गुरुवार, 14 जुलाई 2016

*बालश्री 2016 आंतरिक चयन प्रक्रिया हेतु सूचना*

राष्ट्रीय बालश्री सम्मान 2016 हेतु जबलपुर जिले के लिये निम्नानुसार विधाओं में उनके समक्ष दर्शित तिथियों में आंतरिक चयन प्रक्रिया सम्पन्न होगीं अ :- सृजनात्मक प्रदर्शनकारी कला 01 तबला, हारमोनियम, बांसुरी सितार, संतूर, वीणा , सारंगी, मृदंग, पखावज़, वायलिन 23 एवम 24 जुलाई 2016 02 कण्ठ संगीत :- शास्त्रीय, सुगम-संगीत, कर्नाटक संगीत, रवींद्र-संगीत, 28 से 29 जुलाई 2016 03 नृत्य शास्त्रीय- नृत्य- कथक, भरत नाट्यम, लोक-नृत्य, सेमी-क्लासिक्ल 11 एवम 12 अगस्त 2016 04 थियेटर एवम कठपुतली 28 से 29 जुलाई 2016 ब :- सृजनात्मक-कलाएं 01 दृश्य-कलाएं डिज़ायनिंग, कम्प्यूटर-ग्राफिक्स, एवम डिज़िटल-आर्ट 30 एवम 31 जुलाई 2016 02 चित्रकला 30 एवम 31 जुलाई 2016 03 मूर्तिकला 30 एवम 31 जुलाई 2016 04 शिल्प-कला एवम हस्तकला 30 एवम 31 जुलाई 2016 स :- सृजनात्मक-लेखन 01 कविता 23 जुलाई 2016 02 कहानी 24 जुलाई 2016 03 गद्य 23 जुलाई 2016 04 संवाद एवम नाट्क 24 जुलाई 2016 द :- सृजनात्मक वैज्ञानिक नवप्रवर्तन 01 वैज्ञानिक माडल निर्माण 20 अगस्त 2016 02 वैज्ञानिक -परियोजना (प्रोजेक्ट-वर्क) 21 अगस्त 2016 03 विज्ञान की समस्याओं का समाधान 20 अगस्त 2016 04 वैज्ञानिक नव-प्रवर्तन (विज्ञान की खोज एक्सपेरीमेंट) 21 अगस्त 2016 *प्रत्येक विधा में भागीदारी हेतु अन्हर्ताएं* 1. आयुवर्ग :- 10-12 वर्ष, 12+ से 14 वर्ष, 14+ से 16 वर्ष 2. समय सीमा :- स्कूल से नामांकन /व्यक्तिगत नामांकन 20 जुलाई 16 शाम 6:00 बजे तक ही ग्राह्य होंगे 3. पंजीयन :- प्रतियोगिताओं में भाग लेने के पूर्व बालभवन जबलपुर का पंजीकरण अनिवार्य होगा . 4. अंतिम तिथि के बाद नामांकन अमान्य होंगें 5. विषेश श्रेणी :- विशेष श्रेणी के तहत दिव्यांग (शारिरिक, दृष्टि-हीन, मानसिक-दिव्यांग, आदि) , अनाथ, बच्चे पात्र होंगे 6. जिले से 16 सामान्य एवम 04 विशेष श्रेणी कुल 20 बच्चे राज्य स्तरीय चयन शिविर हेतु नामांकित किये जावेंगे . // बालश्री सम्मान // यह सम्मान प्रतिवर्ष उपरोक्त समस्त विधाओं के लिये पूर्वोक्त आयु-वर्ग के बच्चों को दिया जाता है .जिला स्तर से 20 बच्चे राज्य स्तरीय हेतु भेजे जाते हैं. जहां चयनित बच्चों को राष्ट्रीय बालभवन में आयोजित राष्ट्रीय चयन शिविर में भेजा जाता है . राष्ट्रीय स्तर पर अंतिम रूप से समस्त आयु वर्ग के 80 चयनित बच्चों को निम्नानुसार सम्मानित किया जाता है – 1. एक फलक 2. प्रशस्ति- पत्र 3. रु . 15000=00 की राशि किसान विकास पत्र के रूप में 4. अध्ययन हेतु साहित्य (पुस्तकें एवम सीडी ) *गिरीश बिल्लोरे*

