किसी के लिए दिशा सूचक बनने का सुख
गिरीश बिल्लोरे “मुकुल” आज नगर निगम का एक स्वीपर अपने बेहद उत्साही बेटे को बालभवन में लाया तो बेहद खुश हुआ... मन उसने बताया 72% अंक लाने वाले बच्चे की हैण्ड रेटिंग सुधारवानी है . इसे एडमिशन दीजिये . मैंने बताया हम क्रिएटिव राइटिंग की क्लास लगाएंगे फिर क्रिएटिव राइटिंग के बारे में बताया. पिता उदास होकर जाने लगा तो मैंने उसे समझाया -. फिर भी पिता उदास हुआ. उसके मानस में बस सुंदर लिपि सीखने की इच्छा थी. जिससे पढ़ाई में मदद मिलेगी पिता के मन में पढ़ाई के लिए बेहद आदर्श रुख है इसमें कोई दो मत नहीं परन्तु जीवन केवल किताबी ज्ञान से नहीं चल पाएगा, उस बच्चे को भी वही लैगैसी शिफ्ट हुई थी . बच्चे न कहा – “सर, मैं केवल वो काम करूंगा अध्ययन में सहायक हो ” मैंने सवाल किया- “क्या बाकी किसी खेलकूद जैसी एक्टिविटी में हिस्सा लेते हो ..?” वो- “नहीं, उससे कोई फ़ायदा न होगा पढ़ाई में ” मैं- “तो कुछ तो करते होगे ” वो- “हाँ, घर में झाडू पौंछा बरतन आदि साफ़ ...