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संगीत एवं योग दिवस : योगासन एवं संगीत रागों की जुगलबंदी

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संभागीय बालभवन में संगीत एवं योग दिवस का आयोजन किया गया संभागीय बालभवन में   योग और संगीत के कार्यक्रम में  30  योगासन एवम  20  से अधिक संगीत रागों की जुगलबंदी हुई । डॉ शिप्रा सुल्लेरे    की संगीत रचनाओं पर श्री देवेन्द्र यादव    ने योगाभ्यास कराया । इस प्रयोग में ओमकार उदघोष के अलावा संगीत और योग के अंतर्संबंधों की सरल व्याख्या करते हुए शरीर पर योग और संगीत के सकारात्मक प्रभाव के महत्व को डॉ शिप्रा सुल्लेरे ने सरलभाषा में समझाया । बालभवन द्वारा संगीत एवम योग दिवस आयोजित इस कार्यक्रम में  300  से अधिक बालकला साधक  मौजूद थे ।

मातृभूमि के सच्चे बेटों की करना रक्षा हे भगवान !! : उन्नति तिवारी

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देश के सैनिक सूरज ऊगे सूरज डूबे   , हर क्षण मेहनत करते सैनिक . इस देश की रक्षा की खातिर , हर दर्द सहज हो सहते  सैनिक. चाहे ठंड रहे , या  धूप रहे.   या बादल गीली बात कहे , रुकते न कभी ये वीर सिपाही   , ऋतु  ऋतु के तीखे वार सहें . देश प्रेम के  भाव भरे मन नहीं है थकते उनके तनमन , सियाचीन लद्दाख समंदर , इनके लिए खेल के आँगन  . मां बाबा बेटी बेटों को   छोड़ गाँव गलियाँ खेतों को मातृभूमि की आन बचाने   नापा करते परबत खेतों को    सुखी नींद की वजह है सैनिक , निर्भयता की वजह है सैनिक . इनका कर्ज़ चुकाऊँ कैसे-   देव तुल्य भारत के सैनिक   सदा करें हम इन्हें सलाम , सदा कहें जय वीर जवान. मातृभूमि के सच्चे बेटों की रक्षा करना हे भगवान !             - # उन्नति _ तिवारी

चार दिवसीय पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों का समापन

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संभागीय बालभवन द्वारा दिनांक 3 जून 2017 से 6 जून 2017 तक पर्यावरण संरक्षण हेतु वातावरण निर्माण के लिए चित्रकला, संगीत, साहित्यिक शिविरों / कार्यशालाओं का  चार दिवसीय आयोजन संपन्न हुआ. प्रथम दिवस :- दिनांक 3 जून 2017 ·        पर्यावरण एवं साहित्य :-  दिनांक 3 जून 2017 से 5 जून 2017 तक डा संध्या शुक्ला “मृदुल” द्वारा गीत एवं कविता कार्यशाला ·         नाट्य – कार्यशाला   :- दिनांक 3 जून 2017 से 6 जून 2017 तक  , राजस्थान के खेजड़ली के 363 स्त्री-पुरूषों के बलिदान की कहानी के आधार पर नाटिका तैयार की जा रही है . जिसकी प्रस्तुति 6 जून को बालभवन परिसर में प्रात: 09 बजे होगी . इस कार्यशाला को बालभवन की पूर्व छात्रा कु. मनीषा तिवारी द्वारा संचालित की जा रही है. ·        हरीतिमा हस्तलिखित पत्रिका  :- दिनांक 3 जून 2017 से 5 जून 2017 तक  श्रीमती निशा गौर एवं कु. रेशम ठाकुर के निर्देशन में तैयार हस्त लिखित पुस्तिका हरीतिमा का निर्माण किया गया है जिसका विमोचन दिनां...