शनिवार, 25 जून 2016

राजकुमारी बाल निकेतन में बालभवन की संगीत कक्षाएं प्रारम्भ होंगी

   
संचालनालय महिला सशक्तिकरण भोपाल से आए अधिकारी श्री हरीश खरे जी के परामर्श पर संभागीय बालभवन संचालक ने  संगीत की विशेष साप्ताहिक  क्लास राज कुमारी  बाल निकेतन में प्रातः 11 बजे से संचालित करने की तैयारियां पूर्ण कर लीं है. । बालनिकेतन के 46 बच्चों को प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत किया गया है । संस्थान के अध्यक्ष एवं सचिव ने इस हेतु आयुक्त महिला सशक्तिकरण को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि - *संस्थान में बेहद अनिवार्य सेवा देकर विभाग ने अत्यंत संवेदनशीलता का परिचय दिया है.. एकीकृत बाल संरक्षण सेवा के बेहतर क्रियान्वन केवल दिशा संभागीय बाल-भवन जबलपुर द्वारा  उठाए कदम की सराहना की है ।*   
 संचालक बाल भवन ने बताया इस सुविधा के प्रारम्भ होने से जहां एक ओर  विशेष श्रेणी परिवार विहीन बच्चों को प्रादेशिक एवं  राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में भागीदारी का अवसर मिलेगा, वहीं राष्ट्रीय-बालश्री एवार्ड में शामिल होने के अवसर भी बच्चों को प्राप्त हो सकेंगें.  । प्रशिक्षण के लिए सुश्री शिप्रा सुल्लेरे एवं श्री सोमनाथ सोनी इस हेतु प्रभारी नियुक्त किये गए है। प्रशिक्षक के रूप में कुमारी मुस्कान सोनी भी जावेंगी. प्रयोग सफल रहा हो  भविष्य में आवश्यकतानुसार चित्र-कला कराते, कम्यूनिकेशन, व्यक्तित्व-विकास कक्षाएं भी लगाईं जा सकतीं हैं. 
                        दानदाताओं से सीधे  बाल निकेतन को संगीत उपकरण दान देने का आग्रह है*                
          

                           

