रविवार, 17 जनवरी 2016

स्वामी विवेकानंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ

विकी पर मौजूद  स्वामी विवेकानंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ 
12 जनवरी 1863 -- कलकत्ता में जन्म
1879 -- प्रेसीडेंसी कॉलेज कलकत्ता में प्रवेश
1880 -- जनरल असेम्बली इंस्टीट्यूशन में प्रवेश
नवंबर 1881 -- रामकृष्ण परमहंस से प्रथम भेंट
1882-86 -- रामकृष्ण परमहंस से सम्बद्ध
1884 -- स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण; पिता का स्वर्गवास
1885 -- रामकृष्ण परमहंस की अन्तिम बीमारी
16 अगस्त 1886 -- रामकृष्ण परमहंस का निधन
1886 -- वराहनगर मठ की स्थापना
जनवरी 1887 -- वराह नगर मठ में संन्यास की औपचारिक प्रतिज्ञा
1890-93 -- परिव्राजक के रूप में भारत-भ्रमण
25 दिसम्बर 1892 -- कन्याकुमारी में
13 फ़रवरी 1893 -- प्रथम सार्वजनिक व्याख्यान सिकन्दराबाद में
31 मई 1893 -- मुम्बई से अमरीका रवाना
25 जुलाई 1893 -- वैंकूवर, कनाडा पहुँचे
30 जुलाई 1893 -- शिकागो आगमन
अगस्त 1893 -- हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रो॰ जॉन राइट से भेंट
11 सितम्बर 1893 -- विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में प्रथम व्याख्यान
27 सितम्बर 1893 -- विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में अन्तिम व्याख्यान
16 मई 1894 -- हार्वर्ड विश्वविद्यालय में संभाषण
नवंबर 1894 -- न्यूयॉर्क में वेदान्त समिति की स्थापना
जनवरी 1895 -- न्यूयॉर्क में धार्मिक कक्षाओं का संचालन आरम्भ
अगस्त 1895 -- पेरिस में
अक्टूबर 1895 -- लन्दन में व्याख्यान
6 दिसम्बर 1895 -- वापस न्यूयॉर्क
22-25 मार्च 1896 -- फिर लन्दन
मई-जुलाई 1896 -- हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान
15 अप्रैल 1896 -- वापस लन्दन
मई-जुलाई 1896 -- लंदन में धार्मिक कक्षाएँ
28 मई 1896 -- ऑक्सफोर्ड में मैक्समूलर से भेंट
30 दिसम्बर 1896 -- नेपल्स से भारत की ओर रवाना
15 जनवरी 1897 -- कोलम्बो, श्रीलंका आगमन
जनवरी, 1897 -- रामनाथपुरम् (रामेश्वरम) में जोरदार स्वागत एवं भाषण
6-15 फ़रवरी 1897 -- मद्रास में
19 फ़रवरी 1897 -- कलकत्ता आगमन
1 मई 1897 -- रामकृष्ण मिशन की स्थापना
मई-दिसम्बर 1897 -- उत्तर भारत की यात्रा
जनवरी 1898 -- कलकत्ता वापसी
19 मार्च 1899 -- मायावती में अद्वैत आश्रम की स्थापना
20 जून 1899 -- पश्चिमी देशों की दूसरी यात्रा
31 जुलाई 1899 -- न्यूयॉर्क आगमन
22 फ़रवरी 1900 -- सैन फ्रांसिस्को में वेदान्त समिति की स्थापना
जून 1900 -- न्यूयॉर्क में अन्तिम कक्षा
26 जुलाई 1900 -- योरोप रवाना
24 अक्टूबर 1900 -- विएना, हंगरी, कुस्तुनतुनिया, ग्रीस, मिस्र आदि देशों की यात्रा
26 नवम्बर 1900 -- भारत रवाना
9 दिसम्बर 1900 -- बेलूर मठ आगमन
10 जनवरी 1901 -- मायावती की यात्रा
मार्च-मई 1901 -- पूर्वी बंगाल और असम की तीर्थयात्रा
जनवरी-फरवरी 1902 -- बोध गया और वाराणसी की यात्रा
मार्च 1902 -- बेलूर मठ में वापसी
4 जुलाई 1902 -- महासमाधि

सोमवार, 11 जनवरी 2016

बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव हुआ है : श्रीमती माया सिंह


 मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पबद्ध है और इसके लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। बच्चियों में आगे बढ़ने की ललक और सीखने की चाहत के चलते वे स्वयं भी सबला बनने की दिशा में अग्रसर हैं। शासन का प्रयास है कि हर बालिका चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि की हो, सबला बन कर उभरे ।
श्रीमती सिंह आज यहां मानस भवन के प्रेक्षागृह में आयोजित प्रदेश के पहले सबला सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन दे रही थीं। उन्होंने कहा कि हमें बच्चियों को उनकी रूचि और योग्यतानुसार आगे बढ़ने में हरसंभव मदद और मार्गदर्शन देना होगा। श्रीमती सिंह ने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के गंभीर प्रयासों का भी उल्लेख किया। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि स्वागतम् लक्ष्मी, बेटी बचाओ अभियान और लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं से परिदृश्य में गुणात्मक परिवर्तन संभव हो सका है ।
 बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि किशोर आयु समूह में ही बच्चियों के व्यक्तित्व के विकास की ओर ध्यान देना होगा। यह समय सृजन और निर्माण का है। अभिभावकों और महिला एवं बाल विकास विभाग की  भूमिका इसमें बहुत महत्वपूर्ण है। सही समय पर सही मार्गदर्शन प्राप्त होने से ही बेटियां सशक्त बनेंगी और आगे चलकर चमकदार उपलब्धियां हासिल करने में कामयाब होंगी। इस परिप्रेक्ष्य में श्रीमती सिंह ने सुपोषण अभियान और स्नेह सरोकार कार्यक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुधार के साथ-साथ बच्चियों की दक्षता बढ़ाने के लिए बहुतेरे प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किए गए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि तमाम योजनाओं के जरिए सरकार ने समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक वातावरण बनाने के गंभीर प्रयास किए हैं जिसके चलते बेटियों को बेहतर अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। महत्वपूर्ण यह है कि इस संदर्भ में समाज का भी यथेष्ट सहयोग प्राप्त हो रहा है ।
प्रदर्शनी का वलोकन करते हुए माननीय मंत्री जी एवं मान. प्रमुख सचिव  
श्रीमती सिंह ने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मौजूद किशोरवय बालिकाओं और महिलाओं का आव्हान किया कि वे पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हों तथा सरकार और समाज के समर्थन से उपलब्धियों की नई ऊंचाईयों का स्पर्श करें ।     कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद श्री राकेश सिंह ने कहा कि भारत की पुण्य भूमि की संस्कृति में नारी का विशेष स्थान रहा है। तथापि बाद के समय में कुरीतियां पनपी जिनसे स्थितियों में बदलाव हुआ। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने महिलाओं की स्थिति बेहतर बनाने के लिए अहम् कदम उठाए हैं। बेटियों की शिक्षा उनकी उन्नति के लिए बेहद जरूरी है। आज उनके सामने उपलब्धियों का आकाश है और उन्हें उड़ान भरने की स्वतंत्रता भी हासिल है। सांसद ने कहा कि बेटियां सब कुछ करने में सक्षम हैं। उन्होंने आव्हान किया कि बेटियां आगे आएं और सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा लेकर अपने परिवार का नाम रौशन करें ।
   इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया ने कहा कि किशोरावस्था में उचित मार्गदर्शन प्राप्त होना बेहद जरूरी है। यह मार्गदर्शन ही बच्चियों के व्यक्तित्व में निर्णायक साबित होता है। प्रमुख सचिव ने कहा कि सबला योजना के तहत बालिकाएं बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं और नए कौशल का विकास भी कर रही हैं। श्री कंसोटिया ने आदर्श लिंगानुपात हासिल करने की दिशा में कोशिशों को जरूरी बताया ।     आयुक्त एकीकृत बाल विकास सेवा श्रीमती पुष्पलता सिंह ने कहा कि विभाग आत्म-विकास और सशक्तिकरण से महिलाओं को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सशक्तिकरण के लिए प्रदेश के 15 जिलों में आरंभ की गई सबला योजना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है । 

 इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कार्यक्रम में मौजूद छात्राओं से वन-टू-वन संवाद भी किया। उन्होंने बच्चियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया और उनके द्वारा प्रस्तुत मांगों के सम्बन्ध में उचित कदम उठाने का वादा भी किया। मुख्य अतिथि श्रीमती सिंह ने महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं कीसीडी तथा शौर्या डायरेक्टरी विमोचन किया। उन्होंने महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए कार्य करने वाले शौर्य दलों के सदस्यों को सम्मानित भी किया। मुख्य अतिथि ने अपना बाल-विवाह रोकने वाली लाड़ो अभियान की ब्रांड एम्बेसेडर कु. पूजा काछी को भी सम्मानित किया जिन्होंने अपने बाल विवाह को रोकने के लिए पुरजोर आवाज उठाकर अपना अध्ययन जारी रखा ।
 इनके अलावा श्रीमती अनीता रैकवार व कु. लक्ष्मी लोधी को भी सम्मानित किया गया। साथ ही सबला योजनान्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनी किशोरी बालिकाओं को भी सम्मानित किया गया ।      
                           कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में महापौर डॉ स्वाति गोडबोले भी उपस्थित थीं । इस दौरान विधायक श्रीमती प्रतिभा सिंह व श्रीमती नंदिनी मरावी, मनोनीत विधायक एल.बी. लोबो, कलेक्टर श्री एस.एन. रूपला, पुलिस अधीक्षक डॉ आशीष एवं विभाग की संयुक्त संचालक सीमा शर्मा भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ राजलक्ष्मी त्रिपाठी ने किया ।
सिगनेचर ट्यून
        
           ढीमरयाई :- सबला योजना पर आधारित लोक गीत एवं नृत्य 
सांस्कृतिक गतिविधियाँ
श्रीमती सिंह ने एवं सांसद जी ने  महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं कीसीडी तथा शौर्या डायरेक्टरी विमोचन किया 
सबला गीत गाती हुईं बालभवन की पूर्व छात्राएं                      दृढ निश्चय करके हमने किया आज ऐलान   
  • स्वागत गान:- साक्षी गुप्ता ,प्रिया सौंधिया , शालिनी अहिरवार , एवं श्रद्धा बिल्लोरे ने सुश्री शिप्रा, सोमनाथ, मनीषा तिवारी के  संगीत एवं संगत में प्रस्तुत किया






  • सरस्वती वन्दना :- अब्दुल, आयुष, हर्ष, श्रेया , अमृता संगीत एवं  संगत :- अक्षय , आदर्श गीतकार  मुकुल द्वारा रचित सरस्वति वन्दना प्रस्तुत की गई 
  • सबला गीत: दृढ निश्चय करके हमने किया आज ऐलान
  • ढीमरयाई :- सबला योजना पर आधारित लोक गीत एवं नृत्य 
  • सबल सिगनेचर ट्यून :- बालभवन द्वारा 
  • कराते एवं मार्शल आर्ट (कुंग फूं जूडो ) :- श्री नरेंद्र गुप्ता एवं श्री अमित सुदर्शन के मार्गदर्शन में 


  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलकियाँ
    ·       सबला सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए  सांस्कृतिक  कार्यक्रमों में बालभवन के बाल कलाकारों ने अनोखा समा बांधा सारी प्रस्तुतियाँ सबलायोजना पर आधारित होते हुए मनोरंजक एवं प्रभावी रहीं  ।  कार्यक्रम में “सबला-गीत” एवं सबला पर आधारित लोकनृत्य एवं लोक-गीत  डिमरयाई सर्वाधिक चर्चित रहे । साथ ही   प्रवेश द्वार पर  ही हुए आगवानी गीत, सरस्वती वंदना , की प्रस्तुतियाँ बालाभवन में प्रशिक्षित किशोरी बालिकाएँ क्रमश: साक्षी गुप्ता, प्रिया सौंधिया, श्रद्धा बिल्लोरे, शालिनी अहिरवार मुस्कान सोनी , मनीषा तिवारी , समृद्धि असाठी, सेजल तपा, आस्था अग्रहरी , शैफाली सुहाने, हर्षिता गुप्ता, प्रियंका सोनी , साध्वी बिरहा, पालक गुप्ता, कुमारी अमिय तिवारी , प्रिया सौंधिया, आदि ने सुश्री शिप्रा सुल्लेरे के संगीत निर्देशन एवं श्री इंद्र पांडे के नृत्य निर्देशन में विषय आधारित प्रस्तुतियाँ एवं सबला योजना की सिगनेचर ट्यून मनमोहक रही । 

    ·       संस्कारधानी के  गीतकार एवं बालभवन सहायक संचालक द्वारा लिखे एवं सत्शुभ्र मिश्र एवं पूर्वी फड़नीस द्वारा गाया महिला सशक्तिकरण  गीत “लाडो पलकें झुकाना नही  ” गीत की आडियो-वीडियो  लोकार्पण भी अतिथियों ने किया ।
    ·        बालभवन की कला निर्देशिका श्रीमती रेणु पांडे के  निर्देशन में प्रवेश द्वार से लेकर आडिटोरियम तक की  साजसज्जा भी किशोरीयों क्रमश: आस्था गुप्ता , तान्या बड़कुल, यशी पचौरी , नीति शर्मा, सृष्टि गुप्ता , श्रेया गुप्ता , राजकुमारी गुप्ता, रिया साहू नंदनी पाटकर, रिकी राय, तान्या पाण्डेय, खुशबू राय,  का योगदान उल्लेखनीय रहा,
    इस अवसर पर मंत्री महोदया को बालभवन में  शुभमराज अहिरवार द्वारा  निर्मित  पोट्रेट श्रीमति मनीषा लुम्बा संभागीय उपसंचालक, महिला सशक्तिकरण जबलपुर  भेंट  किया गया  

