गुरुवार, 5 मई 2016

मैं .... पानी हूँ पानी हूँ पानी हूँ & फुदक चिरैया

फुदक चिरैया
फुदक चिरैया उड़ गई भैया
माँ कहती थी आ गौरैया
कनकी चांवल खा गौरैया 
        
 उड़ गई भैया  उड़ गई भैया ..!!

पंखे से टकराई थी तो 
         काकी चुनका लाई थी  !
दादी ने रुई के फाहे से
जल बूंदे टपकाई थी !!
होश में आई जब गौरैया उड़ गई भैया  उड़ गई भैया ..!!

गेंहू चावल ज्वार बाजरा
पापड़- वापड़, अमकरियाँ ,
पलक झपकते चौंच में चुग्गा
भर लेतीं थीं जो चिड़ियाँ !!
चिकचिक हल्ला करतीं  - आँगन आँगन गौरैया ...!!

जंगला साफ़ करो न साजन
चिड़िया का घर बना वहां ..!
जो तोड़ोगे घर इनका तुम
भटकेंगी ये कहाँ कहाँ ?
अंडे सेने दो इनको तुम अपनी प्यारी गौरैया ...!!

हर जंगले में जाली लग गई
आँगन से चुग्गा  भी  गुम...!
बच्चे सब परदेश निकस गए-
घर में शेष रहे हम तुम ....!!
न तो घर में रौनक बाक़ी, न आंगन में गौरैया ...!!


मैं .... पानी हूँ पानी हूँ पानी हूँ

Girish Billore “Mukul”
girishbillore@gmail.com

तपता हूँ 
पिघलता भी हूँ ....
बह के तुम तक आना मुझे 
अच्छा लगता है ... 
बूंदों की शक्ल में 
कल बरसूँगा ...... चकवे का गला 
सूख जो  गया है .... 
टिहटिहाती 
टिटहरी की तड़प 
सुनी है न तुमने ...
सबके लिए आउंगा 
बादल से रिमझिम रिमझिम से टपटप
बूँद बूँद समा जाउंगा तुममें ...
धरा में .... नदियों में ... 
कंदराओं में ..... तुम 
मेरी कीमत न लगा सकते हो ..
न किसी को चुका सकते हो ...
मैं ....... अनमोल हूँ 
मैं .......बहुमोल   हूँ 
मैं .... पानी हूँ पानी हूँ पानी हूँ 
तुम सब प्यासे हो .....प्यासे हो ......प्यासे हो 


मंगलवार, 3 मई 2016

अपूर्वा ने उड़ाई कार नेत्र दिव्यांग कवयत्री माया को मिली सराहना

 (राष्ट्रीय बालश्री चयन शिविर में जबलपुर के बच्चे छाए)

राष्ट्रीय बालश्री चयन शिविर में बालभवन जबलपुर की बाल विज्ञानी  अपूर्वा को उड़ने वाली कार बनाने का प्रयोग मिला । देश के विभन्न भागों से आये बच्चों एवं अपूर्वा को कार बनाने सामग्री दी गई जिसमें से उपयोगी सामग्री चुनना था । अपूर्वा ने सामग्री का चुनाव करते समय उड़ने वाली कार बनाने के लिए एक गुब्बारा भी लिया । कार बनाई और उस पर गुब्बारा फुला कर बांधा । फिर गुब्बारे का वह हिस्सा भी छोड़ दिया जिससे हवा धीरे धीरे नीचे से निकली और गुब्बारे के साथ कार ऊपर उठी ।
         अपूर्वा सौर ऊर्जा को उपग्रह में एकत्र कर  तरंगों से पृथ्वी पर लाकर बिजली उत्पादन की सलाह भी दे चुकी हैं . स्मरण हो कि इस वर्ष जबलपुर बालभवन से 09 बच्चे राष्ट्रीय शिविर के लिए चयनित हुए हैं  
1.    कु.   मनु कौशल ,तबला
2.    श्रेया खंडेलवाल, अभिनय
3.    प्रवीन उद्दे          गायन , विशेष श्रेणी नेत्र दिव्यांग
4.    आकाश कोहली  पेंटिंग , विशेष श्रेणी, [बालग्रह]
5.    सृष्टि गुप्ता          संवाद-लेखन,
6.    अभय सौंधिया    मूर्तिकला.
7.    कुमारी माया पटेल कविता-लेखन, विशेष-श्रेणी नेत्र दिव्यांग
8.    कुमारी अपूर्वा गुप्ता विज्ञान-माडल
9.    सौम्य नागवंशी विज्ञान माडल विशेष श्रेणी, अस्थि दिव्यांग
      दिल्ली में संपन्न दो दिवसीय शिविर के पहले दिन नेत्र दिव्यांग कवयत्री कु. माया पटेल एवं नेत्रदिव्यांग प्रवीण उद्दे के साथ कु. मनु कौशल, श्रेया खंडेलवाल सहित सभी प्रतिभागियों को बेहद सराहा गया . बालभवन जबलपुर की टीम को देश भर से राष्ट्रीय बालभवन नई दिल्ली पहूँ

