र बन चुका है , अब समिति की जिम्मेदारी है कि हम इसे और अधिक सुविधा संपन्न बनाएंगे । वरिष्ठ रंगकर्मी श्री अरुण पांडेय ने कहा कि - हम संसाधन जुटाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे यह एक जरूरी संस्था है । जिसके कार्यों से सारा शहर खासकर बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं । 

वरिष्ट स्वर साधिका श्रीमती तापसी नागराज, वरिष्ठ कलाकार श्री अरुणकान्त पांडे ने बाल कलाकारों की प्रशंसा करते हुए बालभवन में जनभागीदारी बढ़ाने का आश्वासन दिया । समाज सेवी दंपत्ति श्रीमती श्रद्धा शर्मा एवम विशेष आमंत्रित सदस्य श्री सत्येंद्र शर्मा ने अवगत कराया कि - सीमित साधनों में असीमित कोशिश कर बालभवन जबलपुर ने राष्ट्रीय स्तर पर जबलपुर का नाम रोशन किया है तो संस्कारधानी की जिम्मेदारी है कि ऐसी संस्था को हर संभव मदद की जावे । 

स्मार्ट सिटी परियोजना में बालभवन के प्रस्ताव को लाने के लिए संबंधित विभागों से समिति चर्चा करेगी । 
डॉ संध्या जैन श्रुति ने बताया कि - जबलपुर बालभवन ने साहित्यिक गतिविधियों को शामिल कर जो सफलता हासिल की वह उल्लेखनीय है । उन्होंने बालश्री एवार्ड के लिये नॉमिनेशन का उल्लेख करते हुए बताया कि - जबलपुर से 8 बच्चे राष्ट्रीय बालश्री एवार्ड के लिए चयनित हैं उनमें 3 बाल साहित्यकार हैं जबलपुर के लिए गौरव का विषय है। अतः साहित्य समुदाय से अनुरोध है कि वे बिना किसी आमंत्रण की प्रतीक्षा कर बाल साहित्य के विकास के लिए बालभवन को सहयोग कर सकते हैं । मध्यप्रदेश लेखिका संघ इस दिशा में सहयोगी होगी । वरिष्ठ नृत्य गुरु श्रीमती उपासना देव, नाट्य निर्देशक श्री संजय गर्ग इंद्र पांडे आदि ने भी बालभवन के विकास के लिये आश्वस्त किया । 
बैठक में डॉ शिप्रा सुल्लेरे श्रीमती रेणु पांडे शैलजा सुल्लेरे भी मौज़ूद थे ।