    रविवार, 10 जनवरी 2016

    अंतरजाल पर मकबूल हुआ गीत – “लाडो पलकें झुकाना नहीं ..!” ........

           
    माननीय मंत्री महिला बाल विकास श्रीमती मायासिंह एवं जबलपुर के सांसद श्री राकेश सिंह  ने  8 जनवरी 2016 को जबलपुर में आयोजित प्रथम सबला-सम्मेलन के अवसर पर रिलीज़ हुआ “लाडो पलकें झुकाना नहीं ..!” गीत यूट्यूब 04 चैनल्स पर अपलोड हो चुका है . संचालनालय महिला सशक्तिकरण भोपाल की परिकल्पना को आकार देने के लिए प्रयास किये विभाग के दो सहायक-संचालकों क्रमश: गीतकार  गिरीश बिल्लोरे, एवं गायक श्री सत्शुभ्र मिश्र
    ने . यूं तो यह गीत- महिला सशक्तिकरण की योजनाओं के प्रमोशन को लेकर तैयार हुआ पर गीत को सुनकर ऐसा प्रतीत होता है कि गीत विशुद्ध रूप से सामाजिक-मुद्दों को उकेरता है. जारी होने के दूसरे दिन तक वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड हुआ है. जबलपुर के सांसद श्री राकेश सिंह कलेक्टर एस एन रूपला ने इसे
      अनूठा प्रयोग बताया तो विभाग की अपर-संचालक श्रीमती राजपाल कौर दीक्षित ने कहा-“गीत मुझे भावुक कर दिया है ”.  आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने गीत के निर्माण में लगी टीम की सराहना की है .

     जबलपुर के एक अखबार ने गीत के बोल को समारोह की रिपोर्ट की हैडलाइन बना दिया. महिला सशक्तिकरण संचालनालय की परिकल्पना को प्रस्तुत किया है  संभागीय बाल-भवन जबलपुर ने . एलबम के शब्दकार हैं  गिरीश बिल्लोरे “मुकुल” गायक- सत्शुभ्र मिश्र , एवं पूर्वी फडनीस  एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री  के जी त्रिवेदी के निर्देशन में  बालभवन भोपाल के कलाकारों ने गीत के वीडियो में अभिनय किया है.  


    गुरुवार, 7 जनवरी 2016

    सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कृतसंकल्पित है - महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह

    महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमति माया सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश शासन महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कृत संकल्पित है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पहल कर महिलाओं के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक की व्यवस्था के लिए एक अलग से महिला सशक्तिकरण विभाग भी गठित कर दिया गया है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में 12 हजार 900 स्व-सहायता समूहों के गठन के साथ इनकी बीएलसी और महासंघ गठित कर संचालित गतिविधियों से महिलाएँ सशक्त होती जा रहीं है। इन समूहों के माध्यम से वे अपनी गतिविधियॉ संचालित कर समाज के बीच अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। श्रीमती सिंह आज मण्डला जिले के ग्राम चिरईडोगरी (रेल्वे) में तेजस्विनी मॉ रेवा नर्मदा महिला संघ एवं महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहीं थी। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री शैलेष मिश्रा, जनपद पंचायत मण्डला की अध्यक्ष श्रीमती पांचो बाई पदम, नैनपुर कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष श्री प्रकाश कटारे, जनपद सदस्य श्री चन्द्रशेखर, महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया, महिला सशक्तिकरण विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारीगण, स्व-सहायता समूहों की सदस्य, शौर्या दल सदस्य एवं ग्रामीण उपस्थित थे।
       श्रीमती माया सिंह ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग एक संवेदनशील विभाग है, जो महिलाओं एवं बच्चों के लिए सेवाएँ दे रहा है। प्रत्येक जिले में गठित शौर्या दल की सदस्य पूरी सजगता के साथ महिलाओं को उनके अधिकार और सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन शौर्या दल की गतिविधियों को देखते हुए केन्द्र सरकार पूरे देश में मातृ एवं शिशु सुरक्षा दल गठित करने के संबंध में विचार कर रहा है। इस अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती सिंह ने अपना स्वयं का बाल विवाह रोकने वाली बालिका सहदा खान सहित समूह के सदस्य एवं शौर्या दल के सदस्यों को सम्मानित किया। संघ की सदस्यों ने संघ गठन के बाद संचालित गतिविधियों को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अतिथियों के बीच में प्रदर्शित किया। 
       कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया ने कहा कि गठित संघ महिलाओं में जागरूकता पैदा कर उन्हें आत्म निर्भर बनाने और उनके सशक्तिकरण में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। महिलाओं को इन संघों से जुड़कर अपने आपको आत्म निर्भर बनाना चाहिए।