मंगलवार, 21 जून 2016

*प्रत्यूषा के बचपन का रोल निबाहेंगी बालभवन की श्रेया खंडेलवाल*


       सुधा प्रोडक्शन द्वारा बनाई जाने वाली प्रत्यूषा बैनर्जी के जीवन पर आधारित फिल्म जिसका निर्देशन  मुकेश नारायण अग्रवाल कर रहे हैं में प्रत्युषा के बचपन का रोल करने के लिए श्रेयाखंडेलवाल को चुना है. १२ वर्षीय श्रेया बालश्री की नामिनी भी हैं तथा बालभवन में नाट्य नृत्य एवं संवाद कविता लेखन की छात्रा हैं  तथा बालभवन के नुक्कड़ नाटकों में भी श्रेया ने कई भूमिकाएं निभाईं हैं
 श्रेया ने विवेचना रंगमंडल द्वारा मंचित नाटक हम आपके हैं कौन?” में  जिसका निर्देशन   श्री अरुण पांडे एवं श्री संतोष राजपूत  ने किया में प्रमुख भूमिका निबाही थी   .
 08 जून 2016 को मुंबई में हुए आडिशन में श्रेया का अंतिम रूप से चयन कर लिया गया . श्रेया का नृत्य भी इस अनाम फिल्म में शामिल किया.
पिता श्री विकास खंडेलवाल एवं माँ श्रीमती अर्चना अपनी बेटी उपलब्धियों का   ईश्वर एवं   बालभवन के साथ साथ स्माल वंडर्स स्कूल के शिक्षकों को देते हैं 
साल भर पहले अपनी सहेली पलक गुप्ता के साथ बालभवन जबलपुर में नृत्य कक्षा में प्रवेश लेने वाली श्रेया खंडेलवाल  एवं उनकी क्लासमेट  पलक गुप्ता अदभुत प्रतिभा की धनी हैं .  दौनों  ही वर्सटाइल कलाकार हैं . मैंने दौनों में सामान्य से कुछ एक्स्ट्रा एनर्जी देखी. दोनों को अभिनय में हाथ आज़माने का सुझाव दिया और पाया कि श्रेया और पलक बेहतरीन अभिनय कर सकतीं हैं . इतना ही नहीं मंच संचालन में उनकी क्षमता एक दूसरे पर हावी है. 
  हिन्दी,अंग्रेज़ीराजस्थानी भाषाओं की जानकार श्रेया बुन्देली सीखे बिना खुद को अधूरा मानती है. कवितामानवीय विकास आध्यात्मिक विषयों में पर बात करने की उत्कंठा आज के कान्वेंट ब्रांड बच्चों में कम ही देखने मिलती है. श्रेया उन कुछ बच्चों में से एक है जो संस्कारधानी जबलपुर को यश प्रदान करेगी आभास जोशी के बाद जिन बच्चों के लिए मुझे कुछ करने का अवसर मिला उनमे संगीत के क्षेत्र में ईशिता विश्वकर्मा, कुमारी प्रिया सौंधिया, मास्टर नयन सोनी,  चित्रकला के क्षेत्र में रोहित गुप्ता,  शुभमराज अहिरवार , कुमारी तान्या बडकुल, यशी पचौरी,   अभय सौंधिया, तबला - सेजल तपा, मनु कौशल ,  कराते में दुर्गा-ब्रिगेड की रिंकी राय एवम वीरनायण ब्रिगेड के लीडर मास्टर गजेंद्र डेहरिया , साहित्य में शिवा नामदेव कुमारी सुनीता केवट, कुमारी उन्नति तिवारी , नृत्य में कुमारी समृद्धि असाटी, सहित इस वर्ष बालश्री नामिनी क्रमश: कु.   मनु कौशल ,तबला  श्रेया खंडेलवालअभिनय  प्रवीन उद्दे   गायन , विशेष श्रेणी नेत्र दिव्यांग, आकाश कोहली  पेंटिंग , विशेष श्रेणी, [बालग्रह], सृष्टि गुप्ता, संवाद-लेखन,अभय सौंधिया - मूर्तिकला. कुमारी माया पटेल कविता-लेखनविशेष-श्रेणी नेत्र दिव्यांग कुमारी अपूर्वा गुप्ता विज्ञान-माडल सौम्य नागवंशी विज्ञान माडल विशेष श्रेणीअस्थि दिव्यांग में असीम संभावनाएं हैं .
             बालभवन के बच्चों को यशस्वी बनाने में मैंटर्स क्रमश:  श्री मति रेनू पाण्डेसुश्री शिप्रा सुल्लेरे, श्री देवेन्द्र यादवश्री सोमनाथ सोनी, श्री इंद्र पांडे,  कुमारी मनीषा तिवारी की सेवाएं सराहनीय हैं
श्रेया सहित सभी बाल प्रतिभाओं  को मेरी अनवरत शुभकामनाएं शुभाशीष       


 Link's :- 
https://www.youtube.com/watch?v=CjJ-yj-fIO4
Palpal-Indiahttp://www.palpalindia.com/2016/06/21/jabalpur-mp-Cheryl-auditioned-Bhojpuri-film-Bal-little-artist-in-Jabalpur-news-in-hindi-146712.html
http://www.patrika.com/news/jabalpur/child-artist-of-bal-bhavan-have-given-audition-for-bhojpuri-film-1329676 

