चार दिवसीय पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों का समापन
संभागीय बालभवन द्वारा दिनांक 3 जून 2017 से 6
जून 2017 तक पर्यावरण संरक्षण हेतु वातावरण निर्माण के लिए चित्रकला, संगीत,
साहित्यिक शिविरों / कार्यशालाओं का चार
दिवसीय आयोजन संपन्न हुआ.
प्रथम
दिवस :- दिनांक 3 जून 2017
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पर्यावरण
एवं साहित्य :- दिनांक 3 जून 2017 से 5 जून 2017 तक डा संध्या
शुक्ला “मृदुल” द्वारा गीत एवं कविता कार्यशाला
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नाट्य –
कार्यशाला :- दिनांक 3 जून 2017 से 6 जून 2017 तक , राजस्थान के खेजड़ली के 363
स्त्री-पुरूषों के बलिदान की कहानी
के आधार पर नाटिका तैयार की जा रही है . जिसकी प्रस्तुति 6 जून को बालभवन परिसर
में प्रात: 09 बजे होगी . इस कार्यशाला को बालभवन की पूर्व छात्रा कु. मनीषा तिवारी
द्वारा संचालित की जा रही है.
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हरीतिमा
हस्तलिखित पत्रिका :- दिनांक 3 जून 2017 से 5 जून 2017 तक श्रीमती निशा गौर एवं कु. रेशम ठाकुर के
निर्देशन में तैयार हस्त लिखित पुस्तिका हरीतिमा का निर्माण किया गया है जिसका
विमोचन दिनांक 6 जून को माननीय मंत्री जी श्री शरद जैन जी, के कर कमलों से होगा.
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संगीत
रचना कार्यशाला :-
दिनांक 3 जून 2017 से 4 जून 2017 तक संपन्न संगीत रचना कार्यशाला, डा शिप्रा
सुल्लेरे के मार्गदर्शन में सपन्न हुई
द्वितीय
दिवस :- दिनांक 4 जून 2017
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सभी
कार्यशालाओ का द्वितीय दिवस
तृतीय दिवस :- दिनांक 5 जून 2017
“बालभवन की सृजनात्मक गतिविधियाँ सराहनीय हैं :
श्री शरद जैन ”
“संभागीय बालभवन की सृजनात्मक
गतिविधियाँ न केवल सराहनीय हैं बल्कि इस संस्थान से शिक्षण संस्थाओं को सहयोग भी
लेना चाहिए. मुझे यह जानकर प्रसन्नता होती है कि – बाल भवन के बच्चे राष्ट्रीय एवं
प्रादेशिक स्तर पर संस्कारधानी का नाम रोशन कर रहे हैं. विश्व पर्यावरण दिवस पर
आयोजित वृक्षारोपण एवं सांस्कृतिक
कार्यक्रम नन्हें बच्चों के लिए प्रेरक और
आवश्यक है. मैं संभागीय बालभवन जबलपुर के विकास के लिए हर संभव मदद करूंगा .”
मुख्यअतिथि श्री शरद जैन (
राज्यमंत्री, मंत्री चिकित्सा शिक्षा ) ने तदाशय के विचार व्यक्त करते हुए यह भी
कहा कि – “पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा न केवल राष्ट्रीय चिंता और चिंतन का
मुद्दा है अपितु यह मुद्दा वैश्विक स्तर पर चिंता और चिंतन का विषय भी है बच्चों में
जल संरक्षण वायु प्रदूषण से मुक्ति, स्वच्छता अभियानों के प्रति जन जागरूकता लाने
की बेहद ज़रूरत है बालभवन न केवल कलात्मक बल्कि क्रियात्मक रूप से शिक्षित
प्रशिक्षित किया जा रहा है . मैं बालभवन की सराहना किये बिना नहीं रह सकता”
इस अवसर पर पूर्व अतिरिक्त
पुलिस अधीक्षक एवं साहित्यकार श्री अनिल वैद्य ने बच्चों को तुलसी एवं नीम तथा
फलदार वृक्षों के रोपण एवं संरक्षण के लिए प्रेरणाप्रद विचार व्यक्त किये .
समाज-सेवी श्री सत्येन्द्र
शर्मा ने बालभवन के विकास और उसे अत्यधिक महत्वपूर्ण उपयोगी संस्थान बताते हुए
बताया कि- अब बाल भवन में प्रतिवर्ष 1200
से अधिक बच्चे प्रवेश ले रहे हैं तथा बालभवन के लिए सामुदायिक सहयोग बेहद
आवश्यक है.
बालभवन की उपलब्धियों एवं
आयोजित कार्यक्रम की आवश्यकता पर संचालक गिरीश बिल्लोरे ने प्रकाश डाला .
कार्यक्रम में श्रीमती निशा
गौर एवं कुमारी रेशम ठाकुर एवं रश्मि सिंह बघेल के मार्गदर्शन में निर्मित हरीतिमा
नामक हस्तलिखित कृति का विमोचन किया गया .
डा शिप्रा सुल्लेरे एवं श्री
सोमनाथ सोनी के निर्देशन में बच्चों ने सामूहिक पर्यावरण गीतों का गायन किया .
बालभवन भोपाल की नेत्र दिव्यांग छात्रा कुमारी तान्या शर्मा का गायन विशेष आकर्षण का कारण रहा.
माननीय मुख्यअतिथि श्री शरद
जैन जी ने कुमारी रेशम ठाकुर के निर्देशन में निर्मित चित्रकथा “खेजडली से टिहरी
तक” का अवलोकन किया तथा परिसर में
पौधा रोपित किया.
कार्यक्रम के आरम्भ में
सरस्वती वन्दना , अतिथियों का स्वागत, श्रीमती विजयलक्ष्मी ऐय्यर , श्रीमती मीना
सोनी डा शिप्रा सुल्लेरे, सोमनाथ सोनी, देवेन्द्र यादव द्वारा किया गया. कार्यक्रम
का आकर्षक एवं प्रभावी संचालन श्री आशुतोष
तिवारी ने जबकी आभार प्रदर्शन श्री इन्द्र पांडे ने किया . कार्यक्रम के आयोजन में
मनीषा तिवारी श्री टेकराम डेहरिया का
विशेष योगदान रहा .
चतुर्थ
दिवस :- दिनांक 6 जून 2017
·
श्री सुनील खरे
उप संचालक पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड के सहयोग से पेंटिंग काम्पीटीशन का आयोजन
तथा “खेजड़ली के वीर” नाटिका का प्रदर्शन कि या गया .
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