    बुधवार, 6 जनवरी 2016

    “लाडो कुछ भी हो पलकें झुकाना नहीं..!!”

                          
    आंसुओं से ये आँखें भिगोना नहीं
    लाडो कुछ भी हो पलकें झुकाना नहीं .
    आंसुओं से ये आँखें भिगोना नहीं
    लाडो कुछ भी हो पलकें झुकाना नहीं .
    मेंहदी कंगन माथे की बिंदिया तले
    बेटियाँ अब कभी न इनसे दबें ,
    मेंहदी कंगन माथे की बिंदिया तले
    बेटियाँ अब कभी न इनसे दबें ,
    निर्भया की कसम लाडो में हो ये दम
    हो जो साहस तो थमेंगे  सिलसिले ..!
    बोझ हैं बेटियाँ ये गीत गाना नहीं..!
    लाडो कुछ भी हो पलकें झुकाना नहीं .
    हो जहां पराजय हो,  हों  गीत हार के
    साजो सामां मिलें झूठे  श्रृंगार  के
    पढ़ सको न किताबें, गीत लिख न सको
    रिश्ते नातें बुनें हों व्यापार से
    ऐसी राहों पे लाडो को जाना नहीं ...!
    कुछ भी हो लाडो पलकें झुकाना नहीं .
    बेटा और बेटी की एक ही है  माँ
    फिर बराबर नहीं क्यों दौनों  यहाँ ..?
    भाइयों से तुम हो कमतर कहाँ ..?
    कोख पे अब निशाना लगाना नहीं ...!
    कुछ भी हो माँ पलकें झुकाना नहीं !!
    स्वागतम लक्ष्मी.. स्वागतम स्वागतम लाडो स्वागतम
    लाडली का जो हो घर कहीं आगमन...!
    तो मानो आई है घर लक्ष्मी धन ..!
    अब सितारों के आगे जहां खोजते
    छोटी सी  लाडो को बिहाना नहीं ..!!
             
    आंसुओं से ये आँखें भिगाना नहीं !
               लाडो कुछ भी हो पलकें झुकाना नहीं
    स्वागतम लक्ष्मी.. स्वागतम स्वागतम लाडो स्वागतम
    स्वागतम लक्ष्मी.. स्वागतम स्वागतम लाडो स्वागतम
    स्वागतम लक्ष्मी.. स्वागतम स्वागतम लाडो स्वागतम
    स्वागतम लक्ष्मी.. स्वागतम स्वागतम लाडो स्वागतम
    ·       गीतकार  :- गिरीश बिल्लोरे , सहायक-संचालक, संभागीय बाल-भवन जबलपुर



    शुक्रवार, 1 जनवरी 2016

    हर बिटिया को देना होगा, जीवन का हर ज्ञान !


    “सबला-गीत”
    दृढ़ निश्चय करके हमने,  किया आज ऐलान
    हर बिटिया को देना होगा, जीवन का हर ज्ञान !
    जिस घर आँगन विदुषी बिटिया वो घर ही धनवान
    जिस घर की बेटी हो सबला वो घर ही बलवान !!
    ::::::::::::::::::::
    माँ सोई तो अभिमन्यु ने विजय द्वार न पाया
    जागी मात जसोदा ने, तिरलोक का दर्शन पाया !
    अर्थ यही है बेटी को भी होने दो हर ज्ञान –
    तब सच में पाएगा भारत विश्व गुरु का मान ..!!  
     ::::::::::::::::::::

    “निर्णय-क्षमता” के विकास का, देना है अधिकार
    स्वस्थ्य रहे सबल हो बेटी, पक्का हो आधार !
    कल की माएं होंगी सक्षम, फिर करना अभिमान –
    नए दौर में नए क्षितिज का करना है निर्माण !!
    ::::::::::::::::::::

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