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उन्नति तिवारी का सपना कलेक्टर बनने का है

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ग्राम बरौदा तहसील पाटन के निवासी पुरोहित का कार्य करने वाले पंडित गौरी शंकर तिवारी एवम श्रीमती शोभना तिवारी की 15 वर्षीय बेटी उन्नति तिवारी ने गायत्री परिवार जबलपुर के प्रतिष्ठित वाइस ऑफ प्रज्ञा प्रतियोगिता 2018  बी ग्रुप में  पहला स्थान हासिल किया है, जिसमें गायत्री परिवार की ओर से उसे स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र, एक लैपटॉप, सहित लगभग 30 हज़ार रुपयों की सामग्रियों से भरे गिफ़्ट-हैम्पर  प्रदान किये । वाइस ऑफ प्रज्ञा 2017 में द्वितीय स्थान अर्जित किया था । केंद्रीय विद्यालय सी एम एम में कक्षा - 9वीं की छात्रा है तथा आई ए एस बनना चाहती है । संगीत के क्षेत्र में सूफ़ी गायक के रूप में नाम कमाना चाहतीं हैं । इतना ही नहीं उन्नति कबड्डी की राष्ट्रीय टीम में जबलपुर का प्रतिनिधित्व करने वाली बहुमुखी प्रतिभा की धनी उन्नति तिवारी बालश्री सम्मान के लिए प्रादेशिक स्तर तक पहुंची थीं Voice of pragya we 2018 में प्रथम पुरस्कार पाकर उन्नति चेहरे पर मुस्कान के बिखेरते हुए कहा कि यह सम्मान सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि उन सभी को मिला है जो जिन्होंने मेरे लिए मेहनत की व मेरी तैयार किया । ...

उपलब्धियों से भरे ये दो माह सितम्बर से अक्टूबर 2018

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कला, नृत्य एवं आध्यात्म की त्रिवेणी बनारस के घाटों पर इन दिनों चर्चा का विषय है- एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा बनारस में 800 दिनों के लिए घाट संध्या कार्यक्रम का आयोजन तय किया है, जिसमें देश के महान कलाकार सुनाम धन्य प्रतिष्ठित कलाकार प्रस्तुति देते हैं . इस क्रम में बालभवन के दो बालकलाकार को आमत्रण मिला . हुआ यूँ कि  यूट्यूब मौजूद सन्मार्ग एवं संकल्प परांजपे के वीडियो से प्रभावित होकर आयोजन समिति द्वारा इन बाल कलाकारों को आमंत्रित किया तथा इन्हें 30 सितंबर एवं 1 अक्टूबर 2018 को प्रस्तुति देने का अवसर दिया गया. यह प्रस्तुतियां आयोजन के 605वें दिन हुई और 606वें दिन बनारस के अस्सी घाट पर संपन्न हुई. बाल भवन जबलपुर के दो बाल कलाकारों ने काशी के घाट पर होने वाली घाट संध्या में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाना जबलपुर के लिए गौरव की बात है. गुरु मोती शिवहरे के मार्गदर्शन में शिक्षा प्राप्त कर रहे कथक नृत्य साधक संकल्प और सन्मार्ग परांजपे के पिता संदीप परांजपे और माता श्रीमती किरण परांजपे ने इन दोनों बच्चों को कथक साधना में पारंगत करने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. संकल्प परांजपे ए...

संभागीय बाल-भवन 2018 14 सितम्बर से 2 अक्टूबर गतिविधियाँ

हिन्दी दिवस पर संगोष्ठी संभागीय बालभवन एवं नेहरू युवा केन्द्र भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से हिंदी दिवस का आयोजन दिनाँक 14 सितंबर 2018 को बालभवन जबलपुर में आयोजित किया गया । इस अवसर पर *हिंदी में बाल साहित्य लेखन* विषय पर एक विचार गोष्ठी अतिथि माननीय मंत्री श्रीयुत शरद जैन जी कहां थी बच्चों के समग्र विकास के लिए मातृभाषा एवं भारतीय भाषाओं की विकास की आवश्यकता है सिर्फ रोटी की भाषा नहीं है हिंदी बल्कि संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास की भाषा है हिंदी के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति हमारा सम्मान और निष्ठा जरूरी है समाचार  होंगे कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रुप में पंडित सुशील शुक्ला सदस्य जिला योजना समिति एवं अध्यक्ष बाल भवन सलाहकार एवं सहयोग समिति शुभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संपूर्ण विकास के लिए भाषा की शुद्धता की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता अतः आवश्यक है कि हम सतत रूप से भाषाई विकास हिंदी के प्रति अपने स्नेह भाव को बनाए रखें श्री मनीष शर्मा जिला कार्यक्रम अधिकारी मैं समस्त भाषाओं के प्रति सम्मान के साथ साथ हिंदी भाषा के विकास तथा उस...

