शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

*राजभवन में बालभवन की प्रतिभाओं की दस्तक*




राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राजभवन कर्मचारियों के बच्चों के पाँच दिवसीय समर साइंस महोत्सव के समापन पर कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं और महोत्सव के आयोजन से बच्चों की प्रतिभा को उभारने और देश की रक्षा तथा राष्ट्र-भावना को विकसित करने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने मध्यप्रदेश को देश का सबसे पहला टीबी मुक्त प्रदेश बनाने में सहयोग का आव्हान करते हुए सभी नागरिकों से अपनी इच्छा से टीबी से ग्रस्त एक बच्चे को गोद लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे देश और प्रदेश के बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए सबको एकजुट होकर कार्य करना होगा।

राज्यपाल ने प्रतियोगिता में विजेता बालक-बालिकाओं को पुरस्कार वितरित किये। महोत्सव मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद एवं जवाहर बाल भवन के सहयोग से 23 से 27 अप्रैल तक किया गया। परिषद की ओर से सभी बच्चों को टेलीस्कोप भेंट किये गये ।

राज्यपाल ने कहा कि विश्व के चीन,जापान जैसे विकासित देश के नागरिकों की तरह हमें अपने देश को स्वस्थ बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजभवन के कर्मचारियों के बच्चों को जेल का निरीक्षण कराया जायेगा, जिससे बच्चे अपराधियों को मिलने वाली सजा तथा कैदियों के रहन-सहन, खान-पान को देखकर स्वयं गलत काम करने से बच सकें ।

परिषद के महानिदेशक श्री नवीन चंद्रा ने कहा कि आगे से इस प्रकार के कार्यक्रम में गणित विषय को भी शामिल किया जायेगा । जवाहर बाल भवन के संचालक डा उमाशंकर नगायच  ने कहा कि सोशल मीडिया के इस युग में बच्चों को परिवार वालों से जोड़ने और उनमें अकेलेपन की भावना को दूर करने के लिये इस प्रकार के महोत्सव जरूरी है। ऐसे आयोजन से बच्चों की रचनात्मक और साहित्यिक प्रतिभा को प्रोत्साहन मिलता है ।

बाल कला साधकों को प्रदेश के इतिहास में पहली बार राजभवन में प्रवेश एवम भ्रमण का अवसर मिला । इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कलाकार श्री राज सैनी द्वारा बनाया गया महामहिम राज्यपाल महोदया का चित्र भेंट किया गया । कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहायक संचालक श्री सजन सिंह कठैत सहित श्री राज सैनी, सुनील श्रीवास्तव एवं अरविन्द शर्मा की सक्रिय मौजूदगी उल्लेखनीय रही ।


गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

बालश्री प्रतिभागियों को प्रोत्साहन राशि

 संभागीय बाल भवन महिला बाल विकास जबलपुरद्वारा राष्ट्रीय बालश्री एवार्ड हेतु 21 से 24 अप्रैल तक नई दिल्लीमें आयोजित अंतिम चयन शिविर में जबलपुर से 8, अनूपपुर से1, मंडला 2, नरसिंहपुर 1, सिंगरौली 1, सिवनी 2, कुल 15 बच्चेशामिल हुए  । राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा प्रत्येक बच्चे के लिए प्रेषित5-5 हजार रूपए की राशि का वितरण 27 अप्रैल को शाम 4 बजेहोगा ।

