ढोली अविरल करेंगे :- ढमन कड्डन.. कड्डन... कड्डन



 यूं तो मास्टर अविरल  की उम्र छै: बरस की पिछले महीने ही हुई है पर इन लिटिल-मास्टर साहबान में  सिद्धहस्त  ढोली बनने के सारे गुण मौजूद हैं वो भी तीन बरस की उम्र से . अविरल की माताजी श्रीमती रिंकी के अनुसार -"पाँव तो पालने में ही नज़र आ चुके थे. अवी ने एक बरस की उम्र से  दौनों हाथों से टेबल बरतन को बजा बजा के बताने की कोशिश की कि उसके साथ एक कलाकार भी जन्मा है माँ ..! " 
व्हीकल-फैक्ट्री में कार्यरत श्री मनीष को माँ ने अपने पुत्र के अंतस के कलाकार के बारे में बताया तो वे भी प्रभावित हुए. संकट इस बात का था कि क्या किया जाए. समय बीतते बीतते अविरल का अन्य बच्चों की तरह  स्कूल जाना प्रारम्भ हुआ . परंतु ताल ने अवि से नाता बनाए रखा. अखबारों के ज़रिये जब पता चला कि बालभवन में  “किलकारी 2014” के लिए आडिशन हो रहा है तो अवि के दादाजी और माँ रिंकी को राह मिल गई घरेलू कामकाज के साथ तालमेल बैठाकर वे मास्टर अविरल को लेकर आ गए  बालभवन . बालभवन की सदस्यता के साथ अब रोज़ अविरल बालभवन आते हैं.   वीरेन्द्र सिद्धराव और इंद्र पांडेय इनकी प्रतिभा को मांजने में जुट गए हैं. बालभवन इस बार बालदिवस 2014  किलकारी के रूप में शहीद-स्मारक भवन में आयोजित कर रहा है ... प्रशिक्षक मानते हैं कि – “अविरल की  प्रस्तुति धमाकेदार होगी 

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