शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

बालभवन जबलपुर - महत्वपूर्ण सूचनाएं

विश्वविद्यालयीन प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 31 अगस्त 2017 को समाप्त 
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क्रमांक /  622 / 2017                                            जबलपुर 28 अप्रैल 17
                // महत्वपूर्ण सूचनाएं //
1.  प्रवेश हेतु आयु :-
बालकों के लिए –     5 से 16 वर्ष
बालिकाओं के लिए – 5 से 18 वर्ष
2.  पंजीयन शुल्क मात्र रूपए  60 =00 वार्षिक जिसका भुगतान   प्रवेश हेतु निर्धारित आवेदन प्रारूप रूपए  10 =00 तथा शेष रूपए 50=00 फ़ार्म जमा करने पर देय होगा . जिसकी रसीद अंतिम भुगतान पर प्राप्त होगी
3.  पंजीयन उपरांत  आई-कार्ड प्राप्ति के बाद ही प्रशिक्षण हेतु कक्षाओं में प्रवेश मिलेगा. फ़ार्म जमा  करने के बाद अधिकतम  दो दिन तक प्रवेश कार्य पर मौजूद कर्मचारी के द्वारा दी गई अस्थाई प्रवेश पर्ची के आधार पर प्रवेश संभव है.
4.  राजा मानसिंह तोमर संगीत महाविद्यालय से नृत्य , अभिनय , ड्राईंग पेंटिंग , वादन आदि के लिए वार्षिक प्रशिक्षण सत्रों के लिए प्रवेश हेतु 1 जुलाई 17 के पूर्व निम्नानुसार आवेदन देना होगा
  प्रति
          डा. शिप्रा सुल्लेरे
          प्रभारी परीक्षा विभाग  
          बालभवन जबलपुर
मैं.............................. ........ आत्मज/ आत्मजा ....................... विधा............. में परीक्षा देना चाहता हूँ
                            
अभिभावक के हस्ताक्षर                    छात्र के हस्ताक्षर नाम सहित
                                                   पंजीयन क्रमांक  

5.   प्रशिक्षण समयावाधि
अ.               1 मार्च से 30 जून तक प्रात :- 7:00 से 02:00 बजे तक (ग्रीष्म कालीन परिस्थियों के अनुसार जिला / राज्य शासन के आदेश अनुसार समय सीमा नियत होगी  )
  ब.  1 जुलाई से प्रात: 10:30 से 05:30 बजे तक
  स.   अवकाश :- सभी शासकीय / स्थानीय अवकाश , 1 जुलाई से  
         28 फरवरी तक प्रशिक्षण प्रत्येक  शनिवार को अपरान्ह 2 बजे से 5:30 बजे तक तथा रविवार को प्रात: 10:30 से 05:30 बजे तक प्रशिक्षण दिया जावेगा. सोमवार को अवकाश होगा. किन्तु कार्यशालाएं आयोजित हो सकेंगी.  
                                   // आईकार्ड //                 
6.  जिन बच्चों के *आई-कार्ड* बन चुके हैं तथा वे बिना *आई-कार्ड* के बाल भवन में आ रहें हैं उनको बिना *आई-कार्ड* के बाल भवन जबलपुर में प्रवेश वर्जित होगा ।
7.  *आई-कार्ड* कटा फटा अथवा बिना फोटो के होने पर भी प्रवेश वर्जित होगा ।
8.  पूर्व वर्ष से पंजीकृत बच्चे *आई-कार्ड* नवीनीकृत करा कर ही कक्षाओं में प्रवेश पा सकते हैं ।
9.  बालश्री हेतु चयनित बच्चों को आगामी तीन कार्य दिवस में कार्ड रिप्लेस कराना अनिवार्य है । अन्यथा उन्हें बालश्री के ज़ोनल स्तर के लिए चयन सूची से बाहर कर दिया जावेगा ।
अभिभावकों द्वारा *आई-कार्ड* के बिना वापस भेजे जाने आपत्ति को अस्वीकार एवम शासकीय कार्य में बाधा माना डालेगा ।
10.         *आई-कार्ड* में आधार कार्ड / समग्र आई डी कार्ड का क्रमांक ब्लडग्रुप का विवरण अंकित होता है । कृपया उक्त दस्तावेज फार्म में अवश्य लगाऐं ।
11.         *आई-कार्ड* के बिना कक्षाओं में प्रवेशित बच्चे पाए जाने पर अनुदेशकों पर भी कार्यवाही होगी .
12.         विद्यार्थीयों को अपना आई डी कार्ड एवं भुगतान रसीद को सुरक्षित रखना होगा.
13.          किसी भी स्थिति में संस्थान की मर्यादा भंग करने, अनावश्यक विवाद करने तथा अनाधिकृत प्रवेश, के लिए ज़िम्मेदार पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जावेगी.



गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

Balbhavan With Nai Duniya


बाल भवन के नन्हें कलाकारों का गौरैया के प्रति समर्पण देकर सभी भावविभोर हो गए। अभिनय के दौरान बच्चों के हावभाव ने छात्र-छात्राओं का दिल जीत लिया। इसके बाद सभी ने एक सुर में गौरैया को वापस लाने का संकल्प लिया। अवसर था विस्डम पब्लिक स्कूल और शासकीय मानकुंवर बाई कॉलेज में नईदुनिया द्वारा आयोजित नुक्कड़ नाटक का।
नाटक के दौरान नन्हें कलाकारों ने गौरैया को वापस लाने की अपील की। इस दौरान उन्होंने गौरैया की उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला। नाटक में पेड़ दादा और बैल चाचा का दर्द भी बताया गया। बच्चों ने बताया कि विलुप्त होती गौरैया अब केवल वाट्सअप और फेसबुक पर ही नजर आती है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि गौरैया को वापस लाने के लिए सभी से आंगन और छत पर दाना-पानी रखने कहा। नाटक में कहा गया कि घरों में लगी जालियों के कारण गौरैया अपने पास नहीं आती।
इनका रहा सहयोग
- निर्देशन- संजय गर्ग
- गीत रचना- गिरीश बिल्लौरे
- संगीत- शिप्रा सुल्लेरे
- बाल भवन के उप संचालक गिरीश बिल्लौरे के निर्देशन में बाल भवन के कलाकारों ने नाटक तैयार किया।
नन्हें कलाकार- वैशाली बरसैंया, आस्था अग्रहरि, वैष्णवी बरसैंया, मानसी सोनी, सागर सोनी, आशुतोष रजक, मिनी दयाल, श्रेया खंडेलवाल, पलक गुप्ता, मनीषा तिवारी।
मिलकर करेंगे प्रयास
कक्षा 12वीं की वैभवी परांजपे ने कहा कि गौरैया को वापस लाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। लोग अपने घरों में दाना-पानी रखें। उन्हें घोसलों को उजाड़ें नहीं। गौरैया को काफी दिनों से नहीं देखा। नईदुनिया का अभियान सराहनीय है। इसके माध्यम से लोगों में जागरूकता आएगी।
सभी पक्षियों को बचाना होगा
कक्षा 9वीं की शिवानी स्वामी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गौरैया ही नहीं बल्कि सभी पक्षियों को बचाना होगा। नईदुनिया के अभियान के माध्यम से लोग जुड़ेंगे। इसमें सभी का कोई न कोई रोल होना चाहिए। इस अभियान को महाअभियान बनाना चाहिए।
कार्यक्रम से मिली प्रेरणा
कक्षा 11वीं के देवाशीष बोहांकर ने बताया कि बाल भवन के नन्हें कलाकारों द्वारा आयोजित इस नुक्कड़ नाटक से लोगों को प्रेरणा मिलेगी। लोग सकारा और दाना रखेंगे। जिससे भीषण गर्मी में पक्षियों को राहत मिलेगी। हमारी गौरैया एक बार फिर हमारे आंगन में चहकेगी।
सभी का योगदान होना चाहिए
कक्षा 11वीं के कार्तिक रजक ने कहा कि हम क्या खो रहे हैं। इस कार्यक्रम ने हमें जगा दिया। गौरैया को बचाने में सभी का योगदान होना चाहिए। गौरैया को बचाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। हम लोग मिलकर भी गौरैया को बचाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।
विस्डम पब्लिक स्कूल की प्राचार्य मोनदिरा सनियाल ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए यह अभियान जरूरी है। बच्चे इस अभियान से जुड़े। घरों में सकोरे रखें और गौरैया को संरक्षित करने प्रयास करें। नईदुनिया का प्रयास पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी सराहनीय है।
विस्डम पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में डायरेक्टर राधिका खोडियार, हर्षित खोडियार, मोहिनी मालवीय, मधु पात्रे, मृदुला श्रीवास्तव, पूजा पांडे, नीता जैन, विजय लक्ष्मी उपाध्याय, स्नेहा सबलोक, कीर्ति मालवीय, सिवनी असाटी, रितु यादव, मनोज खरे, रवि प्रांसिस, अर्चना असर, राधिका मालवीय, रश्मि दुबे, अंशु कोहली, अंजुली राजपूत, ब्रंदा सिंह, दीप्ति आदि मौजूद थी।
मानकुंवरबाई कॉलेज में आयोजित नुक्कड़ नाटक के दौरान डॉ. नूपुर देशकर, डॉ. राजेश शामकुंवर, डॉ. रजनी शर्मा, डॉ. नंदिता त्रिवेदी, डॉ. अरुणा, डॉ. मीनू मिश्रा, डॉ. वरुण, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ. अंजु यादव, प्रसन्ना आदि मौजूद रहे।

शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

“दो माह में दो नाटक तैयार करेगा बालभवन ”



संभागीय बालभवन जबलपुर द्वारा बाबा भीम राव अम्बेडकर जयंती दिनांक 14 अप्रैल 2016 से बालनाट्य एवं अभिनय कार्यशाला प्रारम्भ की गई . कार्यशाला का संचालन श्री संजय गर्ग  द्वारा किया जा रहा है. इस कार्यशाला में 2 बालनाटक तैयार किये जावेंगे. प्रथम नाटक पोट्रेटस है जिसका मुख्य पात्र नकारात्मक विचारों वाला एक कलाकार है . जो अपने मित्रों के मुखौटे एवं चित्र बनाता है पर उनको  को किसी न किसी नकारात्मक हिंसक चरित्र या पशु के रूप में बनाता है. अंत में एक यक्ष उन सभी को उसी रूप में सजीव कर देता है जिस रूप में कलाकार उसे देखता है. और अंत में सभी पात्र कलाकार के पास आते हैं जिनसे भयभीत होकर भागता है और बचने के लिए स्थान तलाशता है. इस नाटक के  लेखक गिरीश बिल्लोरे हैं . संगीत रचना शिप्रा सुल्लेरे तथा कोरियोग्राफी सुश्री प्रभुता चौबे करेंगीं.
           निर्देशक श्री संजय गर्ग ने बताया – “बाल-रंगकर्म के लिए बालभवन की भूमिका उल्लेखनीय है. संस्थान ने रानी अवंतिबाई के जीवन पर आधारित नाटक के अलावा विगत वर्ष बॉबी नाटक तैयार किया था. जिसका 5 बार मंचन किया जा चुका है.”
          

गुरुवार, 13 अप्रैल 2017

नई दुनिया जबलपुर के साथ Balbhavan Jabalpur ने *लौट आओ गौरैया* गीतनाटिका के ज़रिए गौरैया बचाओ अभियान में भागीदारी तय की है । दिनांक 13 अप्रैल 17  से प्रारंभ इस कार्यक्रम का प्रदर्शन सात दिनों तक कई स्कूलों में होगा ।
निरंतर ७ दिन तक अथक परिश्रम के बाद यह गीतनाटिका तैयार हुई है. 

फुदक चिरैया उड़ गई भैया
माँ कहती थी आ गौरैया
कनकी चांवल खा गौरैया उड़ गई भैया उड़ गई भैया ..!!
पंखे से टकराई थी तो काकी चुनका लाई थी !
दादी ने रुई के फाहे से
जल बूंदे टपकाई थी !!
होश में आई जब गौरैया उड़ गई भैया उड़ गई भैया ..!!
गेंहू चावल ज्वार बाजरा
पापड़- वापड़, अमकरियाँ ,
पलक झपकते चौंच में चुग्गा
भर लेतीं थीं जो चिड़ियाँ !!
चिकचिक हल्ला करतीं - आँगन आँगन गौरैया ...!!
जंगला साफ़ करो न साजन
चिड़िया का घर बना वहां ..!
जो तोड़ोगे घर इनका तुम
भटकेंगी ये कहाँ कहाँ ?
अंडे सेने दो इनको तुम – अपनी प्यारी गौरैया ...!!
हर जंगले में जाली लग गई
आँगन से चुग्गा भी गुम...!
बच्चे सब परदेश निकल गए-
घर में शेष रहे हम तुम ....!!
न तो घर में रौनक बाक़ी, न आंगन में गौरैया ...!!

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