इस मौके पर सुशील शुक्ला अध्यक्ष बाल भवन सलाहकारएवं सहयोगी समिति की अध्यक्षता एवं श्रीमती उपासनाउपाध्याय, डॉक्टर संध्या जैन श्रुति, मनीष शर्मा जिला कार्यक्रमअधिकारी महिला बाल विकास के आतिथ्य में आयोजित है ।  इस अवसर पर श्रीमती श्रद्धा शर्मा, पुनीत मारवाह सहायकसंचालक, एस.ए. सिद्दीकी, इरफान झांरवी, संजय गर्ग, अरूणकांत पाण्डेय विशेष रूप से मौजूद रहेंगे ।
प्रोत्साहन निधि पाने वाले बच्चों में जबलपुर से कुमारी वैशाली बरसैंया (साहित्य संवाद), अंकित बेन (संगीत-तबला),देवांशी जैन (साहित्य कहानी), बीनस खान (साहित्य लेखन), शिखा पटेल (कला हस्तकला), साक्षी साहू (संगीत गायन), अंकुरविश्वकर्मा (कला मूर्तिकला), राजश्री चौधुरी (विज्ञान मॉडल), मंडला से क्रमश: कु. अजिता रूपेश (साहित्य संवाद एवं नाटक),कु. सिमरन श्रीवास्तव (साहित्य कविता), सिवनी से क्रमश: प्रतीक सनोडिया (साइंस मॉडल-मेकिंग), ओसीना शर्मा (विज्ञानपरियोजना कार्य), अनूपपुर से राहुल कोल (संगीत गायन),नरसिंहपुर से कु. सपना पटेल (साहित्य गद्य), सिंगरौली मेराजअहमद (विज्ञान मॉडल मेकिंग) आदि शामिल हैं ।  इसकेअतिरिक्त उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अनुदेशकों, कार्यालयीन स्टाफको भी प्रोत्साहित किया जायेगा ।

क्रमांक/249/अप्रैल-249/मनोज

सोमवार, 23 अप्रैल 2018

नई दिल्ली बालश्री राष्ट्रीय चयन शिविर संपन्न



बालश्री 2018 के लिये नई दिल्ली में देश भर के बच्चे 20 अप्रैल 2018 से 23 अप्रैल 2018 तक अंतिम चयन शिविर में एकत्र हुए । संभागीय बालभवन जबलपुर ( Balbhavan Jabalpur) एवम नरसिंगपुर सिवनी मंडला अनूपपुर सिंगरौली जिलों से चयनित प्रतिभागी 15 बच्चे भी शामिल हुए । वरिष्ठ अनुदेशक डा शिप्रा सुल्लेरे  एवम श्री देवेंद्र यादव   के नेतृत्व में नई दिल्ली पहुंची टीम में शामिल बालकलाकारों ने बताया है कि उनकी विभिन्न राउंड में हुई कठिन परीक्षा से वे बेहद उत्साहित हैं । बच्चों को सफलता की उम्मीद है . 
 सभी बच्चों को बालभवन जबलपुर में लगातार महीनों प्रशिक्षण दिया गया ।   मध्यप्रदेश का नाम रौशन करने के लिए बच्चों का देश के 700 से अधिक बच्चों के साथ कड़ा मुकाबला था ।
मध्यप्रदेश के सागर भोपाल इंदौर उज्जैन तथा जबलपुर संभागों से कला साहित्यिक संगीत विज्ञान आदि विधाओं की उपविधाओं क्रमशः गायन, वादन, अभिनय, नृत्य, विज्ञान मॉडल, विज्ञान प्रोजेक्ट, कहानी, क्रिएटिव लेखन, कविता संवाद  आदि  में दावेदारी प्रस्तुत की है । 
जबलपुर से सर्वाधिक 4 वर्ग में से 3 बच्चे साहित्य विधा के लिए चयनित हुए । इस हेतु बालभवन जबलपुर की सलाहकार एवम  सहयोगी समिति के अध्यक्ष श्री सुशील शुक्ला, सदस्य श्रीमती श्रद्धा शर्मा , श्री अरुण पांडे, श्री अरुणकान्त पांडे, श्री संजय गर्ग, डॉ संध्या जैन एवम शैलजा सुल्लेरे ने अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ।

