बुधवार, 31 दिसंबर 2014

अब के नव प्रभात में भोर की उजास में ...

अब के नव प्रभात में भोर की उजास में ...
हम लगें रहें सदा शांति के प्रयास में .....!

शांति पथ वास्ते ,गीत होने चाहिए 
प्रभावयुक्त गीत को सुर का साथ चाहिए ।
गूँजते रहें ये गीत , हम हों इस प्रयास में .॥

क्रोध और कुंठा के कारणों को मत सींचो
शांति के पथिकों के पाँव आप मत खींचो
प्रेम नींव विश्व की , मत जियो कयास में ॥ 





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