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ग्रीष्मकालीन शिविर के लिए पंजीयन शुरू हुआ

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प्रदर्शनकारी व सृजनात्मक कलाओं में दक्ष बनेंगे बच्चे ग्रीष्मकालीन शिविर के लिए पंजीयन शुरू हुआ जबलपुर 23 मार्च 2015             अपने बच्चे को प्रदर्शनकारी व सृजनात्मक कलाओं में दक्ष बनाने तथा उसमें खेल - कूद एवं विज्ञान के प्रति दृष्टिकोण का विकास सुनिश्चित करने के इच्छुक अभिभावक संभागीय बाल भवन में सम्पर्क कर सकते हैं। बाल भवन केसरवानी कालेज के आगे , छोटी मस्जिद के सामने स्थित है और यहां प्रात : 10.30 बजे से शाम 5 बजे तक सम्पर्क किया जा सकता है। बाल भवन में 5 + से 16 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों ( बालिकाओं के लिए आयु सीमा 18 वर्ष ) को प्रशिक्षण दिया जाता है।           संचालक बाल भवन श्री गिरीश बिल्लोरे ने बताया कि बाल भवन जबलपुर द्वारा प्रदर्शनकारी एवं सृजनात्मक कलाओं तथा खेल - कूद आदि के लिए ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु पंजीयन आरंभ कर दिए गए हैं। अपने बच्चों को इन प्रशिक्षणों का लाभ दिलाने के इच्छुक अभिभावक बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र , द...

बाल-भवन जबलपुर एक बहुद्देशीय केंद्र

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  बच्चों में प्रदर्शनकारी रूपंकर एवं ललित कलाओं के विकास   , विज्ञान के प्रति दृष्टिकोण एवं खेल के लिए बच्चों की अभिरुचि के विकास के लिए संभागीय बाल-भवन एक बहुद्देशीय केंद्र के रूप में वर्ष 2007 से गढ़ा फाटक , मुख्यमार्ग केशरवानी महाविद्यालय के आगे संचालित है । उद्देश्य : - इन प्रशिक्षणों का उद्देश्य यह   है   बच्चों में विषय का ज्ञान , नया नजरिया एवं प्रभावशाली अभिव्यक्ति सम्पुष्ट हो सके   ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। उक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु बालभवन जबलपुर में बच्चो के लिए निम्नानुसार प्रशिक्षणसत्र   5+ से 16 वर्ष तक के बच्चों के लिए चलाए जाते हैं 1. पूर्णकालिक प्रशिक्षण 2. अल्पकालिक प्रशिक्षण 1. पूर्णकालिक प्रशिक्षण : बालभवन जबलपुर   में नियमित रूप से बच्चों को छ: तरह के पूर्णकालिक प्रशिक्षण दिये जाते हैं , जो प्रत्येक दिन दो-दो घंटे के तीन सत्रों में चलता है। बच्चे अपनी इच्छानुसार किसी भी विधा में किसी भी समय आकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। संबंधित क्षेत्र के योग्य एवं अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा यह प्रशिक्षण द...

राजशेखर समारोह में बालभवन जबलपुर की श्रीमती रेणु पाण्डे पुरस्कृत

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"Balbhavan Jabalpur के खाते में एक और बालश्री एवार्ड जोड़ा शुभम ने "

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 आयुक्त श्रीयुत खाण्डेकर जी के साथ शुभम ‪ # ‎ शुभमराज _ अहिरवार अभावों से जूझता किशोर 11 वीं का छात्र , पिता सब्जी का ठेला लेकर फेरी लगाते हैं बढ़ते बच्चों के सपने पूरे करने एवं परिवार के भरण पोषण के लिए ये परिस्थियाँ अनुकूल कदापि नहीं मानी जा सकतीं निम्न आय वर्ग के जगदीश अहिरवार का बेटा एक डूबा हुआ कलाकार अपने सुनहरे कल के स्वागत के लिए खुद को तैयार करने के लिए तत्पर........ उसके बनाए चित्रों में मौलिकता साफ साफ झलकती है . श्रीमती रेणु पाण्डे   बालश्री एवार्ड   वर्ष 2013 के लिए शुभमराज  लगातार अथक परिश्रम कर देश भर से आए बच्चों में अपना अधिकार साबित कर ही दिया । शुभम की इस उपलब्धि के पीछे श्रीमती रेणु पाण्डे , कला-अनुदेशिका  की भूमिका सर्वोपरि है । साथ ही यह कहना सही ही होगा कि अभाव किसी भी तरह से चमक को चुनौती दे ही नहीं सकते । शुभम पर विस्तृत आलेख शीघ्र .............. प्रतीक्षा कीजिये ....