मंगलवार, 17 अप्रैल 2018

बालभवन को अधिक सुविधा संपन्न बनाया जावेगा : पंडित सुशील शुक्ला


संभागीय बालभवन की नवगठित सलाहकार एवम समिति की प्रथम बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए समिति अध्यक्ष श्री सुशील शुक्ला ने कहा - विगत 3 वर्षों में बालभवन जबलपुर में सतत सांस्कृतिक साहित्यिक एवम सृजनात्मक गतिविधियों से अपना स्थान बनाया है वो अपने आप में उल्लेखनीय है । बच्चों में खासकर मध्यम एवम निम्न आय वर्ग के बच्चों के लिए यह केंद्र एक आदर्श प्रशिक्षण केंद्र बन चुका है , अब समिति की जिम्मेदारी है कि हम इसे और अधिक सुविधा संपन्न बनाएंगे । वरिष्ठ रंगकर्मी श्री अरुण पांडेय ने कहा कि - हम संसाधन जुटाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे यह एक जरूरी संस्था है । जिसके कार्यों से सारा शहर खासकर बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं । 

वरिष्ट स्वर साधिका श्रीमती तापसी नागराज, वरिष्ठ कलाकार श्री अरुणकान्त पांडे ने बाल कलाकारों की प्रशंसा करते हुए बालभवन में जनभागीदारी बढ़ाने का आश्वासन दिया । समाज सेवी दंपत्ति श्रीमती श्रद्धा शर्मा एवम विशेष आमंत्रित सदस्य श्री सत्येंद्र शर्मा ने अवगत कराया कि - सीमित साधनों में असीमित कोशिश कर बालभवन जबलपुर ने राष्ट्रीय स्तर पर जबलपुर का नाम रोशन किया है तो संस्कारधानी की जिम्मेदारी है कि ऐसी संस्था को हर संभव मदद की जावे । 

स्मार्ट सिटी परियोजना में बालभवन के प्रस्ताव को लाने के लिए संबंधित विभागों से समिति चर्चा करेगी । 
डॉ संध्या जैन श्रुति ने बताया कि - जबलपुर बालभवन ने साहित्यिक गतिविधियों को शामिल कर जो सफलता हासिल की वह उल्लेखनीय है । उन्होंने बालश्री एवार्ड के लिये नॉमिनेशन का उल्लेख करते हुए बताया कि - जबलपुर से 8 बच्चे राष्ट्रीय बालश्री एवार्ड के लिए चयनित हैं उनमें 3 बाल साहित्यकार हैं जबलपुर के लिए गौरव का विषय है। अतः साहित्य समुदाय से अनुरोध है कि वे बिना किसी आमंत्रण की प्रतीक्षा कर बाल साहित्य के विकास के लिए बालभवन को सहयोग कर सकते हैं । मध्यप्रदेश लेखिका संघ इस दिशा में सहयोगी होगी । वरिष्ठ नृत्य गुरु श्रीमती उपासना देव, नाट्य निर्देशक श्री संजय गर्ग इंद्र पांडे आदि ने भी बालभवन के विकास के लिये आश्वस्त किया । 
बैठक में डॉ शिप्रा सुल्लेरे श्रीमती रेणु पांडे शैलजा सुल्लेरे भी मौज़ूद थे ।

