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जनवरी, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राष्ट्रीय बाल-श्री सम्मान के लिए चयनित मास्टर शुभमराज अहिरवार दिल्ली रवाना

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बालभवन जबलपुर से वर्ष 2013 के लिए राष्ट्रीय बाल-श्री सम्मान के लिए चयनित मास्टर शुभमराज अहिरवार आज दिल्ली के लिए रवाना हुए जहां  को आज बालभवन से अलंकरण प्राप्ति के लिए बिदा किया ।   20 अगस्त 1997 को जन्मे शुभम के पिता श्री जगदीश राज अहिरवार पेशे से सब्जी व्यापारी हैं . 2007 में बाल भवन में बेटे को उसकी रूचि देखते हुए संभागीय बाल भवन में प्रवेश दिलाया । रोज़ कमाने वाले जगदीश बच्चों के भविष्य को लेकर बेहद संवेदित हैं . बच्चों को घरेलू आर्थिक परेशानियों से अप्रभावित रखने वाली शुभमराज माताजी श्रीमती कोमल का सपना है –“ बच्चे के सारे सपने पूरे हों.... ! ” तीन भाईयों में शुभम सबसे बड़े बेटे शुभम जिसका रुझान बचपन से ही चित्रकारी में है जबकि अन्य छोटे भाई खेल और पढ़ाई में रुचि रखते हैं । शुभम का चित्रकला के प्रशिक्षण का सपना बाल-भवन ने पूरा किया । उसका मानना है हमें खुद के विकास के लिए अच्छे अवसर एवं अच्छे स्थान की तलाश करनी चाहिए मुझे बालभवन जबलपुर में आकर अपने सपने पूरा करने का मौका मिला मैं रोमांचित हूँ । अपनी सफलता का श्रेय माता पिता एवं बालभवन को देते हुए शुभमराज ने कहा की- ...

बालिका सप्ताह : जबलपुर संभाग के सभी जिलों में विभिन्न गतिविधियों से प्रारम्भ हुआ

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जबलपुर 24जनवरी 2016                  महिला सशक्तिकरण की संभागीय उपसंचालक श्रीमती मनीषा लुम्बा के अनुसार जबलपुर जिले सहित सम्पूर्ण जबलपुर संभाग के बालाघाट , छिंदवाड़ा , मंडला , कटनी , सिवनी , डिंडोरी , नरसिंहपुर ,   बालिका-सप्ताह का शुभारंभ उत्सवी माहौल में हुआ । कार्यक्रमों में पुलिस विभाग , का विशेष सहयोग एवं सहभागिता देखी गई ।                 संभाग के  जिलों में मध्य-प्रदेश के मुख्य मंत्री महोदय के के संदेश का वाचन एवं मंत्री महिला बाल विकास श्रीमती माया सिंह जी के संदेश का आडियो प्रसारित किया गया तथा बालिकाओं के सम्पूर्ण विकास के लिए संकल्प पत्र भराए गए । छिंदवाड़ा जिले में मानव श्रंखला में 1500 से अधिक लोगों ने भाग लिया । कटनी जिले में आयोजित कार्यक्रम में कैरियर काउंसिलिंग सत्र का आयोजन कर 200 बालिकाओं  ने भाग लिया साथ ही रंगोली पेंटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन एवं पुरस्कार वितरण किया गया ।  ...

महिला सशक्तिकरण गीत के बारे में जानिये

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संचालनालय, महिला सशक्तिकरण ,मध्य प्रदेश स्वर- सत्शुभ्र मिश्र, सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास मध्य प्रदेश एवं पूर्वी फडनिस गीतकार -गिरीश बिल्लोरे,सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास, मध्य प्रदेश संगीत एवं संगीत सयोजन-हरप्रीत खुराना मिक्सिंग - रोहित ठाकुर  friskysound studio वीडियो निर्देशन - के जी त्रिवेदी , जवाहर बाल भवन,भोपाल अभिनय  : मौसमी शुक्ला, प्राची खरे, आश्रुति, आकांक्षा ओझा एवं प्रज्ञा चतुर्वेदी विडियो संपादन -न्यूज़ एंड व्यूज ,भोपाल प्रस्तुति :- आयुक्त , महिला सशक्तिकरण संचालनालय (म.बा.वि.) मध्य-प्रदेश भोपाल. निर्माता :- संचालक, (सहायक-संचालक स्तर) संभागीय बालभवन, जबलपुर , ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: दूरदर्शन मध्य-प्रदेश, पर वीडियों की कहानी का प्रसारण  दिनांक 21 जनवरी 2015 को हुआ  :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::

स्वामी विवेकानंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ

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विकी पर मौजूद  स्वामी विवेकानंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ  12 जनवरी 1863   --   कलकत्ता   में जन्म 1879   -- प्रेसीडेंसी कॉलेज कलकत्ता में प्रवेश 1880   -- जनरल असेम्बली इंस्टीट्यूशन में प्रवेश नवंबर 1881   --   रामकृष्ण परमहंस   से प्रथम भेंट 1882-86   -- रामकृष्ण परमहंस से सम्बद्ध 1884   -- स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण ; पिता का स्वर्गवास 1885   -- रामकृष्ण परमहंस की अन्तिम बीमारी 16 अगस्त 1886   -- रामकृष्ण परमहंस का निधन 1886   -- वराहनगर मठ की स्थापना जनवरी 1887   -- वराह नगर मठ में संन्यास की औपचारिक प्रतिज्ञा 1890-93   -- परिव्राजक के रूप में भारत-भ्रमण 25 दिसम्बर 1892   -- कन्याकुमारी में 13 फ़रवरी 1893   -- प्रथम सार्वजनिक व्याख्यान सिकन्दराबाद में 31 मई 1893   -- मुम्बई से अमरीका रवाना 25 जुलाई 1893   -- वैंकूवर , कनाडा पहुँचे 30 जुलाई 1893   -- शिकागो आगमन अगस्त 1893   -- हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रो॰ जॉन राइट से भे...

बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव हुआ है : श्रीमती माया सिंह

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  मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पबद्ध है और इसके लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। बच्चियों में आगे बढ़ने की ललक और सीखने की चाहत के चलते वे स्वयं भी सबला बनने की दिशा में अग्रसर हैं। शासन का प्रयास है कि हर बालिका चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि की हो , सबला बन कर उभरे । श्रीमती सिंह आज यहां मानस भवन के प्रेक्षागृह में आयोजित प्रदेश के पहले सबला सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन दे रही थीं। उन्होंने कहा कि हमें बच्चियों को उनकी रूचि और योग्यतानुसार आगे बढ़ने में हरसंभव मदद और मार्गदर्शन देना होगा। श्रीमती सिंह ने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के गंभीर प्रयासों का भी उल्लेख किया। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि स्वागतम् लक्ष्मी , बेटी बचाओ अभियान और लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं से परिदृश्य में गुणात्मक परिवर्तन संभव हो सका है ।  बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि किशोर आयु समूह में ही बच्चियों के व्यक्तित्व के वि...