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अंतरजाल पर मकबूल हुआ गीत – “लाडो पलकें झुकाना नहीं ..!” ........

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         माननीय मंत्री महिला बाल विकास श्रीमती मायासिंह एवं जबलपुर के सांसद श्री राकेश सिंह   ने   8 जनवरी 2016 को जबलपुर में आयोजित प्रथम सबला-सम्मेलन के अवसर पर रिलीज़ हुआ “लाडो पलकें झुकाना नहीं ..!” गीत यूट्यूब 04 चैनल्स पर अपलोड हो चुका है . संचालनालय महिला सशक्तिकरण भोपाल की परिकल्पना को आकार देने के लिए प्रयास किये विभाग के दो सहायक-संचालकों क्रमश: गीतकार   गिरीश बिल्लोरे, एवं गायक श्री सत्शुभ्र मिश्र ने . यूं तो यह गीत- महिला सशक्तिकरण की योजनाओं के प्रमोशन को लेकर तैयार हुआ पर गीत को सुनकर ऐसा प्रतीत होता है कि गीत विशुद्ध रूप से सामाजिक-मुद्दों को उकेरता है. जारी होने के दूसरे दिन तक वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड हुआ है. जबलपुर के सांसद श्री राकेश सिंह कलेक्टर एस एन रूपला ने इसे   अनूठा प्रयोग बताया तो विभाग की अपर-संचालक श्रीमती राजपाल कौर दीक्षित ने कहा-“गीत मुझे भावुक कर दिया है ”.   आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने गीत के निर्माण में लगी टीम की सराहना की है .  जबलपुर के एक अखबार ने गीत क...

सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कृतसंकल्पित है - महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह

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महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमति माया सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश शासन महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए कृत संकल्पित है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पहल कर महिलाओं के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक की व्यवस्था के लिए एक अलग से महिला सशक्तिकरण विभाग भी गठित कर दिया गया है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में 12 हजार 900 स्व-सहायता समूहों के गठन के साथ इनकी बीएलसी और महासंघ गठित कर संचालित गतिविधियों से महिलाएँ सशक्त होती जा रहीं है। इन समूहों के माध्यम से वे अपनी गतिविधियॉ संचालित कर समाज के बीच अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। श्रीमती सिंह आज मण्डला जिले के ग्राम चिरईडोगरी (रेल्वे) में तेजस्विनी मॉ रेवा नर्मदा महिला संघ एवं महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहीं थी। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री शैलेष मिश्रा, जनपद पंचायत मण्डला की अध्यक्ष श्रीमती पांचो बाई पदम, नैनपुर कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष श्री प्रकाश कटारे, जनपद सदस्य श्री चन्द्रशेखर, महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया, महिला सशक्तिकरण विभाग की ...

“लाडो कुछ भी हो पलकें झुकाना नहीं..!!”

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                       आंसुओं से ये आँखें भिगोना नहीं लाडो कुछ भी हो पलकें झुकाना नहीं . आंसुओं से ये आँखें भिगोना नहीं लाडो कुछ भी हो पलकें झुकाना नहीं . मेंहदी कंगन माथे की बिंदिया तले बेटियाँ अब कभी न इनसे दबें , मेंहदी कंगन माथे की बिंदिया तले बेटियाँ अब कभी न इनसे दबें , निर्भया की कसम लाडो में हो ये दम हो जो साहस तो थमेंगे  सिलसिले ..! बोझ हैं बेटियाँ ये गीत गाना नहीं..! लाडो कुछ भी हो पलकें झुकाना नहीं . हो जहां पराजय हो,  हों  गीत हार के साजो सामां मिलें झूठे  श्रृंगार   के पढ़ सको न किताबें , गीत लिख न सको रिश्ते नातें बुनें हों व्यापार से ऐसी राहों पे लाडो को जाना नहीं ...! कुछ भी हो लाडो पलकें झुकाना नहीं . बेटा और बेटी की एक ही है  माँ फिर बराबर नहीं क्यों दौनों  यहाँ .. ? भाइयों से तुम हो कमतर कहाँ .. ? कोख पे अब निशाना लगाना नहीं ...! कुछ भी हो माँ पलकें झुकाना नहीं !! स्वागतम लक्ष्मी.. स्वागतम स्वागतम लाडो स्वागतम लाडली का जो हो घ...

हर बिटिया को देना होगा, जीवन का हर ज्ञान !