रविवार, 15 अप्रैल 2018

*बालभवन जबलपुर में नाट्य प्रशिक्षण प्रारम्भ* जबलपुर 16 अप्रैल 2018



              
बाल नाट्य-शिविर हेतु 16 अप्रैल से 15 मई 2018 तक प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से संभागीय बालभवन परिसर में प्रतिदिन दिया जावेगा. जबलपुर की प्रसिद्धि नाट्यलोक संस्था इस शिविर में विशेष सहयोग करेगी । यह संस्था बाल नाटकों के लिए कार्य कर रही है । तथा संभागीय बालभवन में 2007 से निरंतर संस्था का सहयोग जारी है । 
शिविर का संचालन बाल नाटकों के निर्देशक श्री संजय गर्ग एवं बाल-नाट्य निर्देशक कु. मनीषा तिवारी करेंगी. नाटकों में अभिनय, संवाद, पटकथा, कहानियों का नाट्यरूपान्तरण, तथा म्यूजिक पिट के माध्यम से लाइव म्यूजिक, मंच पर लाईट , साजसज्जा आदि की जानकारी के सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक अभ्यास को शिविर के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. संभागीय बालभवन द्वारा नगर की विभिन्न नाट्य संस्थाओं एवं वरिष्ट रंगकर्मियों को भी शिविर में आमंत्रित किया जा रहा है. *शिविर में नाटकों प्रहसनों नुक्कड़ नाटकों की स्क्रिप्टिंग कथाओं के रूपांतरण एवम गीत लेखन के लिए स्वयम संचालक बालभवन के साथ डा संध्या जैन , श्री इरफ़ान झांस्वी, लाइट साउंड एवम मंच प्रबंधन का प्रशिक्षण श्री दविंदर सिंह ग्रोवर, श्री रविंद्र मुरहार, संगीत डॉक्टर शिप्रा सुल्लेरे, मुस्कान सोनी साक्षी गुप्ता 
शिविर की कार्यकारी संचालक कुमारी मनीषा तिवारी ने बताया कि- वर्ष2016- 17 में संभागीय बालभवन जबलपुर द्वारा *लौट आओ गौरैया (08 प्रस्तुतियां), बॉबी (07 प्रस्तुतियां ), तथा मिला तेज से तेज़ (06 प्रस्तुतियां )जैसे नाटकों का निर्माण एवं प्रस्तुति दी* जिनके अब तक एक दर्जन से अधिक शो भोपाल जबलपुर सिहोरा आदि स्थानों पर हो चुके हैं । 
बाल नाटकों से बच्चों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास संभावना को देखते हुए इस वर्ष ग्रीष्मावकाश में विशेष रूप से एक पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है. जिसके अनुसार प्रतिभागी बच्चों को प्रशिक्षित किया जावेगा . प्रशिक्षण उपरांत बच्चों के द्वारा चुनी कहानी पर एक नाटक तैयार कराया जावेगा . शिविर से लगातार 3 दिन अनुपस्थित रहने पर प्रतिभागिता समाप्त कर दी जावेगी.



शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018

भोपाल में बालभवन जबलपुर के नाटक मिला तेज से तेज से शुरू होगा टंट्याबाबा छटवां बाल-नाट्य समारोह..!!


