PHOTO : STORY OF INNOCENT LONELY BABY
मशहूर नाटक लेखक स्व. विजय तेंदुलकर द्वारा
लिखित कथानक पर आधारित बाल-नाटक "बॉबी" का निर्माण संभागीय बालभवन जबलपुर
द्वारा श्री संजय गर्ग के निर्देशन में तैयार कराया गया है. जिसकी दो प्रस्तुतियां
भोपाल में दिसंबर माह में तथा जबलपुर में 2
प्रस्तुतियां की जा चुकीं है.
बॉबी नौकरी पेशा माता पिता की इकलौती बेटी है जिसे
स्कूल से लौटकर आम बच्चों की तरह माँ की घर से अनुपस्थिति बेहद कष्ट पहुंचाने वाली
महसूस होती है. उसे टीवी खेल पढने लिखने से अरुचि हो जाती है. स्कूली किताबों के
पात्र शिवाजी, अकबर बीरबल, आदि से उसे घृणा होती है. इतिहास के के इन पात्रों
की कालावधि याद करना उसे बेहद उबाऊ कार्य लगता है. साथ ही बाल सुलभ रुचिकर पात्र
मिकी माउस, परियां गौरैया से उसे आम
बच्चों की तरह स्नेह होता है. और वह एक फैंटेसी में विचरण करती है. शिवाजी, अकबर बीरबल, से वह संवाद करती हुई वह उनको वर्त्तमान परिस्थियों की
शिक्षा देती है तो परियों गौरैया मिकी आदि के साथ खेलती है. अपनी पीढा शेयर करती
है...
महानगरों की तरह अब मध्य-स्तरीय
शहरों तक संयुक्त परिवार के बाद तेज़ी से परिवारों का छोटा आकार होने
लगे हैं तथा उससे बालमन पर पड़ने वाले
प्रभाव को प्रभावी तरीके से इस नाटक में उकेरा गया है.
बालरंग निर्देशकों द्वारा बच्चों के ज़रिये ऐसे कथानक
के मंचन का जोखिम बहुधा काम ही उठाया होगा
लेकिन संस्कारधानी के इस नाटक को देखकर अधिकांश दर्शकों की पलकें भीगी नज़र आईं थी संस्कारधानी में
बालरंग-कर्म की दिशा में कार्य करने वाले नाट्य-निर्देशक संजय गर्ग एवम
बालभवन जबलपुर के बालकलाकारों की कठिन तपस्या ही मानेंगे
कि नाटक दर्शकों के मन को छूने की ताकत रख सका.
मुख्य पात्र बॉबी के चरित्र को जीवंत बनाने में
बालअभिनेत्री श्रेया खंडेलवाल पूरे नाटक में गहरा प्रभाव छोड़तीं है. जबकि अकबर -प्रगीत
शर्मा , बीरबल हर्ष सौंधिया, मिकी समृद्धि असाटी , शिवाजी -सागर सोनी, के अलावा पलक गुप्ता (गौरैया) ने अपनी भूमिकाओं में प्रोफेशनल होने का आभास
करा ही दिया। इसके अलावा मानसी सोनी, मिनी दयाल, परियां-
वैशाली बरसैंया, शैफाली सुहाने, आकृति वैश्य, आस्था
अग्रहरी , रिद्धि शुक्ला, दीपाली ठाकुर, का
अभिनय भी प्रभावी बन पड़ा था.
नाटक की प्रकाश, ध्वनि
एवम संगीत की ज़िम्मेदारी सुश्री शिप्रा सुल्लेरे सहित कु. मनीषा तिवारी , कुमारी महिमा गुप्ता, के ज़िम्मे थी जबकि बाल
गायक कलाकार - उन्नति तिवारी,
श्रेया
ठाकुर, सजल सोनी, राजवर्धन सिंह कु. रंजना निषाद, साक्षी गुप्ता, आदर्श
अग्रवाल, परिक्षा राजपूत के गाये
गीतों से नाटक बेहद असरदार बन गया था.
मेरी नज़र में - "बच्चों से ऐसे विषय पर मंचन कराना बेहद
कठिन काम है किन्तु निर्देशक श्री संजय गर्ग इस नाटक के ज़रिए उन चुनिंदा
लोगों में शुमार हो गए हैं जिनको भारत में ख्याति प्राप्त हुई है. भोपाल में
समीक्षकों ने बॉबी नाटक को उत्कृष्ट बता कर पुनः मंचन करा था."
कुल मिला कराकर नाट्य लोक संस्था द्वारा
प्रस्तुत नाटक को श्रेष्ठ बाल नाटकों की सूची में रखा जा सकता है.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thanking you For Visit