कार्यालय संचालक संभागीय बाल-भवन (म.बा.वि. ) जबलपुर
383 जवाहरगंज वार्ड में रोड गढ़ाफाटक, जबलपुर
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// संक्षेपिका //
“संभागीय बालभवन जबलपुर मध्यप्रदेश के
उन्नयन विषयक”
भाग 01
सामान्य-परिचय
जबलपुर जिले में संभागीय बालभवन की स्थापना मई 2007 से
संचालित है. इसमें 2019 के लिए 900 बच्चों
का पंजीयन पूर्ण हो चुका है .
1. उद्देश्य :- बच्चों में सृजनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए ऐसी गतिविधियों का संचालन करना जिससे बच्चों की सृजनशीलता की पहचान कर “उनकी अभिरुचि अनुसार सृजनक्षमता को समुचित अवसर दिया जा सके
.”
2. लक्ष्य :- “आयुवर्ग 05 से 16 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं को संगीत
चित्रकला, कम्प्यूटर
प्रशिक्षण, खेलकूद, अभिनय, साहित्य- सृजनात्मक साहित्य लेखन गद्य-पद्य व्यक्तित्व विकास संवाद एवं सम्प्रेषण, मार्शल आर्ट आदि का प्रशिक्षण उनकी अभिरुचि के अनुसार देकर उनको
विधा/योग्यतानुसार मंच प्रदान कराना तथा बालिकाओं
को जो 16 से 18 वर्ष की होतीं हैं को केवल पाककला के लिए कोर्ष चलाना .
संचालित संभागीय बाल भवन
में निम्नानुसार गतिविधियां नियमित रुप से संचालित है
1- संगीत – गायन में लोक, शास्त्रीय, सुगम, वादन में ताल-वाध्य, स्वर-वाद्य, का प्रशिक्षण दिया जाता है.
2- चित्रकला- क्रॉप्ट वर्क, मूर्तिकला, चित्रकला, प्रशिक्षण दिया जाता है. 3- कम्प्यूटर प्रशिक्षण – ग्राफिक्स डिजाईन, डिज़िटल वर्क
4- खेलकूद- इनडोर एवं आउटडोर खेल,
5- पाककला – साप्ताहिक शिविर के ज़रिये पौष्टिक आहार बनाना, फायर-लेस कुकिंग,
6- 30 दिवसीय शौर्या शक्ति आत्मरक्षा प्रशिक्षण- विशेष रुप से बालिकाओं हेतु , इस प्रशिक्षण के तहत कराते, भारतीय मार्शल आर्ट कलरई-पयटट द्वारा आकस्मिक परिस्थिति में
हुए आक्रमण , छेड़छाड़ से बचाव हेतु बालिकाओं में आत्मविश्वास को बढाने के
उद्देश्य से ब्लाकिंग, पंचिंग, फाइटिंग की सुव्यवस्थित ट्रेनिंग दी जाती है. यह प्रशिक्षण
30 दिवस का है जिसमें अवकाश शामिल नहीं है
7- अभिनय :- संवाद लेखन, प्रस्तुति, लोक एवं बाल नाट्य , प्रोसेनियम, नुक्कड़ नाटक.
8-
साहित्य :- सृजनात्मक
साहित्य लेखन गद्य-पद्य संवाद ,
9-
व्यक्तित्व विकास :- बच्चों में संवाद एवं सम्प्रेषण की क्षमता के विकास के लिए
शिविर लगाकर प्रशिक्षण दिया जाता है. साथ ही प्रति बुधवार नैतिक तथा प्रेरक शिक्षण
की व्यवस्था है.
उपलब्धियां
इस संस्थान में प्रशिक्षित कु. ख़ुशी पॉल 2010, मास्टर संतलाल पाठक 2012, मास्टर रोहित गुप्ता 2013, मास्टर शुभमराज अहिरवार 2014 , को पूर्व वर्षों में तथा वर्ष 2015 कुमारी श्रेया खंडेलवाल एवं मास्टर अभय सौंधिया 2018 में
मास्टर अंकुर विश्वकर्मा एवं कु. राजश्री चौधरी को राष्ट्रीय स्तर के बालश्री सम्मान प्राप्त
हुए है. साथ ही वर्ष 2016 में 4 बच्चों समूहगान स्पर्धा में मास्टर आदर्श अग्रवाल, मास्टर अब्दुल रहमान, मास्टर चन्दन सेन, मास्टर प्रगीत शर्मा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान
प्राप्त हुआ है. पूर्व कला विभाग की छात्रा कु. मुस्कान किरार एशियन गेम्स
तीरंदाजी विजेता रजत पदक प्राप्त हुआ जबकि
कुमारी इशिता विश्वकर्मा ने सारेगामापा संगीत स्पर्धा में प्रथम स्थान अर्जित किया
है.