                           
 संभागीय बालभवन जबलपुर एवं नाट्यलोक के संयुक्त प्रयासों से वर्ष 16-17 में बॉबी, 17-18 में मिला तेज़ से तेज़ एवं लौट आओ गौरैया नाटकों का निर्माण किया गया . विजय तेंदुलकर के  बॉबी नाटक में कामकाजी दम्पति की बेटी के एकाकीपन और उसकी बालसुलभ बेचैनी का वास्तविक चित्रण है जो दर्शकों को भावुक कर देता है. इस नाटक के अबतक 5 शो आयोजित किये जा चुके हैं. जबकि मिला तेज से तेज स्व. सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन पर केन्द्रित है . इस नाटक के भी अब तक 5 शो किये जा चुके हैं. मिला तेज से तेज नाटक में डाक्टर शिप्रा सुल्लेरे के निर्देशन में  लाइव-म्यूजिक का प्रयोग उसे अधिक जीवंत बना देता है. इस वर्ष बालभवन ने पोट्रेट एवं गणपति बप्पा मोरिया, नाटकों के निर्माण का कार्य किया जा रहा है. सभी नाटकों के निर्देशन श्री संजय गर्ग एवं निर्देशन सहायक कुमारी मनीषा तिवारी (नवोदित नाट्य निर्देशक) होंगी. जबकि दो दर्जन  से  अधिक बच्चे इन नाटकों में मंच एवं मंच के पीछे से कार्य कर रहे हैं. बालभवन थियेटर विधा को इस कारण प्रमुखता देना चाहता है क्योंकि रंगमंच गतिविधियों से बच्चों के सर्वांगीण  विकास  के रास्ते तेज़ी से खुलते हैं . बच्चे झिझक एवं संकोच को सहज त्यागने में सफल हो जाते हैं.
                             दिनांक 09 अप्रैल 2018 को शहीद-भवन भोपाल में लोक गुंजन नाट्य संस्था के तत्वावधान में आयोजित टंट्याबाबा षष्टम  बाल-नाट्य समारोह शहीद भवन भोपाल में आयोजित है. जिसमें संभागीय बालभवन जबलपुर के नाटक मिला  तेज से तेज को आमंत्रित किया गया है. दिनांक 08 अप्रैल 18 को वरिष्ट नाट्य-निर्देशक  श्री संजय गर्ग, एवं श्री दविंदर सिंह ग्रोवर के नेतृत्व में 23 सदस्यीय दल भोपाल  प्रस्थान  करेगा. डॉक्टर शिप्रा सुल्लेरे के संगीत निर्देशन में लाइव संगीत एवं सुभद्रा जी के गीतों / कविताओं का समावेश इस नाटक को अन्य नाटकों से अलग साबित करता है.  मिला तेज से तेज नाटक जहां एक और सुभद्रा जी के बाल्यकाल को रेखांकित करता है वहीँ दूसरी ओर उनके द्वारा  जबलपुर में स्वतन्त्रता आन्दोलन को रेखित करता है. स्व. सुभद्रा कुमारी चौहान के बचपन की भूमिका जिम्मेदारी  बालिका अंजली गुप्ता एवं वयस्क आयु की भूमिका को कुमारी उन्नति तिवारी ने बखूबी निभाया है. 

रविवार, 1 अप्रैल 2018

“बाल नाट्य-शिविर हेतु पंजीयन दिनांक 2 अप्रैल से संभागीय बालभवन जबलपुर में ”



बाल नाट्य-शिविर हेतु पंजीयन दिनांक 2 अप्रैल 2018  से 8 अप्रैल 2018 तक संभागीय बालभवन जबलपुर में किये जावेगें . तदुपरांत 15 अप्रैल से 15 मई 2018 तक प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से संभागीय बालभवन परिसर में प्रतिदिन दिया जावेगा. शिविर का  संचालन बाल नाटकों के निर्देशक श्री संजय गर्ग एवं बाल-नाट्य निर्देशक कु. मनीषा तिवारी करेंगी. नाटकों में अभिनय, संवाद, पटकथा, कहानियों का नाट्यरूपान्तरण, तथा म्यूजिक पिट के माध्यम से लाइव म्यूजिक, मंच पर लाईट , साजसज्जा  आदि की जानकारी के सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक अभ्यास को शिविर के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.   संभागीय बालभवन द्वारा नगर की विभिन्न नाट्य संस्थाओं एवं वरिष्ट रंगकर्मियों को भी शिविर में आमंत्रित किया जा रहा है.
शिविर की कार्यकारी संचालक कुमारी मनीषा तिवारी ने बताया कि-     वर्ष 2016-17 में संभागीय बालभवन जबलपुर द्वारा लौट आओ गौरैया, बॉबी, तथा मिला तेज से तेज़ जैसे नाटकों का निर्माण एवं प्रस्तुति दी जिसे उम्मीद से अधिक सफलता एवं सराहना प्राप्त हुई . बाल नाटकों से बच्चों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण  विकास संभावना को देखते हुए इस वर्ष ग्रीष्मावकाश में विशेष रूप से एक पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है. जिसके अनुसार प्रतिभागी बच्चों को प्रशिक्षित किया जावेगा . प्रशिक्षण उपरांत बच्चों के द्वारा चुनी कहानी पर एक नाटक तैयार कराया जावेगा . शिविर से लगातार 3 दिन अनुपस्थित रहने पर प्रतिभागिता समाप्त कर दी जावेगी.
बच्चे इसी संस्थान से एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी कर सकतें हैं 
अभिभावकों से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों को इस नि:शुल्क शिविर लाभ लेने हेतु बालभवन में संपर्क करें .