चे बच्चों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्द्धा से गुज़रना है .

  

शनिवार, 2 अप्रैल 2016

राष्ट्रीय बालश्री चयन शिविर में जुड़ेंगे देश के चुनिन्दा 439 बालकलाकार मध्य-प्रदेश से सर्वाधिक 57


देश भर के बालभवनों से 439 बच्चों को राष्ट्रीय चयन शिविर के लिए राष्ट्रीय बाल-भवन ने चुना है . मध्यप्रदेश के भोपाल एवं इन्दौर शिविरों में से 57 बच्चों का चयन किया गया है . जो देश में सबसे अधिक हैं.
प्रान्तवार स्थिति -  
मिजोरम से 32 , मणिपुर से 06, पश्चिम-बंगाल (कोलकाता) से 11 , बिहार से 20, गुजरात से 30, महाराष्ट्र से 15, आन्ध्र प्रदेश 39, मध्य-प्रदेश से 57, उड़ीसा से 18, तमिलनाडू से 45, छत्तीसगढ़ से 15, उत्तर-प्रदेश से 35, तेलंगाना से 32, एवं राष्ट्रीय बालभवन नई-दिल्ली से 33 बच्चे कुल 439 बच्चों में अंतिम स्पर्धा दिनांक 3-4 मई 2016 को राष्ट्रीय-बालभवन नई दिल्ली में होगी.
बालकलाकारों को  राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए भेजने वाले  प्रथम 5  स्थान पर क्रमश:  मध्य-प्रदेश (57 बच्चे)  तमिलनाडू ( 45 बच्चे) आंध्र प्रदेश (39) उत्तर-प्रदेश ( 35), दिल्ली (33) राज्य हैं . जबकि सबसे कम 06 बच्चे मणिपुर से शामिल होंगे.    
बालश्री 2015 के लिए राज्य स्तरीय चयन प्रक्रिया में जबलपुर से शामिल 20 बच्चों में से 09 बच्चों ने अपने दावेदारी राष्ट्रीय बालश्री चयन शिविर के लिए साबित कर दी है .  राष्ट्रीय बालभवन दिल्ली  से जारी सूचनानुसार भोपाल चयन शिविर से 38 बच्चों में से निम्नानुसार बच्चे दिनांक 3-4 मई 2016  अंतिम चयन हेतु कड़ी स्पर्धा के लिए तैयार हैं .
      1.   मनु कौशल ,तबला
 2.   श्रेया खंडेलवाल, अभिनय
3.   प्रवीन उद्दे          गायन , विशेष श्रेणी
4.   आकाश कोहली  पेंटिंग , विशेष श्रेणी
5.    सृष्टि गुप्ता          संवाद-लेखन,
6.   अभय सौंधिया    मूर्तिकला.
7.   कुमारी माया पटेल कविता-लेखन, विशेष-श्रेणी
8.   कुमारी अपूर्वा गुप्ता विज्ञान-माडल
9.   सौम्य नागवंशी विज्ञान माडल विशेष श्रेणी
जबलपुर एवं संभागीय बालभवन के लिए गौरव का विषय है कि प्रदेश- स्तर पर  जबलपुर के सभी 20 बच्चों ने कड़ी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया एवं उनमें से 09  बच्चों ने जोनल विजेता होने का गौरव हासिल किया है.