बालभवन जबलपुर में विश्व योग एवम संगीत दिवस सम्पन्न


सम्भागीय बालभवन परिसर में दिनांक 21 जून को प्रात: 08 :00 बजे से  विश्व योग एवम संगीत दिवस का आयोजन सुश्री सुशीला पटेल योगाचार्य के मुख्यातिथ्य में सम्पन्न हुआ . कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती पूजन एवम प्रभाती से किया गया . जिसमें सुश्री शिप्रा सुल्लेरे के संगीत निर्देशन एवम श्री सोमनाथ सोनी के संगीत संयोजन राग भैरव का गायन एवम उस पर आधारित गीत का गायन उन्नति तिवारी, परीक्षा श्रेया ठाकुर, राजवर्धन पटेल, विमल पटेल, ने किया . तदुपरांत  “ॐ” के उदघोष का वैज्ञानिक एवम संगीत में महत्व की जानकारी दी गई तथा ॐ के उदघोष के अभ्यास कराकर नियमित रूप से प्रति दिन सोने के पूर्व   एवम जागने के उपरांत 10 -10 बार ॐ के उदघोष की सलाह दी गई .
    तदुपरांत  योगाचार्य श्रीमति स्मिता उपाध्याय ने   दस चरणों में योग-क्रियाएं कराईं गईं .    
इस अवसर 24 बालक एवम 20  बालिकाओं के लिये  पूर्वक कराते प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों के लिये दुर्गा-ब्रिगेड की रिंकी राय एवम वीरनायण ब्रिगेड के लीडर मास्टर गजेंद्र डेहरिया को प्रमाण पत्र सौंपे गये .                                                .
             मुख्यअतिथि योगाचार्य सुश्री सुशीला पटेल एवम श्रीमति स्मिता उपाध्याय एवम उपस्थियों  का स्वागत सम्मान, एवम श्रीमति रेणु पाण्डे ,  श्रीमति विजयलक्ष्मी अय्यर , श्रीमति मीना  सोनी तथा श्री अमित जाट ने किया . इस अवसर पर कराते प्रशिक्षण  कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन श्री देवेंद्र यादव खेल प्रभारी ने किया.

सोमवार, 20 जून 2016

21 जून 2016 दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हेतु सामान्य योग अभ्यासक्रम ( CYP )

