नेत्रज्योति विहीन पर स्वर सामर्थ्य से युक्त हैं हम...!
*नेत्र दिव्यांग छात्राओं के लिए संकल्पित बालभवन जबलपुर*
हाल ही स्वच्छ भारत अभियान के लिए इस बार बालभवन ने एक जबरदस्त प्रयोग किया । इस प्रयोग में नेत्रहीन कन्या विद्यालय की 23 बालिकाओं को स्वच्छ भारत अभियान पर केंद्रित समूह गीत गायन का प्रशिक्षण दिया गया है ।
स्मरण हो विगत वर्ष संभागीय बाल भवन जबलपुर द्वारा नेत्र दिव्यांग बेटियों को संगीत सिखाने की मुहिम छेड़ रखी है इस संगीत कक्षा का शुभारंभ नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री लखन घनघोरिया जी ने किया था । और इस वर्ष हमने इन बेटियों को विधिवत एक प्रोफेशनल ग्रुप के रूप में तैयार भी कर दिया है ।
*संगीत प्रशिक्षण का संकल्प कैसे साकार हुआ*
भंवरताल स्थिति नेत्रहीन विद्यालय जो एक आवासीय संस्थान है में संगीत के उपकरणों की प्राथमिक ज़रूरत को
पूर्ण करने के उपरांत ही बालिकाओं को संगीत की विधिवत शिक्षा दी जा सकती थी अतः यह समस्या सहज ही मेरे 89 वर्षीय पिता श्री काशीनाथ जी बिल्लोरे एवं मेरे बड़े भाई श्री सतीश बिल्लोरे जी ने हाल कर दी । तदुपरांत बालभवन से जोड़कर प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया । बालिकाओं को संगीत सिखा कर उन्हें प्रोफेशनल स्तर पर खड़ा करने की कोशिश करने में डॉ शिप्रा सुल्लेरे का अद्भुत योगदान है इसके साथ ही तबला प्रशिक्षक श्री सोमनाथ सोनी भी नियमित रूप से वहां जाते हैं तथा प्रशिक्षण में सहयोग करते हैं ।
दिव्यांग बच्चों के लिए संगीत के अलावा और भी प्रशिक्षण कार्य कर सकते हैं । फिलहाल बालभवन के लिए जो सम्भव है वो किया जा रहा है ।
उनकी संगीत प्रतिभा को निखारने का संकल्प जारी है । हम इस गणतंत्र दिवस में उनके गायन को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करने के लिए सक्षम होंगे ऐसा हमें विश्वास है नेत्र दिव्यांग बालिकाओं इस बैंड को नगर निगम के प्रयोग के तौर पर विगत 7 सितंबर 2019 को होटल विजन महल में मावे संस्था द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय इन्वेस्टर मीट में प्रथम बार प्रस्तुत किया गया था । सितंबर 2019 के अंत तक पुनः प्रदर्शन किया जावेगा ।
नेत्र दिव्यांग बालिकाओं द्वारा समूहगान कार्यक्रम की परिकल्पना के लिए (सहायक आयुक्त नगर निगम जबलपुर ) श्रीमती एकता अग्रवाल जी एवं अपर आयुक्त (फाइनेंस, नगर निगम जबलपुर) श्री रोहित कौशल जी ने हनन प्रस्ताव दिया । प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के कोऑर्डिनेटर कुमारी शैलजा सुल्लेरे एवम श्री पूनम चंद मिश्र प्राचार्य, नेत्रहीन कन्या विद्यालय की असली भूमिका थी ।
बालिकाओं के प्रशिक्षण से प्रदर्शन तक डॉ शिप्रा सुल्लेरे का उल्लेखनीय योगदान अविस्मरणीय है ।
*गायिकाओं की सूची - मोना , नीलम, गुनिता, हर्षिता, शिवकुमारी, दसोदा, सीता बर्मन, ललित, महिमा,रोशनी, चन्द्रकला, सोनिया, शिवानी-1, प्रीति, सुरजना, सरिता, बिट्टू, वर्षा, सुमंती, गुड़िया, सिया कुमारी, अर्चना एवम शिवानी-2*
*मेंटर एवम संगीत सहयोग :- डॉ शिप्रा सुल्लेरे हारमोनियम , गिटार- श्रेया ठाकुर, तबला-मनीषा तिवारी,*
प्रेषक
गिरीश कुमार बिल्लोरे
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