गुरुवार, 29 अक्तूबर 2015

“राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान चयन शिविर में बाल भवन जबलपुर का 25 सदस्यीय दल

            जबलपुर / राष्ट्रीय बाल भवन  नयी दिल्ली (मानव संससाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार) द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान आयोजित किया जाता है। इसी क्रम में संभागीय बाल भवन जबलपुर में संभागीय स्तर पर आयोजित अभिनय नृत्य, गायन, वादन एवं चित्रकला मूर्तिकला, हस्तकला के साथ ही वैज्ञानिक नवीनीकरण  सृजनात्मक लेखन  आदि की प्रतियोगिता में बाल कलाकारों का 25 सदस्यीय दल दिनांक 30.10.2015 को भोपाल जवाहर बाल भवन में आयोजित राज्य स्तरीय बाल श्री सम्मान प्रतियोगिता में सम्मलित होने  रवाना हो रहा है । दल में  बाल कलाकार कु. आस्था गुप्ता, यशी पचौरीअभय सोंधिया, सुनीता केवट, मनु कौशल, इशिता विश्वकर्मा, लक्षिता शुक्ला, श्रेया खंडेलवाल, नीति शर्मा, सचिन जायसवाल, श्रेया ठाकुर ,सृष्ठी गुप्ता अपूर्वा गुप्ता, पूर्वा शर्माब्योम गर्ग , अक्षया  जैन, आकाश कोहली, प्रवीण उददे, माया पटेल, सोम्य नागवंशी शामिल हैं .        

संभागीय बाल भवन  के संभागीय उपसंचालक श्रीमति मनीषा लुम्बा ने बताया कि राष्ट्रीय बाल-भवन से प्राप्त नवीन निर्देशानुसार इस वर्ष जबलपुर संभाग के सभी जिलों से बाल-प्रतिभाएं राष्ट्रीय बाल-श्री सम्मान हेतु भोपाल में आयोजित द्विदिवसीय चयन शिविर में शामिल हो रहे हैं .

 गिरीश बिल्लोरे के अनुसार शिविर में शामिल होने वाले बच्चों में सामान्य श्रेणी के अलावा नि:शक्त एवं अनाथ बच्चों को भी चयनित किया गया है . अनुदेशिका शिप्रा सुल्लेरे, , श्रीमति रेनु पांडे एवं खेल अनुदेशक श्री देवेंद्र  यादव के संयुक्त संयोजन व नेतृत्व में रवाना होंगे  ।

शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015

समझो भारत समझो : अपूर्वा गुप्ता की मुहिम

बालभवन जबलपुर  की #अपूर्वा के अपने सपने हैं अपनी सोच है मौलिक चिंतन है तलाश की जिद्द है उसमें .  मुझे नहीं मालूम कि क्या क्या और कितना सोचना चाहिए बच्चों को पर हाँ इतना ज़रूर जानता हूँ कि अपूर्वा की तरह थोड़ा थोड़ा न केवल बच्चों को वरन मुझे भी सोचना ही होगा . अपूर्वा ने बच्चों के साथ मिलकर आज दो अक्टूबर 2015 को एक प्लान बनाया . अपना प्लान पूरा होता देख माँ और चाचा की मदद से अपूर्वा घर के नज़दीक वाले  यादव कॉलोनी चौक पर साथियों के साथ जा पहुँची .. भीड़ आती जाती रही कुछ देखते कुछ न देखते अपने गंतव्य को आ-जा रहे थे . सबको छोटी छोटी दफ्तियों पर लिखे सन्देश देने बेताब बच्चों को देख कुछ लोगों का मन अधिक भावविभोर हो गया तो कुछ की नज़र में सामान्य सा दृश्य था मेरे दृष्टिकोण से नन्हे हाथों से चाँद-सितारे छोने की कोशिश जो सर्वदा सफल ही होती है .    
 
अपूर्वा के साथ अनन्या, स्नेहा अयेशा, अपूर्व, अंशुल, सारांश, अभिषेक के दिमाग में जो भी कुछ जारी है ... जारी रखना होगा .. देश को इन्हीं नन्ही-मुन्नी कोशिशों से संबल मिलेगा . आइये इन सुनहरी नवकिरणों की सराहना करें उनके कहे को समझ कर . पालीथीन के प्रयोग को रोक कर बिना हैलमेट घर से न निकलने की शपथ लेकर हम इन बच्चों को प्रोत्साहित करें कल इन्हीं का है ये बच्चे  सुनहरे कल  के भारत का आभाषी बिम्ब हैं  .    
  

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