शुक्रवार, 9 मार्च 2018

“बालभवन की बाल गायिका ने किया जबलपुर को गौरवान्वित”


मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बालविवाह की रोकथाम के लिए 2014 से “लाडो-अभियान” चलाया जा रहा है. संभागीय बालभवन की छात्रा कु . इशिता विश्वकर्मा इस अभियान की ब्रांड एम्बेसडर दिसंबर 2015 से है. विभिन्न टेलीविजन शो एवं स्टेज शो में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली इशिता विश्वकर्मा, को माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने महिला दिवस के अवसर पर जवाहर बाल भवन भोपाल में सम्मानित किया. इस अवसर पर माननीया मंत्री, महिला बाल विकास - श्रीमति अर्चना चिटनिस जी, माननीया राज्य मंत्री, महिला बाल विकास – श्रीमती ललिता यादव जी, श्री कृष्णमुरारी मोघे जी, प्रमुख सचिव महिला बाल विकास श्री जे एन कन्सौटिया जी, आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती जय श्री कियावत , आयुक्त बाल विकास सेवाएं श्री संदीप यादव उपस्थित थे.इशिता को प्रमाण पत्र 51 हज़ार रूपए की राशि एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया . 
महिला बाल विकास जबलपुर की संभागीय संयुक्त संचालक, सुश्री सीमा शर्मा, संभागीय उप संचालक महिला सशक्तिकरण श्रीमती मनीषा लुम्बा, संचालक बालभवन गिरीश बिल्लोरे , जिला कार्यक्रम अधिकारी मनीष शर्मा, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी अखिलेश मिश्रा , डाक्टर शिप्रा सुल्लेरे, आदि ने शुभकामाएं प्रेषित कीं. 

मंगलवार, 16 जनवरी 2018

ओडिसी नृत्यांगना पद्मश्री माधवी मुदगल की बालभवन में बाल साधकों से की मुलाक़ात


        संभागीय बालभवन जबलपुर एवं स्पिक-मैके जबलपुर चैप्टर द्वारा आज बाल भवन के बच्चों से वरिष्ठ ओडिसी नृत्यांगना श्रीमती माधवी मुदगल  {नई दिल्ली } की एक मुलाक़ात कराई गई . श्रीमती मुदगल वर्ष 1990 में भारत सरकार के पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हो चुकीं है. 4 अक्टूबर 1951 में जन्मीं माधवी जी यद्यपि ओडिसी नृत्यांगना हैं परन्तु वे भरतनाट्यम , कत्थक पर भी समान अधिकार रखतीं हैं . 66 वर्ष की आयु में भी ओडिसी तथा अन्य शास्त्रीय नृत्य की प्रशिक्षण वर्तमान में भी देने वाली श्रीमती माधवी ने बाल साधकों को भारत के अन्य शास्त्रीय नृत्यों के  अंतर को सरल शब्दों में बताया . कार्यक्रम के शुभारम्भ में छोटी बालिकाओं  भक्ति, शर्मिष्ठा एवं श्रद्धा दासगुप्ता नें अतिथि कलाकारों का स्वागत किया. तदुपरांत श्रीमती माधवी द्वारा अपनी सह-नृत्यांगना शलाखा राय के साथ भगवान जगन्नाथ लीला की प्रस्तुति दी प्रस्तुति में गायन मणि कुंतला भौमिक सहयोग किया जबकि सितार पर यार मोहम्मद एवं पखावज पर जितेन्द्र स्वाइं का वादन प्रभावकारी रहा . देर शाम तक चली चर्चा में बच्चों को ज्ञात कराया गया कि – अन्य शास्त्रीय नृत्यों की तरह कथा एवं ताल नृत्य के  मूल घटक हैं . फर्क केवल यह है कि ओडिसी नृत्य त्रिभंग अर्थात शरीर के तीन हिस्सों से प्रस्तुत किया जाता है.
कार्यक्रम के आयोजन में श्री परिवेश चौधरी ,  डा शिप्रा सुल्लेरे एवं श्रीमती मीना सोनी का उल्लेखनीय योगदान रहा.





शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

विवेकानंद विश्व प्रतिष्ठित भारत के प्रतिनिधि पुरुष : डा सलिल समाधिया


       
विवेकानंद ने भारत के निर्माता है  विश्व में प्रतिष्ठित भारत के प्रतिनिधि पुरुष हैं उनके जीवन से जब  भारत विवश था तब युग पुरुष विवेकानंद ने देश के लिए मार्ग प्रदर्शक का दायित्व निर्वहन किया . तदाशय के विचार युवा विचारक एवं योगाचार्य डा सलिल समाधिया ने संभागीय  बाल-भवन बिदामबाई कन्या विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित  कार्यक्रम में व्यक्त किये . कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन , अतिथि सत्कार , से हुआ. 


 अपने अध्यक्षीय भाषण में श्रीमती मनीषा लुम्बा ने बालभवन, एवं बिदामबाई स्कूल के संयुक्त आयोजन की सराहना करते हुए प्रेरक विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर श्री राकेश अमलाथे द्वारा जरूरतमंद बालक बाबुल को बालभवन आने के लिए बस पास तथा श्रीमती विजय लक्ष्मी अय्यर द्वारा रिकरिंग जमा खाते की पासबुक प्रदान की . श्रीमती अय्यर प्रतिमाह शिक्षा सहायता हेतु निश्चित राशि जमा करेंगी . साथ ही बालक बाबुल को सुश्री शैलजा द्वारा विशेष कोचिंग का दायित्व स्वीकारा . निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्नेहा केवट , द्वितीय शीतल सौंधिया, तृतीय पल्लवी गुप्ता, विशेष पुरस्कार खुशबू, ज्योति एवं महक को , चित्रकला में प्रथम रति साहू श्रुद्धा दास गुप्ता शर्मिष्ठा दासगुप्ता को प्रथम तीन एवं श्रुति सेन एवं श्रेयांश मल्लाह को पुरस्कृत किया गया. सीनियर वर्ग में आदित्य सिंह ठाकुर, तपस्या साहू एवं अमृत जैन ने प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान अर्जित किये जबकि संध्या राजभर को विशेष पुरस्कार  दिया गया. इस अवसर पर शुभ बर्मन, भूमि, सर्मिश्था, श्रुद्धा, आरना, शाम्भवी पंडया, लकी सुकेले, प्रफुल श्रीवास, सानिध्य पचौरी, इशिता तिवारी, पियूष सेन, वंशिका चांदवानी, पायल श्रीवास, आशिका ताम्रकार आदि  को संगीत के लिए पुरुस्कृत किया गया .

कार्यक्रम के प्रारंभ में संचालक बालभवन, गिरीश बिल्लोरे , प्राचार्य बिदाम बाई श्रीमती शशि लडीया ने संयुक्त आयोजन पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में श्री अखिलेश मिश्रा, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी, श्रीमति अजय जैन सहायक संचालक, श्रीमती रीता पटेल परियोजना अधिकारी उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन कुमारी श्रेया खंडेलवाल एवं कुमारी पगति पाण्डेय ने किया , कार्यक्रम के प्रारम्भ में सरस्वती वंदना एवं युवा समूह गान बाल भवन के बच्चों द्वारा किया गया . कार्यक्रम में डा शिप्रा सुल्लेरे , श्री देवेन्द्र यादव, श्री इंद्र पांडे, श्रीमती मीना सोनी  श्री सोमनाथ सोनी, श्री टी आर डेहरिया, श्री राजेन्द्र श्रीवासत्व    का योगदान उल्लेखनीय रहा  

मंगलवार, 2 जनवरी 2018

“नुक्कड़-नाटक से प्रेरित होकर बच्चों, अतिथियों ने बालभवन परिसर को साफ़ किया ”