रविवार, 15 अप्रैल 2018

*बालभवन जबलपुर में नाट्य प्रशिक्षण प्रारम्भ* जबलपुर 16 अप्रैल 2018



              
बाल नाट्य-शिविर हेतु 16 अप्रैल से 15 मई 2018 तक प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से संभागीय बालभवन परिसर में प्रतिदिन दिया जावेगा. जबलपुर की प्रसिद्धि नाट्यलोक संस्था इस शिविर में विशेष सहयोग करेगी । यह संस्था बाल नाटकों के लिए कार्य कर रही है । तथा संभागीय बालभवन में 2007 से निरंतर संस्था का सहयोग जारी है । 
शिविर का संचालन बाल नाटकों के निर्देशक श्री संजय गर्ग एवं बाल-नाट्य निर्देशक कु. मनीषा तिवारी करेंगी. नाटकों में अभिनय, संवाद, पटकथा, कहानियों का नाट्यरूपान्तरण, तथा म्यूजिक पिट के माध्यम से लाइव म्यूजिक, मंच पर लाईट , साजसज्जा आदि की जानकारी के सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक अभ्यास को शिविर के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. संभागीय बालभवन द्वारा नगर की विभिन्न नाट्य संस्थाओं एवं वरिष्ट रंगकर्मियों को भी शिविर में आमंत्रित किया जा रहा है. *शिविर में नाटकों प्रहसनों नुक्कड़ नाटकों की स्क्रिप्टिंग कथाओं के रूपांतरण एवम गीत लेखन के लिए स्वयम संचालक बालभवन के साथ डा संध्या जैन , श्री इरफ़ान झांस्वी, लाइट साउंड एवम मंच प्रबंधन का प्रशिक्षण श्री दविंदर सिंह ग्रोवर, श्री रविंद्र मुरहार, संगीत डॉक्टर शिप्रा सुल्लेरे, मुस्कान सोनी साक्षी गुप्ता 
शिविर की कार्यकारी संचालक कुमारी मनीषा तिवारी ने बताया कि- वर्ष2016- 17 में संभागीय बालभवन जबलपुर द्वारा *लौट आओ गौरैया (08 प्रस्तुतियां), बॉबी (07 प्रस्तुतियां ), तथा मिला तेज से तेज़ (06 प्रस्तुतियां )जैसे नाटकों का निर्माण एवं प्रस्तुति दी* जिनके अब तक एक दर्जन से अधिक शो भोपाल जबलपुर सिहोरा आदि स्थानों पर हो चुके हैं । 
बाल नाटकों से बच्चों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास संभावना को देखते हुए इस वर्ष ग्रीष्मावकाश में विशेष रूप से एक पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है. जिसके अनुसार प्रतिभागी बच्चों को प्रशिक्षित किया जावेगा . प्रशिक्षण उपरांत बच्चों के द्वारा चुनी कहानी पर एक नाटक तैयार कराया जावेगा . शिविर से लगातार 3 दिन अनुपस्थित रहने पर प्रतिभागिता समाप्त कर दी जावेगी.



शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018

भोपाल में बालभवन जबलपुर के नाटक मिला तेज से तेज से शुरू होगा टंट्याबाबा छटवां बाल-नाट्य समारोह..!!


                           
 संभागीय बालभवन जबलपुर एवं नाट्यलोक के संयुक्त प्रयासों से वर्ष 16-17 में बॉबी, 17-18 में मिला तेज़ से तेज़ एवं लौट आओ गौरैया नाटकों का निर्माण किया गया . विजय तेंदुलकर के  बॉबी नाटक में कामकाजी दम्पति की बेटी के एकाकीपन और उसकी बालसुलभ बेचैनी का वास्तविक चित्रण है जो दर्शकों को भावुक कर देता है. इस नाटक के अबतक 5 शो आयोजित किये जा चुके हैं. जबकि मिला तेज से तेज स्व. सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन पर केन्द्रित है . इस नाटक के भी अब तक 5 शो किये जा चुके हैं. मिला तेज से तेज नाटक में डाक्टर शिप्रा सुल्लेरे के निर्देशन में  लाइव-म्यूजिक का प्रयोग उसे अधिक जीवंत बना देता है. इस वर्ष बालभवन ने पोट्रेट एवं गणपति बप्पा मोरिया, नाटकों के निर्माण का कार्य किया जा रहा है. सभी नाटकों के निर्देशन श्री संजय गर्ग एवं निर्देशन सहायक कुमारी मनीषा तिवारी (नवोदित नाट्य निर्देशक) होंगी. जबकि दो दर्जन  से  अधिक बच्चे इन नाटकों में मंच एवं मंच के पीछे से कार्य कर रहे हैं. बालभवन थियेटर विधा को इस कारण प्रमुखता देना चाहता है क्योंकि रंगमंच गतिविधियों से बच्चों के सर्वांगीण  विकास  के रास्ते तेज़ी से खुलते हैं . बच्चे झिझक एवं संकोच को सहज त्यागने में सफल हो जाते हैं.
                             दिनांक 09 अप्रैल 2018 को शहीद-भवन भोपाल में लोक गुंजन नाट्य संस्था के तत्वावधान में आयोजित टंट्याबाबा षष्टम  बाल-नाट्य समारोह शहीद भवन भोपाल में आयोजित है. जिसमें संभागीय बालभवन जबलपुर के नाटक मिला  तेज से तेज को आमंत्रित किया गया है. दिनांक 08 अप्रैल 18 को वरिष्ट नाट्य-निर्देशक  श्री संजय गर्ग, एवं श्री दविंदर सिंह ग्रोवर के नेतृत्व में 23 सदस्यीय दल भोपाल  प्रस्थान  करेगा. डॉक्टर शिप्रा सुल्लेरे के संगीत निर्देशन में लाइव संगीत एवं सुभद्रा जी के गीतों / कविताओं का समावेश इस नाटक को अन्य नाटकों से अलग साबित करता है.  मिला तेज से तेज नाटक जहां एक और सुभद्रा जी के बाल्यकाल को रेखांकित करता है वहीँ दूसरी ओर उनके द्वारा  जबलपुर में स्वतन्त्रता आन्दोलन को रेखित करता है. स्व. सुभद्रा कुमारी चौहान के बचपन की भूमिका जिम्मेदारी  बालिका अंजली गुप्ता एवं वयस्क आयु की भूमिका को कुमारी उन्नति तिवारी ने बखूबी निभाया है. 