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“सबला-गीत” दृढ़ निश्चय करके हमने,  किया आज ऐलान हर बिटिया को देना होगा, जीवन का हर ज्ञान ! जिस घर आँगन विदुषी बिटिया वो घर ही धनवान जिस घर की बेटी हो सबला वो घर ही बलवान !! :::::::::::::::::::: माँ सोई तो अभिमन्यु ने विजय द्वार न पाया जागी मात जसोदा ने, तिरलोक का दर्शन पाया ! अर्थ यही है बेटी को भी होने दो हर ज्ञान – तब सच में पाएगा भारत विश्व गुरु का मान ..!!    :::::::::::::::::::: “निर्णय-क्षमता” के विकास का, देना है अधिकार स्वस्थ्य रहे सबल हो बेटी, पक्का हो आधार ! कल की माएं होंगी सक्षम, फिर करना अभिमान – नए दौर में नए क्षितिज का करना है निर्माण !! ::::::::::::::::::::

अपना बचपन न छिनने दो : बाबुषा कोहली

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          “प्रेम गिलहरी : दिल अखरोट” की रचनाकार साहित्यकार श्रीमती बाबुषा कोहली टाक शो के अंतर्गत बालभवन के बच्चों चर्चा में कहा कि – आज के दौर का सबसे बड़ा  संकट बचपन छिनने का संकट है । अत्यधिक सूचनाओं के प्रवाह से बाल-मनोस्थितियां बेहद विचलित हुई है ।  आज समय से पहले बच्चों का बड़ा हो जाना एक मजबूरी है । साहित्य एक ठहराव की प्रेरणा देता है । ताकि मासूम बचपन भ्रम की स्थिति में न हो । हमारे दौर में हम बालसाहित्य से जुड़े होते थे । जो हमारे भाषाई विकास में सहायक साबित हुआ । पर अब चैट में प्रयुक्त हो रही  शब्दावली से न तो हिन्दी अँग्रेजी अथवा अन्य किसी भी भाषा को लाभ नहीं हुआ । तदाशय के विचार  श्रीमती  बाबुषा  कोहली ने बालभवन द्वारा आयोजित टाक शो में बच्चों द्वारा किए सवालों के जवाब में कही गई ।                इस अवसर पर वर्षांत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में बाल-भवन के बच्चों ने दी । कार्यक्रम में  गिरीश बिल्लोरे संचालक बालभवन ,   ...

बालश्री विजेता

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  20 अगस्त 1997 को जन्मे   शुभम   के पिता   श्री जगदीश राज अहिरवार पेशे से सब्जी व्यापारी हैं . 2007 में  बाल भवन में बेटे को उसकी रूचि देखते हुए  संभागीय बाल भवन में प्रवेश दिलाया । रोज़ कमाने वाले जगदीश बच्चों के भविष्य को लेकर बेहद संवेदित हैं . बच्चों को घरेलू आर्थिक परेशानियों से अप्रभावित रखने वाली शुभमराज माताजी श्रीमती कोमल का सपना है –“ बच्चे के  सारे सपने पूरे हों.... ! ”            तीन भाईयों में शुभम सबसे बड़े बेटे शुभम जिसका रुझान बचपन से ही    चित्रकारी में है जबकि अन्य छोटे भाई खेल और पढ़ाई में रुचि रखते हैं ।               शुभम का     चित्रकला के प्रशिक्षण का सपना बाल-भवन ने    पूरा किया । उसका मानना है हमें    खुद के विकास के    लिए    अच्छे अवसर एवं अच्छे स्थान की तलाश    करनी चाहिए मुझे बालभवन जबलपुर में आकर अपने सपने पूरा करने का मौका मिला...

लाड़ो-अभियान अंतर्गत रंगों-की-उड़ान प्रदर्शनी आमंत्रण

                   दिनांक 22 से 23 दिसंबर 15 तक आयोजित रंगों की उड़ान दो-दिवसीय कला-प्रदर्शनी का आयोजित है उपरोक्त कार्यक्रम में आप सपरिवार  सादर आमंत्रित हैं कार्यक्रम ·        उदघाटन सत्र :- दिनांक 22 दिसंबर 2015 अपरान्ह 03:00 बजे से ·        सांस्कृतिक कार्यक्रम ·        लाड़ो-अभियान ब्रांड एम्बेस्ड़र ईशिता एवं जबलपुर  जिले की लाड़ो-अभियान ब्रांड एम्बेस्ड़र का  सम्मान एवं  पट्टिका अलंकरण    ·         प्रदर्शनी का अवलोकन    ·        समापन  सत्र :- दिनांक 23 दिसंबर 2015 प्रात:11 बजे से ·          प्रदर्शनी का अवलोकन ·        मार्शल-आर्ट दीक्षांत-प्रदर्शन ·    ...