संभागीय बालभवन में अन्य जिलों से भी आ रहीं हैं बालप्रतिभायें


SANAA 
SHRI ANSH 
सना परवीन मैहर में रहतीं हैं गायन और अभिनय का शौक सना को बालभवन जबलपुर की ओर खींच लाया. सना २०१६ से बाल भवन जबलपुर में पंजीकृत हैं. अपनी साधना से इस बेटी ने बॉबी नाटक में माँ का चरित्र निभाया .
इमलिया गाडरवारा निवासी श्रीअंश विश्वकर्मा को पेंटिंग का शौक है अपनी ननिहाल में छुट्टी मनाने आए 12 वर्षीय  श्रीअंश को पेंटिंग का शौक है वे बालभवन पेंटिंग सीख रहे हैं ..
सतना से आई 7  वर्षीय पृथा गुप्ता को चित्रकारी  क्लासिकल डांस का शौक है.
SEJAL 
15 वर्षीय सेजल तपा कटनी से आकर तबला सीख रहीं हैं . 2014 से बालभवन में पंजीकृत हैं . अवकाश के दिनों में वे कटनी से आना जाना करतीं हैं . सेजल ने 2014 , 2015, 2016 में बालभवन का प्रतिनिधित्व प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के लिए किया.
बालाघाट की बेटियाँ आशिता एवं एत्रा तिवारी इस वर्ष संगीत के लिए पंजीकृत हुई हैं . 


ETRA 

PRUTHA GUPTA 
 15 वर्षीय विमल पटेल बढेरुआ मैहर जिला सतना से आकर पेंटिंग सीख रहे हैं नेत्र दिव्यांग कुमारी माया पटेल  सतना से , तथा मास्टर प्रवीन उद्दे मंडला से हैं दौनों ने ही राष्ट्रीय बाल श्री में क्रमश राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर हिस्सा लिया

VIMAL PATEL 
ASHITA TIWARI 
संचालक संभागीय बाल भवन द्वारा जबलपुर संभाग शहडोल संभाग के जिलों से बालकेन्द्रों की स्थापना के प्रयास तेज किये हैं. स्मरण हो कि इस सत्र से संभागीय  बालभवन जबलपुर को  संगीत महाविद्यालय  का दर्जा प्राप्त होने की सम्पूर्ण कार्रवाई पूर्ण हो चुकीं हैं  
    

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