बालश्री
चयन 2016
वर्ष 2017-18 में वर्ष 2016 के लिए राज्य स्तरीय बालश्री चयन शिविर हेतु नामांकित 19 बच्चों में से 08 बच्चे क्रमश: बीनस खान, वैशाली
बरसैंया, अंकुर विश्वकर्मा, शिखा पटेल,
साक्षी साहू, देवांशी जैन, अंकित बेन, राजश्री चौधुरी का चयन 21 से 24 मार्च
2018 तक नॅशनल बालभवन में आयोजित राष्ट्रीय
बालश्री चयन शिविर हेतु चयनित हुए हैं.
ऑडियो एलबम
प्रादेशिक स्तर पर बालभवन द्वारा शासकीय योजनाओं के प्रचार
प्रसार हेतु दो एलबम लाडो मेरी लाडो, तथा लाडो-पलकें झुकाना नहीं तथा नगर निगम जबलपुर के लिए “स्वच्छता सन्देश” एलबम तैयार किये जा चुके हैं
थियेटर
संभागीय बालभवन जबलपुर द्वारा 2017 में बॉबी एवं मिला तेज़
से तेज नाटक तैयार किए गए जिनमें बॉबी का मंचन भोपाल में दो बार जबलपुर में 3 बार
किया गया जबकि तेज़ से तेज नाटक की 3 प्रस्तुतियां जबलपुर में हो चुकीं हैं. 11
अप्रैल 2018 को भोपाल में इसका मंचन किया जावेगा.
नई दुनिया जबलपुर के सहयोग से “लौट आओ गौरैया” का एक
सप्ताह तक मंचन शहर के स्कूलों एवं सार्वजनिक स्थानों में किया गया. साथ ही नगर
निगम जबलपुर के स्वच्छता अभियान, पर्यावरण विभाग को सहयोग करते हुए बालभवन द्वारा नुक्कड़ किये गए .
बालभवन की सीनियर छात्रा कुमारी मनीषा तिवारी प्रथम बालिका
नाट्य निर्देशक के रूप में जानी जातीं हैं.
इशिता लाडो अभियान के थीम गीत “लाडो मेरी लाडो” की मुख्य गायिका है। गीत-संगीत के प्रति बचपन से ही लगाव रखने वाली इशिता
के पिता अंजनी विश्वकर्मा और मां तेजल विश्वकर्मा का भी संगीत एवं गायन के क्षेत्र
में अच्छा स्थान है । टेलीविजन एवं स्टेज शो में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा
चुकी इशिता ने पांच वर्ष की आयु में ही संभगीय बाल भवन जबलपुर में संगीत की शिक्षा
प्राप्त करने के लिए प्रवेश ले लिया था। वह बाल भवन की संगीत शिक्षिका डाक्टर शिप्रा
सुल्लेरे की शिष्या है।
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस ( 08 मार्च
2018 ) पर भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह
चौहान द्वारा इशिता को ‘लाडो सम्मान’ के साथ ही 51 हजार रूपये का चेक भी प्रदान किया गया।
समारोह में प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस व महिला एवं बाल
विकास राज्य मंत्री ललिता यादव भी मौजूद थीं ।
टाक शो
संभागीय बालभवन द्वारा जबलपुर प्रवास में आए राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय अतिथि
कलाकारों लेखको साहित्यकारों, वक्ताओं अधिकारियों के साथ टाक शो का आयोजन किया जाता है. विगत वर्ष श्रीमती
प्रज्ञाऋचा श्रीवास्तव, आई पी एस , श्री शशांक गर्ग, (वक्ता-साहित्यकार एवं एडी. एस पी छिंदवाडा), श्री राहुल शाकल्य (रंग-कर्मी एन एस डी), श्री प्रहलाद अग्रवाल फिल्म समीक्षक लेखक, श्री सत्यदेव त्रिपाठी फिल्म समीक्षक, श्री मोहन शशि, श्री प्रतुल श्रीवास्तव, आदि के अलावा कोड रेड दल के सदस्य टाक-शो में शामिल हुए .
अन्य संस्थाओं के सहयोग से आयोजित गतिविधियाँ
1. माता गुज़री कन्या महा विद्यालय :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण
, बालिकाओं के लिए लाडो अभियान, एवं बेटी बचाओ बेटी पढाओ विषय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
2. बिदाम बाई विद्यालय :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण ,
3. सेठ गोविन्द दास कन्या महा विद्यालय :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण
4. मान कुंवर बाई कन्या महा विद्यालय :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण
5. नचिकेता इन्स्टीटयूट पाटन बाईपास :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण
6. शासकीय कन्या महाविद्यालय बरगी
:- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा पाठ्यक्रम प्रशिक्षण
7. सरस्वती शिशुमंदिर गढा फाटक :- शौर्या शक्ति आत्मरक्षा प्रदर्शन
8. हैल्प बाय हैल्प एन जी ओ :- सांस्कृतिक संध्या
9. नाट्यलोक जबलपुर
:- बॉबी नाटक का 5 बार
प्रदर्शन
10.