संभागीय बालभवन जबलपुर मध्य-प्रदेश
         


                                                          प्रथम चरण
A)     प्रार्थना ---
ॐसंगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसीजानताम् !
देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते !!    
दूसरा चरण
B) शिथिलीकरण अभ्यास/चालन क्रियाएं
1] ग्रीवा चालन खडे होकर सिर को धीरे धीरे आगे और पीछे  करना : प्राणायाम युक्त  1मिनट.
2]ग्रीवा चालन दाई एवं बाई ओर गर्दन झुकाना है .                                              1मिनट.
3] ग्रीवा चालन दाएं एवं बाएं ओर गर्दन घुमाना है.                                               1मिनट.
4] ग्रीवा चालन गर्दन को पुरा गोलाकार घुमाना है.                                               1मिनट.
5] स्कंध संचालन दोनों बगल से हातों को ऊपर उठाएं और निचें लें जाएं .                1मिनट.
6]स्कंध चक्र एवंम स्कंध चालन दोनों कोहनियों को पुरी तरह चक्राकार घुमाएं .          1मिनट.
7] कटि चालन / कटिशक्ति विकासक कटिचक्रासन का तिसरा अभ्यास  है.               1मिनट .
8]घुटना संचालन / खुर्चिसन के जैसा करना है.                                                   1मिनट .
                तीसरा चरण
C) खडे होकर किए जाने वाले आसन .
1] ताडासन ( उर्धव ताडासन स्थिति)                                                               2मिनट.
2] वृक्षासन ( वृक्ष की स्थिति)                                                                          2मिनट .
3] पादहस्तासन                                                                                           2 मिनट.
4] अर्धचक्रासन हा   कमरपें.                                                                           2 मिनट.
5] त्रिकोणासन.कोनासन जैसा.                                                                        2 मिनट.
                चौथा चरण
D) बैठकर काए जानेवाले आसन.
1] भद्रासन तितली के जैसे बैठी हुई स्थिति में स्थिर होना है.                                   2 मिनट.
2] वज्रासन / वीरासन                                                                                    2 मिनट.
3] अर्ध उष्ट्रासन हाथों कमर पर रखें .                                                              2 मिनट.
4] उष्ट्रासन ऊंट जैसी स्थिति.                                                                       2 मिनट.
5] शशांकासन खरगोश जैसी स्थिति .                                                              2 मिनट.
6] उत्तानमंडुकासन उर्धव दिशा में मेढक जैसा स्थिर होना.
कोहनियों के सहारे सिर को थामा जाता है.                                                        2 मिनट.
7] वक्रासन/मरीच्यासन. वक्रासन का तिसरा अभ्यास है.                                      2 मिनट.
                पाँचवाँ चरण
E) उदर के बल लेटकर किए जाने वाले आसन.
1] मकरासन. सुप्तमकरासन के जैसा शिथिल हो जाना है.                                      1 मिनट.
2] भुजंगासन.सरल याँ अर्धहस्त  कि स्थिति है.                                                1मिनट.
3] सलभासन .द्वीपाद का अभ्यास है.                                                             1 मिनट.
               छँटवाँ चरण
F) पीठ के बल लेटकर  किए जाने वाले आसन.
1] सेतुबंधासन/ स्कधंरासन का स्थिति है.                                                       2 मिनट .
2] उत्तानपादासन 30%.                                                                             2 मिनट.
3] अर्धहलासन30%60%90%.                                                                   2 मिनट.
4] पवनमुक्तासन---                                                                                     2 मिनट .
                साँतवाँ चरण
G) नैसर्गिक स्वास--प्रस्वास प्रक्रिया
पर ध्यान केंद्रित करना है. शवासन --                                                           3 मिनट .
              आँठवाँ चरण
H) प्राणायाम
1] कपालाभाति                                                                                         2 मिनट .
2] अनुलोम विलोम नाडी शोधन प्राणायाम                                                       2 मिनट.
3] शीतली प्राणायाम .जीभा से साँस भरना है.                                                  2 मिनट.
4] भ्रामरी प्राणायाम .                                                                                 2 मिनट.
5] ध्यान --ध्यान लगातार चिंतन--मनन की प्रणव क्रिया है.                                 2 मिनट.
               नवाँ चरण
I) संकल्प--योग सत्र का समापन इस संकल्प के साथ करना है.
हमें अपने मन को हमेशा संतुलित रखना है. इसमें ही हमारा आत्मविकास समाया है,
मैं खुद के प्रति कुटुंब के प्रति काम समाज और विस्व के प्रति
शांति--आनंद और स्वास्थ्य के प्रचार के लिए बद्ध हूं !!
               दसवाँ चरण
J) शांति पाठ
                     ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः।
               सर्वे भद्रणिपश्यन्तु मा कश्चिद्दुःख भाग भवेत्॥                   
                              ॐशान्तिः शान्तिः शांतिः।
                                                 

                                                                Meaning

May all be happy.
May all enjoy health and freedom from disease.
May all have prosperity and good luck.
May none suffer or fall on evil days.
This mantra is for Peace invocation. It is intended to be recited for the welfare of humanity as a whole. The reason it is one of my favorite mantras in Hinduism is simple — the mantra is the most selfless prayer ever. You are not asking anything for you by reciting this, but rather the goodwill and welfare of everybody in the world is being prayed for. In my humble opinion, it is a representation of Hinduism, a non-violent, peaceful religion.