रविवार, 1 अप्रैल 2018

“बाल नाट्य-शिविर हेतु पंजीयन दिनांक 2 अप्रैल से संभागीय बालभवन जबलपुर में ”



बाल नाट्य-शिविर हेतु पंजीयन दिनांक 2 अप्रैल 2018  से 8 अप्रैल 2018 तक संभागीय बालभवन जबलपुर में किये जावेगें . तदुपरांत 15 अप्रैल से 15 मई 2018 तक प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से संभागीय बालभवन परिसर में प्रतिदिन दिया जावेगा. शिविर का  संचालन बाल नाटकों के निर्देशक श्री संजय गर्ग एवं बाल-नाट्य निर्देशक कु. मनीषा तिवारी करेंगी. नाटकों में अभिनय, संवाद, पटकथा, कहानियों का नाट्यरूपान्तरण, तथा म्यूजिक पिट के माध्यम से लाइव म्यूजिक, मंच पर लाईट , साजसज्जा  आदि की जानकारी के सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक अभ्यास को शिविर के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.   संभागीय बालभवन द्वारा नगर की विभिन्न नाट्य संस्थाओं एवं वरिष्ट रंगकर्मियों को भी शिविर में आमंत्रित किया जा रहा है.
शिविर की कार्यकारी संचालक कुमारी मनीषा तिवारी ने बताया कि-     वर्ष 2016-17 में संभागीय बालभवन जबलपुर द्वारा लौट आओ गौरैया, बॉबी, तथा मिला तेज से तेज़ जैसे नाटकों का निर्माण एवं प्रस्तुति दी जिसे उम्मीद से अधिक सफलता एवं सराहना प्राप्त हुई . बाल नाटकों से बच्चों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण  विकास संभावना को देखते हुए इस वर्ष ग्रीष्मावकाश में विशेष रूप से एक पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है. जिसके अनुसार प्रतिभागी बच्चों को प्रशिक्षित किया जावेगा . प्रशिक्षण उपरांत बच्चों के द्वारा चुनी कहानी पर एक नाटक तैयार कराया जावेगा . शिविर से लगातार 3 दिन अनुपस्थित रहने पर प्रतिभागिता समाप्त कर दी जावेगी.
बच्चे इसी संस्थान से एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी कर सकतें हैं 
अभिभावकों से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों को इस नि:शुल्क शिविर लाभ लेने हेतु बालभवन में संपर्क करें .


