बाल रंगकर्म की बुनियाद मज़बूत करता नाट्यलोक : श्रीमती आशालता बिल्लोरे
2008 के बाद नाट्य लोक ने 09 जून 2019 को जानकी रमन कालेज जबलपुर में एक बार फिर रानी अवंती बाई नाटक का प्रदर्शन किया उसकी स्क्रिप्ट लिखी थी द्वारकेश्वर द्वारका गुप्त द्वारा । रानी अवंती बाई के बलिदान की इस कहानी को इस रोचक ढंग से लिखा और निर्देशित किया गया था नाटक के रूप में संजय गर्ग ने कि उस बलिदान को देखकर आंखें भर आना स्वभाविक सा हो गया था वैसे संजय गर्ग आदतन अपने नाटकों में ऐसा कुछ कर देते हैं जिससे की आंखें भर आना स्वाभाविक है । नाटक जो नाट्य लोक द्वारा तैयार कराए जाते हैं उनमें संगीत का लाइव सम्मिश्रण बेहद प्रभावी बना देता है इस नाटक में तो गोंडवाना की रियासत के उस दृश्य को भी लाया गया जिसमें लोक नृत्य का समावेश था । जिससे नाटक अत्यधिक प्रभावशाली बन पड़ा था महिमा गुप्ता की सोच उम्मीद से ज्यादा प्रभावी नजर आ रही है । डॉक्टर शिप्रा सुल्लेरे ने न केवल म्यूजिकपिट के जरिए लाइव म्यूजिक मिश्रित किया बल्कि विकल्प के तौर पर मुस्कान सोनी को भी प्रभावी वि...