संभागीय बाल भवन जबलपुर क्रिसमस कार्यशाला का सम्पन्न
कला एवं क्राफ्ट विभाग की अनुदेशिका
द्वारा प्रभू ईशु के जन्म के समय के दृश्य का निर्माण पेंटिंग एवं आर्ट क्राफ्ट के
जरिये तैयार कराया गया ।
प्रभू ईशु के जन्म दिन के अवसर
पर बालभवन की पूर्व निर्देशिका सुश्री शैलजा सुल्लेरे द्वारा भेजा गया केक अतिथियों
द्वारा काटा गया ।
इस अवसर पर बोलते हुए फादर रिजवी
ने कहा कि –“बच्चों के प्रति प्रभू ईशु का अगाध प्रेम था उन्हौने कहा था – बच्चे ही
स्वर्ग बनाएँगे । बच्चे निर्दोष होते हैं बच्चे ही प्रेम
एवं शांति के संदेशों को सबसे पहले जगह देते हैं । भगवान श्रीकृष्ण का उदाहरण देते हुए फादर रिजवी ने कहा
कि – स्वयम भगवान श्रीकृष्ण ने मानवता की रक्षा के महत्व को बाल्यरूप में ही बता दिया
सभी धर्मों का सारांश भी मानवता ही है और जब जब मानवता
के खिलाफ काम बढ़ जाते हैं तो स्वयं प्रभू अवतरित होते हैं दशावतार , प्रभू ईशु , ऐसे ही अवतारी है । फादर रिजवी
ने मानवता की रक्षा को जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य बताया ।”
इस अवसर
विशिष्ट अतिथि श्री मनीष शर्मा, सहायक संचालक ने बच्चों को उमंग और उत्साह के साथ कला साधना एवं
शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तीमान बनाने के लिए शुभकामनाएँ दी साथ ही श्रीमती ज्योति उपाध्याय बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बच्चों को टाफ़ियाँ भेंट
की गईं । बाल भवन के बच्चों द्वारा कु0 शिप्रा सुल्लरे के निर्देशन में विभिन्न सांस्कृतिक
प्रस्तुतियॉ एवं केरोल गीत -‘‘ तेरी है जमी, तेरा आसमा,
ये वो तराना है, जैसे गीतों को आयुष रजक, नयन सोनी, मनीषा तिवारी, सूर्यभान सिंह,
हर्ष सौंधिया, प्रिया सौंधिया,
सजल सोनी, श्रुति जैन, श्रेया ठाकुर को प्रस्तुत किया एवं संचालन शालिनी अहिरवार
ने किया।
क्रिसमस पर्व पर चित्रकला, हस्तकला एवं मूर्तिकला के बच्चों द्वारा सुंदर झांकी लगाई गई । झांकी प्रभू ईसा मसीह के जन्म को दर्शा रही थी ।
इस अवसर पर बाल भवन के बच्चों
ने मदर मेरी एवं जीजस की पेंटिंग भी बनाईं
थीं जिनका प्रदर्शन किया गया था ।
हस्तकला में
क्रिसमस ट्री,
जंगल-बेल , रथ पर सवार सेन्टा
क्लाज़ एवं मूर्तिकला में तैयार मिट्टी से सेन्टा
क्लाज़ , क्रिसमस ट्री आदि प्रदर्शित किए गए थे । शुभम राज, तान्या बडकुल,
रेशम ठाकुर, यशी पचौरी,
अभय सौंधिया, अक्षत गुप्ता,
रौनक गोपचे आदि बच्चों ने कला निर्देशिका श्रीमती ‘‘रेणु पाण्डे’’ के मार्गदर्शक में कलाकृतियॉं बनाई । आभार प्रदर्शन श्री पियूष खरे के द्वारा किया गया।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thanking you For Visit