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कविता : बालभवन

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बड़े रौनक भरे होते हैं मासूमों के चेहरे - वो जब गीत गाते हैं या फिर ब्रश चलाते हैं *************** चहल-कदमी , शरारत शोरगुल से भरा आँगन नृत्यशाला में मस्ती भरा वो झूमता बचपन कुछेक मिट्टी सने करबद्ध नमस्ते करते हैं मुझको – कोई कहता है – नहीं आया ! वो बुखार है उसको । वो आते हैं लुभा लेते हैं मुसकुराते हैं – जनम दिन पर साथ वो टॉफी के आते हैं .... बड़े रौनक भरे होते हैं मासूमों के चेहरे - वो जब गीत गाते हैं या फिर ब्रश चलाते हैं *************** अंकित काँपता था सुना जब यहाँ आया किसी को था पसंद पर किसी को न था वो भाया उसके कांपते हाथों ने प्रतिमाएँ गढ़ीं थी – कुछेक जर्जर मिलीं कुछ ले गया वो जो उसने गढ़ीं थीं दिव्यचक्षु कुछ बालिकाएँ   सुर  साधने  आतीं – ये भी कह जातीं हैं कैसे ! हम जीत पाते हैं ... बड़े रौनक भरे होते हैं मासूमों के चेहरे - वो जब गीत गाते हैं या फिर ब्रश चलाते हैं ***************   

लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवर्तित स्वरूप ई लाडली हेतु संभाग स्तरीय प्रचार कार्यक्रम प्रारम्भ

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एक जून  2015  से प्रारंभ ई-लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रचार प्रसार के लिए संभागीय उप संचालक महिला सशक्तिकरण श्रीमती मनीषा लुंबा  द्वारा आगामी तीन माह तक चलने वाले सघन प्रचारात्मक कार्यक्रम का शुभारंभ संभागीय बाल भवन जबलपुर में किया ।  कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों एवं आदिवासी बाहुल्य जिलों में योजना के नए एवं आंशिक रूप से परिवर्तित स्वरूप को जन जन तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को तत्परता बरतने के निर्देश दिये । 1.       कियोस्क से भी आवेदन दे सकेंगे अभिभावक   :-  “परिवर्तित योजना सहज सरल हो गई है कोई भी अभिभावक खण्ड स्तरीय सशक्तिकरण अधिकारी / बाल विकास परियोजना अधिकारी क कार्यालय में सीधे अथवा लोक सेवा केंद्र से / आन-लाइन आवेदन कर सकते हैं ।” 2.       मिलेगा एक मात्र प्रमाण पत्र  :-  “परिवर्तित स्वरूप को व्यापक प्रचार प्रसार हेतु लगातार संभाग भर में विविध कार्यक्रम किए जा रहे हैं ,   ई-लाड़ली के अंतर्गत अब पोष्ट-आफिस से एन एस सी जारी नहीं होंगी । अब ई-लाड़ली के तहत पूर्व से ...