बुधवार, 30 मार्च 2016

किसी के लिए दिशा सूचक बनने का सुख

                             

गिरीश बिल्लोरे “मुकुल”
आज नगर निगम का एक स्वीपर अपने बेहद उत्साही बेटे को बालभवन में लाया तो बेहद खुश हुआ... मन उसने बताया 72% अंक लाने वाले बच्चे की हैण्ड रेटिंग सुधारवानी है . इसे एडमिशन दीजिये . मैंने बताया हम क्रिएटिव राइटिंग की क्लास लगाएंगे फिर क्रिएटिव राइटिंग के बारे में बताया. पिता उदास होकर जाने लगा तो मैंने उसे समझाया -. फिर भी पिता उदास हुआ. उसके मानस में बस सुंदर लिपि सीखने की इच्छा थी. जिससे पढ़ाई में मदद मिलेगी
पिता के मन में पढ़ाई के लिए बेहद आदर्श रुख है इसमें कोई दो मत नहीं परन्तु जीवन केवल किताबी ज्ञान से नहीं चल पाएगा, उस बच्चे को भी वही लैगैसी शिफ्ट हुई थी . बच्चे न कहा – “सर, मैं केवल वो काम करूंगा अध्ययन में सहायक हो ”
मैंने सवाल किया- “क्या बाकी किसी खेलकूद जैसी  एक्टिविटी में हिस्सा लेते हो ..?”
वो- “नहीं, उससे कोई फ़ायदा न होगा पढ़ाई में ”
मैं- “तो कुछ तो करते होगे ”
वो- “हाँ, घर में झाडू पौंछा बरतन आदि साफ़ कर लेता हूँ..”
मैं- “झाडू पौंछा बरतन आदि से जुड़े कोई सवाल कभी किसी एक्जाम में पूछे जाते हैं..?”
वो० “नहीं”
मैं- “तो फिर, क्यों करते हो  सिर्फ एक ही काम ..... जिसका किताबी शिक्षा से ज़्यादा लेना देना नहीं ?”
पिता – “सर, ये ही मैं समझ पाता तो आज दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मी न होता ”
मैंने कहा – “सच है, हर काम को सीखो बिना इस बात की चिंता किये इससे हमें फ़ायदा ही होगा कुछ काम या हुनर ऐसे आने चाहिए जो जीवन में कभी मददगार हो सकते हैं.. जैसे कैसे बोलना है, कैसे दुनिया को देखना और समझना है. फिर उनको बालभवन में सिखाई जाने वाली  हर विधा का परिचय दिया लाभ गिनाए   
 बात सबके लिए महत्वहीन हो सकती है .... पर उस अभिभावक के लिए नहीं जिसे कदाचित  किसी ने न समझाएं हों हुनर क्यों सीखना चाहिए एक ज़बदस्त उत्साह था दौनों में .  पिता ने बच्चे का एडमीशन फ़ार्म लिया और भरा भी . कल से वो बालक आएगा ........ मुझे विश्वास है .  
 मुझे मिला है यह सुख -     किसी के लिए दिशा सूचक बनने का सुख.. आप भी किसी के मार्गदर्शक बनिए


मंगलवार, 29 मार्च 2016

माँ कहती थी आ गौरैया कनकी चांवल खा गौरैया

फुदक चिरैया उड़ गई भैया
माँ कहती थी आ गौरैया
कनकी चांवल खा गौरैया
         उड़ गई भैया  उड़ गई भैया ..!!

पंखे से टकराई थी तो
         काकी चुनका लाई थी  !
दादी ने रुई के फाहे से
बूंदे कुछ टपकाई थी !!
होश में आई जब गौरैया उड़ गई भैया  उड़ गई भैया ..!!

गेंहू चावल ज्वार बाजरा
पापड़- वापड़, अमकरियाँ ,
पलक झपकते चौंच में चुग्गा
भर लेतीं थीं जो चिड़ियाँ !!
चिकचिक हल्ला करतीं  थीं - आँगन आँगन गौरैया ...!!

