सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कृतसंकल्पित है - महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह

महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमति माया सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश शासन महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कृत संकल्पित है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पहल कर महिलाओं के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक की व्यवस्था के लिए एक अलग से महिला सशक्तिकरण विभाग भी गठित कर दिया गया है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में 12 हजार 900 स्व-सहायता समूहों के गठन के साथ इनकी बीएलसी और महासंघ गठित कर संचालित गतिविधियों से महिलाएँ सशक्त होती जा रहीं है। इन समूहों के माध्यम से वे अपनी गतिविधियॉ संचालित कर समाज के बीच अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। श्रीमती सिंह आज मण्डला जिले के ग्राम चिरईडोगरी (रेल्वे) में तेजस्विनी मॉ रेवा नर्मदा महिला संघ एवं महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहीं थी। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री शैलेष मिश्रा, जनपद पंचायत मण्डला की अध्यक्ष श्रीमती पांचो बाई पदम, नैनपुर कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष श्री प्रकाश कटारे, जनपद सदस्य श्री चन्द्रशेखर, महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया, महिला सशक्तिकरण विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारीगण, स्व-सहायता समूहों की सदस्य, शौर्या दल सदस्य एवं ग्रामीण उपस्थित थे।
   श्रीमती माया सिंह ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग एक संवेदनशील विभाग है, जो महिलाओं एवं बच्चों के लिए सेवाएँ दे रहा है। प्रत्येक जिले में गठित शौर्या दल की सदस्य पूरी सजगता के साथ महिलाओं को उनके अधिकार और सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन शौर्या दल की गतिविधियों को देखते हुए केन्द्र सरकार पूरे देश में मातृ एवं शिशु सुरक्षा दल गठित करने के संबंध में विचार कर रहा है। इस अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती सिंह ने अपना स्वयं का बाल विवाह रोकने वाली बालिका सहदा खान सहित समूह के सदस्य एवं शौर्या दल के सदस्यों को सम्मानित किया। संघ की सदस्यों ने संघ गठन के बाद संचालित गतिविधियों को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अतिथियों के बीच में प्रदर्शित किया। 
   कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया ने कहा कि गठित संघ महिलाओं में जागरूकता पैदा कर उन्हें आत्म निर्भर बनाने और उनके सशक्तिकरण में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। महिलाओं को इन संघों से जुड़कर अपने आपको आत्म निर्भर बनाना चाहिए।

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