वक्त का प्रवाह रोक वक्त ही उधार लें
आओ मीत लौट चलें गीत को संवारने
अर्चना का वक्त है आ बतिया सुधार लें
कुछ अगर जो शेष है ,शेष जो विशेष है
वक्त का प्रवाह रोक वक्त ही उधार लें।
उधार लिए वक्त से ज़िंदगी सुधार लें
और भूले बिसरों को आज हम पुकार लें
पंच फैसले हमारी आदिम परिभाषा है
तरु तट चौपाल की पत्तियां बुहार दें।
अर्चना का वक्त है आ बतिया सुधार लें
कुछ अगर जो शेष है ,शेष जो विशेष है
वक्त का प्रवाह रोक वक्त ही उधार लें।
उधार लिए वक्त से ज़िंदगी सुधार लें
और भूले बिसरों को आज हम पुकार लें
पंच फैसले हमारी आदिम परिभाषा है
तरु तट चौपाल की पत्तियां बुहार दें।
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