संभागीय बाल-भवन महिला सशक्तिकरण  (म बा वि ) जबलपुर द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण अंतर्गत वातावरण निर्माण हेतु नुक्कड़ एवं संगीत कार्यक्रमों का आयोजन श्री रोहित कौशल अतिरिक्त आयुक्त नगर पालिक निगम जबलपुर के मुख्यातिथ्य में  बालभवन परिसर में हुआ. आयोजन में बालभवन के बालकलाकारों मुस्कान सोनी, सुश्री रंजना निषाद, वैशाली बरसैंया आयुष रजक, हर्ष सौंधिया, सूर्यभान सिंह ठाकुर “राम जी ”,  उन्नति तिवारी, श्रुति जैन, श्रेया ठाकुर, आदि ने डा शिप्रा सुल्लेरे के संगीत निर्देशन में बालभवन  जबलपुर द्वारा निर्मित स्वच्छता एलबम के गीतों की प्रस्तुति की गई. तदुपरांत बालभवन, की सहयोगी संस्था नाट्यलोक  द्वारा श्री दविंदर सिंह ग्रोवर , विनय शर्मा, रविन्द्र मुर्हार , जीतेन्द्र सिंह राणा, पराग तेलंग, एवं मनीषा तिवारी अभिनीत स्वच्छता पर केन्द्रित प्रेरक लघु-नाटक  नाटक का प्रदर्शन किया.
 मुख्यअतिथि  कार्यक्रम में मुख्यअतिथि का सम्मान बुके देकर कुमारी,  श्रेया खंडेलवाल, ने तथा पेंटिंग भेंट कर  श्री मति विजय लक्ष्मी अय्यर, एवं मीना सोनी द्वारा किया गया . कार्यक्रम के आयोजन में श्री सोमनाथ सोनी, इन्द्र पांडे एवं श्री देवेन्द्र यादव, टी आर डेहरिया का सहयोग  उल्लेखनीय रहा.
श्री कौशल द्वारा  द्वारा लाडो-ब्रांड एम्बेसडर बाल फिल्म अभिनेत्री श्रेया खंडेलवाल, जिंगल के गायक कलाकारों क्रमश: मुस्कान सोनी, श्रद्धा बिल्लोरे, आयुष रजक, हर्ष सौंधिया, सुश्री रंजना निषाद, के साथ साथ नाट्य दल के कलाकारों को पदक देकर सम्मानित किया. वर्ष 2017 में एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली बाल नृत्यांगना कुमारी यशि तिवारी को सम्मानित किया.
नुक्कड़-नाटक से प्रेरित होकर बच्चों, अभिभावकों, एवं अतिथियों ने परिसर से 5-5 कागज, कचरा, पन्नी आदि एकत्र कर डस्टबीन में संग्रहीत किये . तथा प्रतिदिन ऐसा करने का संकल्प लिया

सोमवार, 11 दिसंबर 2017

किशोरियों के लिये आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्र प्रारम्भ

शौर्या शक्ति आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्र प्रारम्भ*श्री संजय अब्राहम परियोजना अधिकारी आईसीडीएस जबलपुर नगरीय क्रमांक 06 के अनुरोध पर *बालभवन जबलपुर* द्वारा वर्ष 2014 से संचालित शौर्या शक्ति आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्र   ... आज दिनाँक 11 दिसम्बर 2017 से  विद्यापीठ स्कूल , सेक्टर घमापुर जबलपुर में प्रारंभ कराया । सेक्टर पर्यवेक्षक का इस हेतु विशेष योगदान रहा है पर्यवेक्षक किरण  ने बताया कि इस सत्र में 80 बालिकाओंं को लाभ मिलेगा
श्रीमती कल्पना रिछारिया ने जिला  कार्यक्रम अधिकारी मंडला द्वारा भी ऐसे प्रशिक्षणों के लिए परियोजना अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए

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