जंगला साफ़ करो न साजन
चिड़िया का घर बना वहां ..!
जो तोड़ोगे घर इनका तुम
भटकेंगी ये कहाँ कहाँ ?
अंडे सेने दो इनको तुम – अपनी प्यारी गौरैया ...!!

हर जंगले में जाली लग गई
आँगन से चुग्गा  भी  गुम...!
बच्चे सब परदेश निकस गए-
घर में शेष रहे हम तुम ....!!
न तो घर में रौनक बाक़ी, न आंगन में गौरैया ...!!

गिरीश बिल्लोरे “मुकुल”

सोमवार, 28 मार्च 2016

// सूचना // संभागीय बालभवन में ग्रीष्मकालीन सृजनोत्सव 2016 हेतु पंजीयन प्रारम्भ

           संभागीय बालभवन में ग्रीष्मकालीन  सृजनोत्सव 2016 में इस वर्ष बालभवन द्वारा संगीत-गायन एवं वादन ढोलक, तबला, गिटार, ड्रम, बांसुरी, हार्मोनियन, ,कला- चित्रकला, क्लेमाडलिंग, हस्तकला,  एनीमेशन-ग्राफिक्स,  कराते, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, फुटबाल, बालीवाल, खोखो, योगा, शास्त्रीय-नृत्य- कथक, भरत-नाट्यम, लोकनृत्य- बुन्देली, एवं आदिवासी , राजस्थानी,  अभिनय, क्रिएटिव राइटिंग, पाककला, व्यावहारिक-विज्ञान , के सत्रों के लिए पंजीयन दिनांक 28 मार्च 16 प्रारम्भ  हैं ।
                आयुसीमा :- 5 वर्ष  से 16 वर्ष बालक, तथा  5 वर्ष  से 18 वर्ष तक बालिकाएँ प्रवेश ले सकतीं हैं । प्रवेश शुल्क – मात्र 60 रुपये (साठ रुपए मात्र ) लिया जावेगा । किन्तु प्रशिक्षण हेतु प्रथक से कोई फीस नही ली जावेगी ।    
              15 अप्रैल से 30 जून 2016 तक सत्र संचालित होंगे । जो पाठ्यक्रमानुसार  साप्ताहिक , पाक्षिक,  मासिक, द्विमासिक सत्रों में विभाजित होंगे ।
            अभिभावको से अनुरोध है  कि वे  अपने बच्चे / बच्चों  के  दो फोटो ग्राफ, आधारकार्ड , आदि सहित संचालक, संभागीय बाल गढ़ाफाटक, मेन रोड (केशरवानी कालेज के आगे) संपर्क करें ।   


बुधवार, 16 मार्च 2016

👉Invitation for National Conference for Young Environmentalists🌞


Office of the Director Divisional Balbhavan Jabalpur, Madhya –Pradesh Garha-Fatak Main Road, Jabalpur 
Public Notice 
No. /57/ N.Con/2016                                                                          Jabalpur Date 16 March 2016

National Bal Bhavan organizes a National Conference for Young Environmentalists each year to give them a platform to learn to be environmentally conscious, develop interest in specific issues of environment so as to become caring and responsible citizens of the earth. They also carry forward the messages/information to their native places, which they learn in the conference. This is about organizing the National Young Environmentalist’s Conference of the theme Prakriti Sangrakshak-Guardians of Nature. We are all part of nature and cannot survive without it. More and more people are realizing that the environment is more than just a supplier of cheap and abundant materials. Many are getting involved in nature conservation projects. Some dedicate their fortune, others their time; some even risk their lives. Their aim is the same: to preserve our planet’s biodiversity for the future. These people are Guardians of Nature. Besides humans nature has its own guardians in the form of various animals, birds, insects etc. A delicate network of all sustains nature. The purpose of organizing this conference is to identify our roles in this sustenance. The conference venue this year is Garware Bal Bhavan Aurangabad, Maharashtra.
1. Age Limit :- Age group of the members is 10 to 16 years.
2. The dates of the Conference are from 28th to 30th March 2016. Children to reach Aurangabad on 27th and can leave on 31st of March 2016.
Please contact Assistant Director Balbhavan
09479756905, 0761-2401584 , or mail us balbhavanjbp@gmail.com
Girish Billore
Assistant Director
Balbhavan, Jabalpur

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