प्रगल्भ :- साहित्यिक सांस्कृतिक प्रतियोगिताएँ
11. संयुक्त संचालक बाल विकास सेवा :- बालिका-दिवस
12.
मुक्ति फाऊडेशन :- वृद्धाश्रम
जबलपुर में सांस्कृतिक आयोजन 26 जनवरी 17 एवं 15 अगस्त 2017 को प्रस्तुत किये गए.
13. विवेचना रंगमंडल :- संभागीय बाल भवन जबलपुर के
बच्चे श्री अरुण पांडे जी के मार्गदर्शन
में चलने वाली संस्था विवेचना रंगमंडल
संस्था के सहयोग से प्रशिक्षण
प्राप्त करते हैं .
13. महिला बाल
विकास :- 26 जनवरी 18 महिला बाल विकास की झांकी के
निर्माण हेतु लगातार पांचवे साल प्रथम स्थान प्राप्त किया
मान्यता
संभागीय बालभवन को 2017 से राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय से संगीत / कला /
अभिनय हेतु मान्यता प्राप्त हो चुकी है . 53 बच्चे विश्विद्यालयीन परिक्षा में शामिल हुए
हैं.
नवाचार : ब्रांड एंबेसडर के लिए नियमावली
जबलपुर दिनांक 20 मार्च 2019
प्रयोग के तौर पर 2014 से संभागीय बाल भवन ने
ब्रांड एंबेसडर की नियुक्ति नियम उद्देश्य
के लिए की थी
1. किसी भी बच्चे को जो अतिरिक्त क्षमता योग्यता रखता हो तथा
उसके प्रदर्शन एवं प्रस्तुतीकरण में विशिष्टता हो उसके प्रतिभा के अनुसार शासकीय
योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार किया जावे
2. इससे बच्चे को बड़े काम को समझने का अवसर मिलेगा साथ ही इस
बात का भी अनुभव होगा कि वह अपने कार्य को इस तरह करे कि उससे आम जनता जुड़े ।
3. अन्य बच्चों के लिए भी वह बच्चा प्रेरणा का स्रोत बन सकता है
।
4. प्रतिभाओं को शासकीय मंच पर अथवा निजी कार्यक्रम की
प्रस्तुति में अवसर मिले ।
उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए केवल प्रयोग के तौर पर
इशिता विश्वकर्मा को 22 दिसम्बर 2015 को
ब्रांड एंबेसडर लाडो अभियान बनाया गया था । इशिता के स्वर बाल भवन के लाडो मेरी
लाड़ो एलबम का प्रमुख गीत गाया । इसके अतिरिक्त कई बच्चों को भी अवसर मिला । एलबम
के गीत बालविवाह रोको अभियान के लिए पूरे प्रदेश को भेजे गए थे । बालभवन
ने यह महसूस किया कि दूसरा विषय स्वच्छता है । अतः 24 जनवरी 2017 में
ब्रांड एंबेसडर के रूप में श्रेया खंडेलवाल को चुना गया ।
दौनो
ब्रांड एम्बेसडर को लगातार कार्य करने के लिए शासकीय एवम निजी कार्यक्रमों में
योजना की जानकारी एवम जनजागरण के लिये निरन्तर प्रोत्साहित किया गया ।
यह
नवाचार उपयोगी सिध्द हुआ अतः इस वर्ष से ब्रांड एंबेसडर के लिए निम्नांकित नियम
बनाए जाते हैं
1 राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर यश अर्जन करने वाले
बच्चों को जिले स्तर से तथा अन्य प्रतिभा शाली बच्चों को बालभवन स्तर से ब्रांड
एंबेसडर बनाया जावेगा ।
2 पूर्व में नियुक्त किए
बच्चों के स्थान पर नए बच्चों को आवश्यकता अनुरूप ब्रांड एंबेसडर विषयानुसार बनाया
जा सकता है ।
3 यह नियुक्ति केवल सोशल वर्क
के प्रति बच्चों की अभिरुचि एवम अभिव्यक्ति बढ़ाने के लिये मानसेवी तौर पर होगी ।
4 परिवार की स्वीकृति आवश्यक
होगी
5 ब्रांड एंबेसडर बनने का
अवसर प्रदर्शनकारी अथवा क्रिएटिव कला के लिए समान रूप से होगा ।
6 नियुक्त ब्रांड एंबेसडर को
विषय की जानकारी दी जावेगी ।
7 कोई भी ब्रांड एंबेसडर अपनी
