अपना बचपन न छिनने दो : बाबुषा कोहली
“प्रेम गिलहरी : दिल अखरोट” की रचनाकार
साहित्यकार श्रीमती बाबुषा कोहली टाक शो के अंतर्गत बालभवन के बच्चों चर्चा में
कहा कि – आज के दौर का सबसे बड़ा संकट बचपन
छिनने का संकट है । अत्यधिक सूचनाओं के प्रवाह से बाल-मनोस्थितियां बेहद विचलित
हुई है । आज समय से पहले बच्चों का बड़ा हो
जाना एक मजबूरी है । साहित्य एक ठहराव की प्रेरणा देता है । ताकि मासूम बचपन भ्रम
की स्थिति में न हो । हमारे दौर में हम बालसाहित्य से जुड़े होते थे । जो हमारे
भाषाई विकास में सहायक साबित हुआ । पर अब चैट में प्रयुक्त हो रही शब्दावली से न तो हिन्दी अँग्रेजी अथवा अन्य किसी
भी भाषा को लाभ नहीं हुआ । तदाशय के विचार
श्रीमती बाबुषा कोहली ने बालभवन द्वारा आयोजित टाक शो में बच्चों द्वारा
किए सवालों के जवाब में कही गई ।
इस अवसर पर वर्षांत सांस्कृतिक
प्रस्तुतियों में बाल-भवन के बच्चों ने दी । कार्यक्रम में गिरीश बिल्लोरे संचालक बालभवन, श्री सुनील कोहली श्री प्रहलाद पटेल विशेष रूप
उपस्थित थे ।
कार्यक्रम में श्रीमती रेणु पांडे,
सुश्री शिप्रा सुल्लेरे, श्री इंद्र पांडे, श्री देवेन्द्र यादव, श्री सोमनाथ सोनी, टी आर डेहरिया का विशेष योगदान रहा । कार्यक्रम का संचालन बाल साहित्यकार
कुमारी सुनीता केवट एवं बाल संवाद लेखिका कुमारी सृष्टि गुप्ता ने किया ।
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