शुक्रवार, 17 जून 2016

Amitabh Ji : The Star of the Millennium


               
अमिताभ जी बचपन में 
 Amitabh Harivansh Rai Bachchan
 born on 11th October 1942 at Allahabad, U.P. referred to as the 'Star of the Millennium' or 'Big B' had to pass many nights on the benches of Marine Drive because he did not have enough money to rent a room at Mumbai during his struggle days. Before stepping into the industry, Big B initially aspired to become a radio jockey at the beginning of his career. However, he was rejected by the All India Radio Station after an audition test because of his baritone. Bollywood did not embrace its biggest creation to be with open arms. It was a ruthless place where dreams were bought and sold and where deification of a silver screen god masked the plaintive call of a thousandbroken hopes lying crushed on an unfeeling studio floor. For some time it seemed that Amitabh's unconventional looks and great height would see him make his way back to a life of dejection. Every filmmaker that he approached thought he was too tall at 6 feet 3 inches. They thought him a bit too dark to be exposed on film. Then in 1969, when Amitabh was on the verge of giving it all up, came his break as Khwaja Ahmed Abbas cast Amitabh in Saat Hindustani and Bachchan was one of the seven. Amitabh Bachchan even has a record 12 flops before registering his first hit with Zanjeer. Even at the age of 73 Amitabh Bachchan is 'Shahenshah of Bollywood' and had received National Film Award for Best Actor (2016 - Film Piku) from President of India.

सोमवार, 6 जून 2016

बालभवन जबलपुर में स्वच्छता से पर्यावरण की सुरक्षा पर केंद्रित अभियान

                           
 संभागीय बालभवन के तत्वावधान में 05 जून 2016  से स्वच्छता से पर्यावरण की सुरक्षा  थीम पर आधारित कार्यक्रम की शुरुआत की गई ।  इस अवसर पर बालभवन के पूर्व सदस्य एवं वर्त्तमान में केंद्रीय विद्यालय ओझर महाराष्ट्र में पदस्थ  श्री पियूष खरे  अतिथि के रूप से ामन्त्रितामन्त्रित  थे । 
            पर्यावरण दिवस पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में   174 बच्चों  ने भाग लिया जबकि 50 बच्चे समूहगान में शामिल रहे तथा 25 बच्चों ने "स्वच्छता से पर्यावरण की सुरक्षा"  पर आयोजित  भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया ।

            चित्रकला प्रतियोगिता में आयुवर्ग 5 से 10 वर्ष में मास्टर  सोहम  साहू, मास्टर  वैभव पटेल, बेबी  मान्या गुप्ता , आयुवर्ग 11 से 14 हर्ष शेरे, तनिष्क सोनी, सृष्टि सोनी, अविशा जैन, आदर्श अग्रवाल, स्वर्णिम जैन, श्वेता सोनी, पलक यादव , आयुवर्ग  15  से 18  में सुनीता केवट , नंदिनी पाटकर, रोहन अग्रवाल, प्रिया सौंधिया, जया मौर्या, अपूर्वा पाण्डे, एवं साहिल जैन की कृतियाँ श्रेष्ठ रहीं ।
          भाषणप्रतियोगिता  में आयु वर्ग 12 से 14 में श्वेता तिवारी कुमारी उन्नति तिवारी, कुमारी समृद्धि असाटी, संस्कृति पाठक  क्रमश: प्रथम चार  स्थानों पर रहीं । आयु-वर्ग 14  से  17 प्रथम  सुनीता केवट, द्वितीय- अमृता असाटी, तृतीय जया मौर्य स्थान अर्जित किये । 
          सांस्कृतिक कार्यक्रम :-   बालभवन के 50 बच्चों ने  सरस्वतीवन्दना के अतिरिक्त   प्रेरक समूह गान क्रमश:  गौरैया बचाओ अभियान के तहत बनाया गीत - "फुदक चिरैया उड़ गई भैया," "जग में हरियाली लाएंगे हम गीत खुशी के जाएंगे, एवं  "अक्कड़-बक्कड़ बॉम्बे बों पेड़ लगाएं पूरे सौ" पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रेरक गीतों की प्रस्तुति दी. 
            वृक्षारोपण :-  बालभवन के बच्चों ने अपने अपने घर से लाए फूल के पौधे लगाए 
कार्यक्रम में श्रीमती सुलभा बिल्लोरे, श्री मति रेनू पाण्डे, सुश्री शिप्रा सुल्लेरे, कुमारी प्रगति पाण्डे, श्री मति विजय लक्ष्मी अय्यर, श्रीमती मीना  सोनी,  श्री देवेन्द्र यादव, श्री सोमनाथ सोनी, श्री अमित जाट , श्री टी आर डेहरिया, मुकेश विश्वकर्मा श्रीमती  ठाकुर की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.     

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