शैक्षणिक गतिविधियों को प्रभावित न करें और ना ही ऐसा कोई कार्य कर सकेंगे जिससे
संस्था एवम शासन की छवि धूमिल हो ।
8 इस कार्यालय द्वारा विशेष
अवसर पर कार्य सौंपा जावेगा ऐसी स्थिति में कार्यालय द्वारा परिवहन आहार की
व्यवस्था की जावेगी ।
9 ब्रांड एंबेसडर कोई शासकीय
सेवक का पद न होकर केवल एक अभिप्रेरित करने वाला दायित्व है । इससे ज्ञानवर्धन का
अवसर भी प्राप्त होगा ।
10 यह दायित्व सौंपने न सौंपने
का अधिकार बालभवन के प्रमुख का है ।
11 किसी भी बाल प्रतिभा को
केवल 1 साल का
समय प्राप्त होगा ।
12 इस नवाचार में अगर कोई
बदलाव की आवश्यकता होती है तो बालभवन ही संशोधन परिवर्तन के लिए सक्षम होगा ।
13 निजी तौर पर बच्चे द्वारा
किये गए प्रयास बालभवन के लिए बच्चे तथा आयोजन कर्ता अभिभावकों से सम्पर्क कर सकते
हैं ।
14 बच्चों की आवाज़ , कला
क्षमता, का उपयोग
अगर बालभवन द्वारा किया जा सकता है । साथ ही पोस्टर स्लोगन आदि पर बच्चे का फ़ोटो /
कलाकृतियों का सन्देश के साथ आवश्यकता अनुसार करने का अधिकार बालभवन का होगा ।
15 किसी भी बच्चे को बिना
सुरक्षा की गारंटी के कोई भी शासकीय/अशासकीय संस्थान प्रचार प्रसार के लिए नहीं ले
जा सकेंगे । किन्तु उनके अभिभावकों की स्वीकृति के उपरांत यदि ऐसा कार्य किया जाता
है तो इस कार्यालय को कोई आपत्ति नहीं होगी । परन्तु बालभवन कार्यालय को सूचना
अवश्य देनी होनी
16 कार्यालय द्वारा निर्धारित
गतिविधियों के समाचार कार्यालय द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा ही केवल पी आर ओ के
माध्यम से जारी होंगें । अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित गतिविधियों की प्रेस रिलीज
उक्त संस्थान द्वारा जारी होना चाहिए । बच्चों को आत्म प्रशंसा युक्त पोस्ट सोशल
मीडिया पर डालने को भी सकारात्मक नहीं माना जावेगा । बच्चों को चाहिए कि वे अपनी
ब्रांडिंग खुद अपनी ओर से करने से बचें ताकि समाज में बेहतर सन्देश जाए ।
17 सोशल मीडिया पर प्रसारित
प्रकाशित कंटेंट का दायित्व बालभवन का नहीं होगा । किन्तु निहित स्वार्थ के चलते
अथवा व्यावसायिक लाभ के अर्जन हेतु एवं लाभ की प्राप्ति के लिए पोर्ट-फोलियो बनाने
के लिए स्वयम के द्वारा स्वयम का प्रचार करना अनुचित गतिविधि माना जावेगा .
18 शासन/राज्य-सरकार-केंद्र
सरकार या भारत के किसी भी राज्य व्यवस्था महिला-बाल विकास विभाग या बाल भवन के
विरुद्ध अथवा किसी भी जाति/धर्म/दिव्यांग
व्यक्ति महिला पुरुष प्रति भी विद्वेष पूर्ण
भाव से की गई टीका टिप्पणी भी अनुचित होगी.
19
बालभवन में ब्रांड-एम्बेसडर की नियमित उपस्थिति भी अनिवार्य है .
20
शर्तों का पालन न करने अथवा कार्य न करने की दशा में ब्रांड एम्बेसडर को कार्य से
मुक्त करने का अधिकार संस्था प्रमुख का होगा.
नोट : यह
नवाचार केवल बच्चों के अभिव्यक्ति कौशल के विकास के साथ साथ उनमें शासकीय सामाजिक
मुद्दों को समझने के लिए किया गया प्रयोग है. इस प्रक्रिया को बंद भी किया जा सकता है. अत:
केवल उद्देश्य एवं प्रयोजन के विरत कोई कार्य न हो पाए इसका ध्यान रखना अनिवार्य
है.
गिरीश
कुमार बिल्लोरे
सहायक-संचालक
संभागीय
बाल भवन जबलपुर