डिंडोरी में बजाग क्षेत्र के आदिवासियों ने कला के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। रामप्रसाद गोंड ने वैसे तो दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण की लेकिन हालात और मजबूरियों ने उन्हें पढ़ाई छोड़ने पर विवश कर दिया हालाकि गांव में हुई एक कार्यशाला ने परिवार की गाड़ी चलाने के लिए उनके हाथों में वो जादू कर दिया कि अब वो किसी के सामने मोहताज नही है ।डिंडोरी से लेकर भोपाल में अपनी हस्त कला का जादू बिखेरने बाले रामप्रसाद पल भर में लकड़ी में वो कलाकारी करते है कि देखने बाले लोग अपने दांतों तले उंगुलियां दबा लेते है ।
रामप्रसाद को लकड़ी में देवी देवताओं के अक्स नामी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों अभिनेताओं की तस्वीरें बनाने में महारत हासिल है ।रामप्रसाद की हस्तकलाओं से प्रभावित होकर नगर के प्रसिद्ध उद्योगपति बलबीर खनूजा ने फिलहाल उन्हें अपनी आरा मशीन में रोजगार दिया है जहां रामप्रसाद की हस्तकला से बनाये जा रहे आकर्षक फर्नीचर लेने लोगों की भीड़ जुट रही है ।
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