Daughters Day

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#Daughters_Day मेरे कांधे पर जिस बेटी का सिर है वह है Shivani Billore बेटियों पर गर्व करना यह सारी बेटियां अब काम कर रही हैं मुझे गर्व है कि मेरी बड़ी बेटी शिवानी अगले दो-तीन दिनों में कंपनी की ओर से पुनः एक बार विदेश यात्रा पर होगी इस बार शिवानी जा रही है बेल्जियम के ब्रुसेल्स शहर में जो बेल्जियम की राजधानी है बीच में उसे उसे दुबई भी जाना था किंतु कंपनी की जो भी परिस्थिति रही हो शिवानी Ey में सीनियर एसोसिएट के पद पर पदस्थ है। बहुत कम वजन था जन्म के समय शिवानी का । शायद एक किलोग्राम , बाल विकास विभाग के अधिकारी के रूप में मेरे लिये शर्मनाक घटना थी । पर कभी भाग्य ही साथ न दे तो हम क्या कर सकते हैं । अक्सर डॉक्टर्स से उसके मज़बूत होने वजन बढ़ाने के तरीके घर के सभी लोग पूछा करते थे । किसी भी स्थिति में डॉक्टर्स कोई तरीका न खोज पाए । आज भी दुःख होता है कि काश जन्म के समय उसका वजन 2.5kg होता शायद हमारी देखभाल में कोई बड़ी कमी रही होगी ।  शिवानी पढ़ने में तेज थी पर गणित से मेरी तरह 36 का नाता था उसका । 10वीं क्लास में शिवानी ने कहा दिया था कि वह साइंस नहीं पढ़ेगी । मेरा समर्थन पा ...

हिंदी दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी

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  संभागीय बालभवन एवं नेहरू युवा केन्द्र भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से हिंदी दिवस का आयोजन दिनाँक 14 सितंबर 2018 को बालभवन जबलपुर में आयोजित किया गया । इस अवसर पर *हिंदी में बाल साहित्य लेखन* विषय पर एक विचार गोष्ठी अतिथि माननीय मंत्री श्रीयुत शरद जैन जी कहां थी बच्चों के समग्र विकास के लिए मातृभाषा एवं भारतीय भाषाओं की विकास की आवश्यकता है सिर्फ रोटी की भाषा नहीं है हिंदी बल्कि संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास की भाषा है हिंदी के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति हमारा सम्मान और निष्ठा जरूरी है .             कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रुप में पंडित सुशील शुक्ला सदस्य जिला योजना समिति एवं अध्यक्ष बाल भवन सलाहकार एवं सहयोग समिति शुभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संपूर्ण विकास के लिए भाषा की शुद्धता की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता अतः आवश्यक है कि हम सतत रूप से भाषाई विकास हिंदी के प्रति अपने स्नेह भाव को बनाए रखें श्री मनीष शर्मा जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा:-  समस्त भाषाओं के प्रति...

जनजागरण के लिए आगे आया संभागीय बालभवन जबलपुर

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*बालभवन जबलपुर की बाल प्रतिभाओं पॉक्सो के प्रचार प्रसार हेतु खुद साबित किया* पुलिस कन्ट्रोल रूम जबलपुर में श्रीमति सुप्रिया सिंह के मुख्य आतिथ्य एवं श्रीमति प्रज्ञा सिंह की अध्यक्षता तथा श्रीमति शुभश्री के विशिष्ट आतिथ्य में *पुलिस परिवार की महिलाओं एवं बच्चो के साथ बाल यौन शोषण के विरूद्ध जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया*. जिसमे पुलिस परिवार के 18 वर्ष से कम आयु की बालिका तथा महिलायें बड़ी संख्या मे उपस्थित हुई. पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय मे पदस्थ सहायक महानिरीक्षक सुश्री अंजूलता पटले ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुये बताया कि अधिकतर यौन शोषण हमारे बीच के पारिवारिक सदस्यों, अति घनिष्ट व्यक्तियों, परिचितों, पड़ोसियों द्वारा किया जाता है. हमें एैसे लोगों से सर्तक एवं सवाधान रहना है व अपनी बातों को अपने निकटतम परिजन को बताय ेंताकि बाल यौन शोषण के विरूद्ध समाज की मानसिकता को हम सब मिलकर बदल सके. महिला बाल विकास के अधिकारी अखिलेश मिश्रा एवं मनीष त्रिपाठी द्वारा लाडो अभियान एवं सामेकित बाल संरक्षण योजना के बारे मे विस्तृत जानकारी दी गयी. बच्चों को कोमल एंव सत्यमेव जयते फिल्म का...

समय से आगे का चिंतक महात्मा अटल

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आज स्तब्ध हो जाना लाज़िमी है जिसकी अवधारणा थी कि डेमोक्रेटिक सिस्टम में हिंसा और वैमनस्यता का कोई स्थान न नहीं । एक कवि के अतिरिक्त शायद ही कोई इतना नरम रुख रखता हो एक सियासी होने के बावज़ूद ।  हिंसा के विरुद्ध एक समरस वातावरण निर्माण की कोशिश को ये देश याद रखेगा । अटल बिहारी वाजपेयी जी के जबलपुर आगमन पर हम युवा पीढ़ी के लोग अक्सर उस सभा में ज़रूर जाते थे । मैं तो उनकी मानवीय संवेदनाओं पर आधारित जीवन क्रम का प्रभाव देखना चाहता था । उनके वक्तव्यों में समकालीन परिस्थितियों के लिए सामाजिक सहिष्णुता के लिए जो भी कंटेंट्स होते थे सृजन के विद्यार्थी के रूप में मेरे अनंत तक उतरती थी । वक्तता के रूप में अपनी ओर सम्मोहित करने के मुद्दे पर विश्व के महान वक्ताओं में श्रीमती इंदिरा जी , ओपराह विनफ्रे मार्टिन लूथर किंग, के ऊपर रखता हूँ । क्योंकि वे जो कहते थे उसे जीते भी थे उनकी जिव्हा से निकली ध्वनि कोरे शब्द न थे उनमें सत्यबोधित हो जाने के सहज गुण मैने ही नहीं सभी ने महसूस किए ही होंगे । उनको सियासी नज़रिये से न देख पाऊंगा क्योंकि उनकी छवि अधिसंख्यक भारतीयों में साहित्यकारों की थी । ...