“बालभवन की सृजनात्मक गतिविधियाँ सराहनीय हैं : श्री शरद जैन ”

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                  “संभागीय बालभवन की सृजनात्मक गतिविधियाँ न केवल सराहनीय हैं बल्कि इस संस्थान से शिक्षण संस्थाओं को सहयोग भी लेना चाहिए. मुझे यह जानकर प्रसन्नता होती है कि – बाल भवन के बच्चे राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर पर संस्कारधानी का नाम रोशन कर रहे हैं. विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित वृक्षारोपण एवं  सांस्कृतिक कार्यक्रम नन्हें बच्चों के लिए  प्रेरक और आवश्यक है. मैं संभागीय बालभवन जबलपुर के विकास के लिए हर संभव मदद करूंगा .” मुख्यअतिथि श्री शरद जैन ( राज्यमंत्री, मंत्री चिकित्सा शिक्षा ) ने तदाशय के विचार व्यक्त करते  हुए यह भी  कहा कि – “पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा न केवल राष्ट्रीय चिंता और चिंतन का मुद्दा है अपितु यह मुद्दा वैश्विक स्तर पर चिंता और चिंतन का विषय भी है बच्चों में जल संरक्षण वायु प्रदूषण से मुक्ति, स्वच्छता अभियानों के प्रति जन जागरूकता लाने की बेहद ज़रूरत है बालभवन न केवल कलात्मक बल्कि क्रियात्मक रूप से शिक्षित प्रशिक्षित किया जा रहा है . मैं बालभवन की ...

विश्व पर्यावरण दिवस पर बालभवन में होने वाली गतिविधियाँ

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        संभागीय बालभवन जबलपुर द्वारा “पर्यावरण संरक्षण एवं बच्चे” थीम पर आयोजित चार दिवसीय कार्यक्रम दिनांक 3 जून से प्रारंभ होंगे दिनांक 3-4  जून को बाल साहित्य कर्मी डा संध्या शुक्ला बच्चों को पर्यावरण पर केन्द्रित विषयों पर काव्य रचना आलेख रचना एवं अन्य साहित्य विधा में सृजन का प्रशिक्षण देंगी .         दिनांक 5 जून को प्रात: 09 :00 बजे माननीय राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा श्री शरद जैन जी के मुख्य आतिथ्य के रूप  में बालभवन परिसर में वृक्षारोपण, “खेजड़ी से टिहरी” विषय पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन एवं   “पर्यावरण संरक्षण एवं बच्चे” शीर्षक से बच्चों द्वारा तैयार कैलीग्राफी द्वारा श्रीमती निशा गौर एवं रेशम ठाकुर  प्रशिक्षिकाओं  द्वारा तैयार  हस्तलिखित पुस्तिका का विमोचन करेंगे.      विशिष्ट अतिथि के रूप श्रीमती मनीषा लुम्बा संभागीय उपसंचालक महिला सशक्तिकरण, सुश्री माधुरी रजक एवं श्री पुनीत मारवाह  सहायक संचालक   समाज सेवी  श्...

पोट्रेट्स : बाल नाटिका

पोट्रेट्स निर्देशक :- श्री संजय गर्ग , सहयोग कुमारी मनीषा तिवारी संगीत    :- डा  शिप्रा सुल्लेरे सहयोग :- कु. मुस्कान सोनी, साक्षी लेखक    :- गिरीश बिल्लोरे एवं कु. वैशाली बरसैंया प्रापर्टी    :- लाईट इफैक्ट्स :- गायन :- प्रस्तुति :- संभागीय बालभवन जबलपुर मध्यप्रदेश       अक्सर उसे किसी न किसी को अपमानित करते अथवा किसी की चुगली करते देखना लोंगों का अभ्यास सा बन गया था .    सुबह दोपहर शाम निंदा और चुगलियाँ करना    उसके जीवन का मौलिक उद्देश्य था . कई लोगों ने कई बार सोचा कि उसे नसीहत दी जावे पर इस प्रकार का काम करने का लोग जोखिम इस वज़ह से नहीं उठाना चाहते क्योंकि वे जानते हैं कि अति के दुःखद परिणामों का आना निश्चित ही होता है . :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: मैं अनुज  हूँ एक आर्टिस्ट मेरी उम्र पर मत जाना मेरे अनुभव से सीख ले सको तो सीख लेना........ आप क्या जानें मेरी अपनी इस छोटी से उम्र ने वो कुछ मुझे सिखाया है जो सौ साल जीने वालों को हासिल नहीं होता ...