शुक्रवार, 9 मार्च 2018

“बालभवन की बाल गायिका ने किया जबलपुर को गौरवान्वित”


मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बालविवाह की रोकथाम के लिए 2014 से “लाडो-अभियान” चलाया जा रहा है. संभागीय बालभवन की छात्रा कु . इशिता विश्वकर्मा इस अभियान की ब्रांड एम्बेसडर दिसंबर 2015 से है. विभिन्न टेलीविजन शो एवं स्टेज शो में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली इशिता विश्वकर्मा, को माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने महिला दिवस के अवसर पर जवाहर बाल भवन भोपाल में सम्मानित किया. इस अवसर पर माननीया मंत्री, महिला बाल विकास - श्रीमति अर्चना चिटनिस जी, माननीया राज्य मंत्री, महिला बाल विकास – श्रीमती ललिता यादव जी, श्री कृष्णमुरारी मोघे जी, प्रमुख सचिव महिला बाल विकास श्री जे एन कन्सौटिया जी, आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती जय श्री कियावत , आयुक्त बाल विकास सेवाएं श्री संदीप यादव उपस्थित थे.इशिता को प्रमाण पत्र 51 हज़ार रूपए की राशि एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया . 
महिला बाल विकास जबलपुर की संभागीय संयुक्त संचालक, सुश्री सीमा शर्मा, संभागीय उप संचालक महिला सशक्तिकरण श्रीमती मनीषा लुम्बा, संचालक बालभवन गिरीश बिल्लोरे , जिला कार्यक्रम अधिकारी मनीष शर्मा, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी अखिलेश मिश्रा , डाक्टर शिप्रा सुल्लेरे, आदि ने शुभकामाएं प्रेषित कीं. 

मंगलवार, 16 जनवरी 2018

ओडिसी नृत्यांगना पद्मश्री माधवी मुदगल की बालभवन में बाल साधकों से की मुलाक़ात


        संभागीय बालभवन जबलपुर एवं स्पिक-मैके जबलपुर चैप्टर द्वारा आज बाल भवन के बच्चों से वरिष्ठ ओडिसी नृत्यांगना श्रीमती माधवी मुदगल  {नई दिल्ली } की एक मुलाक़ात कराई गई . श्रीमती मुदगल वर्ष 1990 में भारत सरकार के पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हो चुकीं है. 4 अक्टूबर 1951 में जन्मीं माधवी जी यद्यपि ओडिसी नृत्यांगना हैं परन्तु वे भरतनाट्यम , कत्थक पर भी समान अधिकार रखतीं हैं . 66 वर्ष की आयु में भी ओडिसी तथा अन्य शास्त्रीय नृत्य की प्रशिक्षण वर्तमान में भी देने वाली श्रीमती माधवी ने बाल साधकों को भारत के अन्य शास्त्रीय नृत्यों के  अंतर को सरल शब्दों में बताया . कार्यक्रम के शुभारम्भ में छोटी बालिकाओं  भक्ति, शर्मिष्ठा एवं श्रद्धा दासगुप्ता नें अतिथि कलाकारों का स्वागत किया. तदुपरांत श्रीमती माधवी द्वारा अपनी सह-नृत्यांगना शलाखा राय के साथ भगवान जगन्नाथ लीला की प्रस्तुति दी प्रस्तुति में गायन मणि कुंतला भौमिक सहयोग किया जबकि सितार पर यार मोहम्मद एवं पखावज पर जितेन्द्र स्वाइं का वादन प्रभावकारी रहा . देर शाम तक चली चर्चा में बच्चों को ज्ञात कराया गया कि – अन्य शास्त्रीय नृत्यों की तरह कथा एवं ताल नृत्य के  मूल घटक हैं . फर्क केवल यह है कि ओडिसी नृत्य त्रिभंग अर्थात शरीर के तीन हिस्सों से प्रस्तुत किया जाता है.
कार्यक्रम के आयोजन में श्री परिवेश चौधरी ,  डा शिप्रा सुल्लेरे एवं श्रीमती मीना सोनी का उल्लेखनीय योगदान रहा.





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